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इंदौर में भिखारी को पैसे देना बना अपराध, FIR दर्ज होगी, प्रशासन ने बताई वजह

केंद्र सरकार द्वारा भिखारी मुक्त शहर बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया है. यह अभियान देश के 10 शहरों में चलाया जा रहा है. इनमें दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, इंदौर, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना और अहमदाबाद जैसे बड़े शहर शामिल हैं.

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इंदौर में भिखारियों को भीख देने वालों के खिलाफ FIR दर्ज होगी. (सांकेतिक तस्वीर-AI)

इंदौर के लोग अब भीख देने से पहले दो बार सोचेंगे. यह दरियादिली उनको सीधा जेल पहुंचा सकती है. जी हां, सड़क पर भीख देना अब सिर्फ नेकी का काम नहीं रहेगा, बल्कि एक 'जुर्म' बन गया है. प्रशासन ने शहर को साफ और भिखारियों से मुक्त बनाने के प्रयास के तहत ये निर्देश जारी किया है. इंदौर प्रशासन के मुताबिक नए साल से ये नया नियम शुरू होने जा रहा है. यहां भिखारियों को भीख देने वालों के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी.

केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने की कोशिश हो रही है. इसके तहत जिला प्रशासन ने आदेश जारी किए हैं. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा,

"भीख मांगने के खिलाफ हमारा जागरूकता अभियान इस महीने (दिसंबर) के अंत तक शहर में चलेगा. अगर कोई व्यक्ति 1 जनवरी से भीख देते हुए पाया गया. तो उसके खिलाफ FIR भी दर्ज की जाएगी. मैं इंदौर के सभी निवासियों से अपील करता हूं कि वे लोगों को भीख देकर पाप के भागीदार न बनें."

दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा भिखारी मुक्त शहर बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया है. यह अभियान देश के 10 शहरों में चलाया जा रहा है. इनमें दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, इंदौर, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना और अहमदाबाद जैसे बड़े शहर शामिल हैं.

इस प्रोजेक्ट के अधिकारी दिनेश मिश्रा ने नए नियम के कारणों के बारे में बताया,

"जब हम रिपोर्ट तैयार करते हैं तो पाते हैं कि कुछ भिखारियों के पास पक्का मकान है. कुछ के बच्चे बैंक में काम करते हैं. एक बार हमें एक भिखारी के पास 29 हजार रुपये नकद मिले. एक अन्य भिखारी पैसे बांटकर ब्याज वसूल रहा था. एक गिरोह राजस्थान से बच्चों को लाकर यहां भीख मांगने आया था. उन्हें एक होटल से छुड़ाया गया, जहां वे ठहरे हुए थे."

वहीं, मध्य प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने इस विषय पर मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों में सहयोग देने के लिए इंदौर का एक संगठन आगे आया है. यह संगठन इन भिखारियों को छह महीने तक रहने की सुविधा देगा और उनके लिए रोजगार की व्यवस्था करेगा.

वीडियो: राजस्थान को भिखारी मुक्त प्रदेश बनाने की कवायद के दौरान सामने आई ये सचाई