पहलगाम हमले में (Pahalgam Attack) पाकिस्तानी आतंकवादियों के नाम सामने आने के बाद भारत सख्त है. अटारी बॉर्डर (Attari Border Closed) बंद कर दिया गया है. सिंधु जल समझौते (Sindhu Water Treaty) को रोक दिया गया है. इसके अलावा, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए SAARC वीजा छूट योजना (SVES) को भी कैंसिल कर दिया गया है. जो पाकिस्तानी लोग इस वीजा के तहत भारत में हैं, उन्हें 48 घंटे के अंदर देश छोड़ने के लिए कहा गया है. सार्क वीजा स्कीम को दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय सहयोगियों में आपसी आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए तैयार किया गया था.
SAARC वीजा स्कीम क्या है? जिसे भारत ने पाकिस्तान के लिए बंद कर दिया है
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक बार फिर से तनाव आ गया है. भारत ने पड़ोसी देश के लिए SAARC Visa छूट योजना को रद्द कर दिया है. पर ये स्कीम है क्या?

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, साल 1992 में SVES योजना को लागू किया गया था. SAARC के सदस्य देशों के बीच आवाजाही को आसान बनाने के लिए इसे डिजाइन किया गया था. सबसे पहले ये पहल इस्लामाबाद में 1988 के SAARC शिखर सम्मेलन में की गई थी. इस सम्मेलन में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया था और ऐसे वीजा सर्विस की परिकल्पना की गई थी, जो सदस्य देशों के लिए सदस्य देशों में यात्रा को सरल बना सके. बता दें कि SAARC के सदस्य देशों में भारत, नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं.
क्या है योजना?SAARC वीजा छूट योजना यानी SVES के तहत 24 स्पेशल कैटिगरी के व्यक्तियों को वीज़ा छूट का स्टिकर दिया जाता है. इनमें जज, अधिकारी, खिलाड़ी, पत्रकार और कारोबारी लोग शामिल हैं. यानी आम नागरिकों के लिए ये वीजा नहीं है. इस स्कीम के तहत SAARC सदस्य देशों के राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों को भारत में स्वतंत्र रूप से यात्रा करने की अनुमति दी गई थी. हालांकि, यह नेपाल और भूटान के नागरिकों पर लागू नहीं होता.
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नेपाल और भूटान के लोगों को भारत में वीजा की जरूरत नहीं होती. वहीं पाकिस्तान के लिए भी इस स्कीम में सीमित सुविधाएं दी गई हैं. कुछ श्रेणियों में ही पाकिस्तानी नागरिकों को एक साल के लिए बिजनेस वीजा दिया जाता है. यह भारत के भीतर सिर्फ 10 जगहों के लिए ही मान्य होता है.
साल 2015 में भारत ने पाकिस्तान को लेकर अपने नियमों में संशोधन किया. इसके तहत स्पेशल कैटिगरी के पाकिस्तानी कारोबारियों के लिए मल्टिपल एंट्री वीजा देना तय हुआ, जो 3 साल के लिए वैलिड था और भारत में 15 स्थानों के लिए मान्य था.
तब से अब तक दोनों देशों के बीच तनाव के बावजूद स्पेशल व्यवस्था के जरिए लोगों की आवाजाही जारी रही. फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद भी नवंबर 2019 में करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोला गया था. इसमें भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को बिना वीजा के पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने की अनुमति दी गई थी.
बुधवार को सीसीएस की घोषणा ने आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान के लिए 2015 के वीजा छूट आदेश को निलंबित कर दिया है.
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