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कौन हैं IPS इल्मा अफरोज? हिमाचल में कांग्रेस विधायक से विवाद हुआ, फिर लंबी छुट्टी पर भेज दी गईं

रिपोर्ट की माने तो IPS इल्मा अफरोज 13 नवंबर को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक के बाद अचानक देर रात बद्दी लौट आईं थीं. जिसके बाद वो अपना सामान पैक कर उत्तर प्रदेश स्थित अपने घर लौट गईं.

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IPS इल्मा अफरोज. (फोटो- X)

IPS ऑफिसर इल्मा अफरोज (IPS Ilma Afroz Baddi SP). पिछले कई दिनों से चर्चा में बनी हुई हैं. हिमाचल प्रदेश कैडर की इस अफसर को कथित तौर पर दून के कांग्रेस विधायक राम कुमार चौधरी के साथ विवाद के बाद लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है. इल्मा अफरोज 2017 बैच की IPS ऑफिसर हैं. फिलहाल, बद्दी की पुलिस अधीक्षक हैं.

अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट ‘दी प्रिंट’ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, एसपी अफरोज ने कांग्रेस विधायक राम कुमार चौधरी से जुड़े वाहनों के चालान काटे थे. इसके बाद से दोनों के बीच विवाद बढ़ता चला गया. सूत्रों का कहना है कि चौधरी और अफरोज के बीच कुछ समय से तनातनी चल रही थी. हालांकि, 6 नवंबर से छुट्टी पर भेजी गईं इल्मा के मामले में विधायक ने किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया है.

अवैध खनन से जुड़ा मामला

रिपोर्ट बताती है कि पूरे मामले की शुरुआत 4 अगस्त को हुई थी. अवैध खनन के खिलाफ अपने सख्त रुख के लिए जानी जाने वाली अफरोज ने विधायक की पत्नी कुलदीप कौर से जुड़े एक वाहन का चालान काटा था. ये वाहन अवैध खनन में इस्तेमाल किया जा रहा था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बद्दी-दून क्षेत्र में अवैध खनन गतिविधियों के लिए उन पर जुर्माना लगाया गया था. पुलिस ने अवैध खनन को लेकर छापेमारी भी की, और खनन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीनें जब्त कर ली थीं.

जानकारी के मुताबिक, अफरोज का चौधरी से जुड़े कई करीबी लोगों से भी टकराव हुआ था. सितंबर में चौधरी ने राज्य विधानसभा में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव भी पेश किया था. इतना ही नहीं, एक सूत्र ने जानकारी दी कि जब एसपी अफरोज जिले में पहुंचीं तो उन्हें सलाह दी गई कि वो यहां शांतिपूर्ण तरीके से रहने के लिए विधायक की पत्नी कौर से मिलें. लेकिन अफरोज ने इस सलाह का पालन नहीं किया.

रिपोर्ट की माने तो IPS अफरोज 13 नवंबर को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक के बाद अचानक देर रात बद्दी लौट आईं थीं. जिसके बाद वो अपना सामान पैक कर उत्तर प्रदेश स्थित अपने घर लौट गईं. अफरोज ने दी प्रिंट को बताया,

"व्यक्तिगत कारणों से मैं अपने गृहनगर मुरादाबाद जा रही हूं. अभी के लिए मैंने अपनी जिम्मेदारियां एएसपी, बद्दी को सौंप दी हैं."

इल्मा अफरोज उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले की रहने वाली हैं. जब वो महज 14 साल की थीं, तो उनके पिता की कैंसर की वजह से मौत हो गई. उनके पिता पेशे से किसान थे. इसके बाद उनकी मां ने उन्हें और उनके 12 साल के भाई की देखरेख की.

2017 में UPSC निकाला

इल्मा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक सेंट स्टीफन से फिलॉसफी में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. इसके बाद वो हायर एजुकेशन के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी गईं. यहां पढ़ाई के दौरान वो पेरिस में साइंसेज पो एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए सेलेक्ट हुईं. बाद में उन्होंने न्यूयॉर्क में मैनहट्टन के एक वॉलंटरी सर्विस प्रोग्राम में भी भाग लिया.

इल्मा अफरोज को न्यूयॉर्क की एक फाइनेंशियल कंपनी में अच्छे पैकेज पर नौकरी का बेहतरीन ऑफर मिला था, लेकिन वो भारत लौट गईं. यहां आने के बाद उन्होंने देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में से एक UPSC सिविल सेवा का रुख किया, तैयारी की. साल 2017 में सिविल सर्विस परीक्षा पास की. ऑल इंडिया 217 रैंक के साथ. अगस्त 2018 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में शामिल हुईं. उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर मिला.

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