बांग्लादेश में एक हिंदू नेता की किडनैपिंग और हत्या पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार बिना बहाने बनाए, अपने देश में हिंदू समेत सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. पिछले दिनों भाबेश चंद्र रॉय नाम के हिंदू नेता को अनके घर से अगवा (Bhabesh Chandra Roy Killed) कर लिया गया. फिर उन्हें दूसरे गांव में ले जाया गया जहां उनके साथ मारपीट हुई. इससे उनकी मौत हो गई.
'एक सिस्टमैटिक पैटर्न को दिखाता है...', हिंदू नेता की हत्या पर भारत ने बांग्लादेश को सुनाया
हिंदू नेता Bhabesh Chandra Roy को उनके घर से अगवा कर लिया गया था. फिर उन्हें दूसरे गांव में ले जाया गया जहां उनके साथ मारपीट हुई. इससे उनकी मौत हो गई.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मामले को लेकर एक्स पर लिखा,
हमें जानकारी मिली है कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय की हत्या कर दी गई. हम दुखी हैं. ये हत्या अंतरिम सरकार के तहत अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के एक सिस्टमैटिक पैटर्न को दिखाता है. पहले भी ऐसी घटनाएं हुईं और अपराधी को दंड नहीं मिला. हम इस घटना की निंदा करते हैं. और एक बार फिर अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वो बिना किसी बहाने या भेदभाव के हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी को पूरा करे.
17 अप्रैल की रात को बसुदेबपुर गांव के रहने वाले भाबेश चंद्र रॉय का शव बरामद हुआ. उनकी पत्नी शांतना ने बताया कि शाम को करीब 4:30 बजे भाबेश के पास एक फोन आया था. उन्होंने कहा कि ये फोन कॉल ये पता लगाने के लिए आया था कि भाबेश घर पर हैं या नहीं.
इसके आधे घंटे बाद 2 मोटरसाइकिलों पर 4 लोग आए और भाबेश को अगवा कर लिया. रॉय को नरबारी गांव ले जाया गया, जहां उनके साथ क्रूरता से मारपीट की गई. शांतना ने बताया कि भाबेश को बेहोशी की हालत में छोड़ दिया गया. जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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पिछले साल ढाका हवाई अड्डे पर हिंदू सन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार कर लिया गया. तभी से भारत बांग्लादेश को बार-बार याद दिला रहा है कि उन्हें अपने देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए.
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