जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में 22 अप्रैल को हुए एक आतंकी हमले में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शहीद हो गए. विनय अपनी पत्नी शिवानी चौहान के साथ पहलगाम में छुट्टियां मना रहे थे. दोनों की शादी को महज एक सप्ताह ही हुआ था. 23 अप्रैल को उनके परिवार ने लेफ्टिनेंट विनय को भावुक विदाई दी. इस दौरान उनकी पत्नी ने कहा कि सब को विनय पर गर्व है.
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विनय नरवाल की शादी को एक हफ्ता भी नहीं बीता था. नेवी अफसर पत्नी के साथ हनीमून के लिए कश्मीर गए थे. और आतंकियों ने उनकी जान ले ली.

शिवानी चौहान अपने पति लेफ्टिनेंट विनय की विदाई देते वक्त भावुक हो गईं. शिवानी ने विनय के लिए कहा,
“सिर्फ़ उनकी वजह से मैं जीवित रह सकती हूं. हमें हर तरह से उन पर गर्व होना चाहिए.”
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल हरियाणा के रहने वाले थे. उनकी पोस्टिंग कोच्चि में थी. शादी के बाद उन्होंने पत्नी के साथ पहली बार कश्मीर जाना चुना. लेकिन सिर्फ तीन दिनों में ही आतंकियों ने इस नवविवाहित जोड़े को हमेशा के लिए अलग कर दिया.
विनय के दादा ने क्या बताया?लेफ्टिनेंट नरवाल के दादा, हावा सिंह ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बताया कि विनय और शिवानी की शादी 16 अप्रैल को हुई थी. और ये उनकी पहली छुट्टी थी. लेफ्टिनेंट नरवाल के दादा हावा सिंह ने बताया,
"हम अपने गांव से करनाल आए थे... वो सेक्टर 7 में रहता था, वहां एक छोटा सा स्कूल था. उसने वहीं पढ़ाई की और वहीं से मैट्रिक किया और फिर दिल्ली में उच्च शिक्षा प्राप्त की."
नरवाल हमेशा से ही सेना में जाने के लिए आकर्षित थे. वो हमेशा अपने देश की सेवा करना चाहते थे. उनके दादा ने बताया,
"जब वो बचपन में सेना के वाहनों को देखते थे, तो मुझसे कई सवाल पूछते थे. ये कैसा है. ये क्या है..."
26 वर्षीय विनय नरवाल दो साल पहले ही नौसेना में शामिल हुए थे. उन्हें सेकेंड लेफ्टिनेंट से प्रमोट किया गया था. उनके दादा बताता हैं कि,
"वो इस बात से नाराज होता था कि मैंने बीएसएफ के साथ काम किया है, जबकि उन्होंने ऐसा नहीं किया."
एक रिटायर्ड सैनिक के रूप में विनय के दादा को पता था कि सेना में जीवन कितना कठिन हो सकता है. उन्होंने कहा,
"मैं जानता हूं कि सीमा पर काम कितना कठिन है... और उसके बाद मैंने हरियाणा पुलिस में काम किया... इसलिए मैंने उनसे कहा कि वे इस रास्ते पर न जाएं, क्योंकि ये बहुत कठिन है."
लेकिन नरवाल अड़े हुए थे. वो देश की सेवा करने के लिए सेना में भर्ती होना चाहते थे. इसलिए दिल्ली में पढ़ाई के दौरान, उन्होंने CDS एग्जाम दिया और नौसेना में शामिल हुए.
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