अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत पर लगाए गए अतिरिक्त 26 फ़ीसदी टैरिफ़ को 90 दिनों के लिए हटाने का फ़ैसला किया है. भारत इस फ़ैसले को और प्रभावी बनाने की कोशिश में लगा हुआ है. इसके लिए भारत इन 90 दिनों में अमेरिका के साथ एक अंतरिम व्यापार समझौते (India US Interim Trade Agreement) पर साइन करने का टारगेट बना रहा है.
'यूएस से ट्रेड डील होगी, लेकिन बंदूक की नोंक पर नहीं... ' समझौते पर भारत ने अपना रुख साफ़ कर दिया
India US Trade: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत की अमेरिका, यूरोपीय संघ (EU) और ब्रिटेन के साथ ट्रेड डील को लेकर बातचीत चल रही है. इसके बाद वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस डील को लेकर काफी जानकारी दी.

नाम न बताने की शर्त पर एक सीनियर अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा,
अगर ये दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद रहा, तो 90 दिनों के भीतर समझौता संभव है. तब तक, इसकी रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है. टर्म्स ऑफ़ रेफ़रेंस (ToR) पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं. भारत अमेरिका के साथ डील करने वाले अन्य देशों से काफ़ी आगे है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 11 अप्रैल को कहा कि भारत की अमेरिका, यूरोपीय संघ (EU) और ब्रिटेन के साथ ट्रेड डील को लेकर बातचीत चल रही है. भारत तीनों को बताने की कोशिश कर रहा है कि ट्रेड डील पर जल्द अंतिम रूप देना कितना ज़रूरी है. अमेरिका ने दिल्ली के प्रस्ताव पर ‘काफ़ी तेज़ी’ से प्रतिक्रिया दी है.
ग्लोबल टेक्नोलॉजी शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में एस जयशंकर ने आगे कहा,
अमेरिकी प्रशासन में बदलाव के एक महीने के भीतर ही हमने वैचारिक रूप से ये सहमति बना ली है. सहमति ये कि हम द्विपक्षीय व्यापार समझौता करेंगे. हम ऐसा समाधान खोजेंगे, जो हम दोनों के लिए कारगर होगा. क्योंकि हमारी भी अपनी चिंताएं हैं.
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‘सौदे की शर्त, इंडिया फ़र्स्ट’: Piyush Goyalजयशंकर के अलावा, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहा है. उनका कहना है कि दोनों देशों के हितों को प्राथमिकता दी जाएगी और कोई भी बातचीत दबाव में नहीं की जाएगी. पीयूष गोयल ने कहा,
मैंने पहले भी कई बार कहा है कि हम बंदूक की नोक पर बातचीत नहीं करते हैं. समय की पाबंदी अच्छी चीज़ है. क्योंकि ये हमें तेज़ी से बात करने के लिए प्रोत्साहित करती है. लेकिन जब तक हम देश और लोगों के हितों की रक्षा करने में सक्षम नहीं हो जाते. तब तक जल्दबाजी करना कभी भी अच्छा नहीं होता है.
पीयूष गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच सभी व्यापार वार्ताएं 'इंडिया फ़र्स्ट' की भावना के साथ अच्छी तरह से आगे बढ़ रही हैं. इसका मकसद विकसित भारत 2047 का रास्ता सुनिश्चित करना है.
बताते चलें, भारत और अमेरिका ने अपने ट्रेड एग्रीमेंट के पहले चरण को सितंबर-अक्टूबर 2025 तक अंतिम रूप देने का लक्ष्य रखा है. जिसमें 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 बिलियन अमेरिकी डॉलर से दोगुना करके 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
लेकिन डॉनल्ड ट्रंप दुनियाभर के देशों पर जिस तरह से टैरिफ़ लगा रहे हैं, उससे ये संभव नहीं लग रहा है. हालांकि, हाल ही में ट्रंप ने ट्रंप ने चीन को छोड़कर सभी देशों के लिए रेसिप्रोकल टैरिफ़ पर रोक लगाने की घोषणा की है. उन्होंने चीन पर अब 145 प्रतिशत टैरिफ़ लगाया दिया है. भारत पर भी इस टैरिफ़ का असर पड़ने वाला था. लेकिन भारत को इसमें 90 दिनों की राहत मिली है.
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