इंडियन रेलवे (Indian Railway) ने लोको पायलट (Loco Pilot) की लंबे समय से लंबित मांग को खारिज कर दिया है, जिसमें ड्यूटी के दौरान खाने और टॉयलेट जाने के लिए ब्रेक देने की बात कही गई थी. रेलवे ने इसके लिए एक हाई लेवल कमिटी बनाई थी. जिसने सिफारिश दी कि लोको पायलट को लंच और टॉयलेट ब्रेक देने के लिए नियम बनाना व्यावहारिक तौर पर संभव नहीं है.
लोको पायलट्स को लंच और टॉयलेट ब्रेक देने से इंकार, रेलवे ने कहा- ये मांग नहीं मान सकते
Indian Railway ने Loco Pilots को लंच और टॉयलेट ब्रेक देने से मना कर दिया है. ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन ने रेलवे बोर्ड के इन फैसलों की निंदा की है. इसके अलावा रेलवे ने हाई स्पीड ट्रेन की स्पीड लिमिट बढ़ाने का फैसला किया है.

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे बोर्ड ने इस कमिटी की सिफारिशों पर सहमति दे दी है. यह निर्णय देश भर में बढ़ती रेल दुर्घटनाओं के बीच लिया गया है, जिनके लिए अक्सर मानवीय भूल को कारण बताया जा रहा है.
हाई स्पीड लिमिट बढ़ाई गईरेलवे ने हाई स्पीड ट्रेन की लिमिट 110 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़ाकर 130 किलोमीटर प्रति घंटे कर दी है. रेलवे बोर्ड के पांच एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स और रेलवे की रिसर्च ब्रांच - रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (RDSO) - की मल्टी डिसीप्लिनरी कमिटी ने इसकी सिफारिश की है. समिति ने 200 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक दूरी के लिए चलने वाली - मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (MEMU) - ट्रेनों में एक सहायक लोको पायलट तैनात करने की सिफारिश भी की है.
ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) ने रेलवे बोर्ड के इन फैसलों की निंदा की है. एसोसिएशन ने इन सिफारिशों को वास्तविकता से दूर और निराधार करार दिया है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को लिखे एक पत्र में AILRSA के महासचिव केसी जेम्स ने कहा कि समिति लोको पायलटों के तनाव के बढ़ते स्तर का मूल्यांकन करने में विफल रही है. लोकोमोटिव में टॉयलेट की सुविधा नहीं होने के चलते नेचुरल कॉल के लिए ब्रेक देने से इनकार करना अस्वीकार्य है.
ये भी पढ़ें - रेलवे लोको पायलट को पत्नी ने मारे थप्पड़-लातें, पीड़ित ने कमरे में लगाया कैमरा, सब सामने आ गया
इसके अलावा रेलवे ने लोको केबिन में क्रू वॉयस और वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम लगाने का बचाव किया है. उनकी ओर से कहा गया कि इससे निजता का उल्लंघन नहीं होगा. इस सुविधा का उद्देश्य किसी भी घटना के विश्लेषण में क्रू मेंबर्स की सहायता करना है. रेलवे बोर्ड ने सारे रेलवे जोन के महाप्रबंधकों के नाम एक पत्र जारी कर बताया है कि इससे क्रू (लोको पायलट ग्रुप) पर कोई एडिशनल वर्कलोड नहीं पड़ेगा. यह केवल ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए किया गया है.
खबर सामने आने के बाद रेलवे के एक अधिकारी ने लल्लनटॉप से बातचीत में बताया कि लोकोमोटिव (इंजन) में ही पायलटों के लिए टॉयलेट की सुविधा प्रदान की जाती है. अधिकारी का कहना है कि पायलट यात्रा के दौरान खाना खाने या टॉयलेट जाने की मांग कर रहे हैं, जोकि दुनिया में कहीं नहीं होता है.
वीडियो: सोशल लिस्ट : ट्रेन की पटरी से उठा तो पुलिस उठा ले गई, रील बनाने वाले ये कहानी सुन डर जाएंगे