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टैरिफ बवाल के बीच नया 'कांड', फेंटेनाइल की तस्करी में अब अमेरिका ने लिया भारत का भी नाम

अमेरिका ने भारत को चीन के साथ 'स्टेट एक्टर्स' की उस लिस्ट में शामिल किया है, जिस पर आरोप है कि वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नशीले पदार्थ बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स की सप्लाई में मदद करता है.

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डॉनल्ड ट्रंप

रेसिप्रोकल टैरिफ के हल्ले के बीच अमेरिका ने भारत के खिलाफ एक और बम फोड़ दिया है. फेंटेनाइल की तस्करी में अमेरिका अब तक सिर्फ चीन, मेक्सिको और कनाडा का ही नाम लेता आया है. अब पहली बार अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने इस मामले में भारत का नाम लिया है. अमेरिका की ‘एनुअल थ्रेट असेसमेंट’ (ATA) में फेंटेनाइल की तस्करी में मदद करने वाले देशों में भारत को चीन के साथ रखा गया है. फेंटेनाइल एक पेन किलर है लेकिन कुछ अमेरिकी इसे नशीली दवा के तौर पर लेते हैं. इसके ओवरडोज की वजह से अमेरिका में 12 महीने में 52 हजार लोगों की मौत हुई है.

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी हाल ही में इसे लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा था कि कनाडा में सीमा पार से फेंटेनाइल की तस्करी में भारी बढ़ोतरी देखी गई है. अमेरिका इसके लिए चीन पर भी आरोप लगाता रहता है. दावा किया जाता है कि इसे बनाने के लिए केमिकल्स चीन से आते हैं. अमेरिकी एजेंसियों का आरोप है कि अमेरिका में तस्करी किए जाने वाले सभी फेंटेनाइल-संबंधित पदार्थों का मुख्य स्रोत चीन है. इन दवाओं को सीधे अंतरराष्ट्रीय कूरियर सर्विस के ज़रिए सप्लाई करने की बजाय पहले उसके रासायनिक घटकों को चीन से मैक्सिको भेजा जाता है. वहां उन्हें फेंटेनाइल में बदला जाता है. फिर इसकी तस्करी की जाती है.

हालांकि, चीन ने इस मुद्दे पर अमेरिका को बहुत तीखा जवाब दिया था. उसने कह दिया कि फेंटेनाइल ड्रग्स अमेरिका की अपनी समस्या है. इस मुद्दे पर हम उसका सहयोग कर रहे हैं. चीन ने धमकी भी दी थी कि अमेरिका को चीन की सद्भावना को हल्के में नहीं लेना चाहिए. मेक्सिको और चीन के अलावा फेंटेनाइल की तस्करी के मामले में अमेरिका के निशाने पर कनाडा भी है. अमेरिका का आरोप है कि मैक्सिकन गैंग्स कनाडा में फेंटेनाइल लैब चला रहे हैं. हालांकि, कनाडा की सरकार ने इससे साफ इनकार किया है.

पहली बार भारत का नाम

रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंधों में उथल-पुथल मची हुई है. एक हफ्ते बाद ये टैरिफ लागू किए जाने हैं लेकिन इससे पहले ही अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने भारत पर बड़ा आरोप लगा दिया. फेंटेनाइल की तस्करी में पहली बार नाम लेते हुए अमेरिका ने भारत को चीन के साथ 'स्टेट एक्टर' बताया है. तुलसी गबार्ड के दफ्तर से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि यूं तो मेक्सिको के आपराधिक संगठन भारी मात्रा में अवैध ड्रग की तस्करी के काम में लगे हैं, लेकिन इनके लिए केमिकल्स भारत और चीन जैसे देशों से आते हैं. चीन इनके लिए प्राथमिक स्रोत बना हुआ है. इसके बाद भारत है.

रिपोर्ट 25 मार्च को जारी की गई थी, जिसमें वैश्विक खतरों का अमेरिकी हितों पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन किया गया है. अमेरिका का यह दावा उस वक्त सामने आया है जब हाल ही में वॉशिंगटन डीसी में भारत की एक केमिकल प्रोडक्शन कंपनी और इसके 3 अधिकारियों पर फेंटेनाइल प्रीकर्सर को अवैध रूप से आयात करने का आरोप लगाया गया था. पिछले हफ्ते न्यूयॉर्क शहर में हैदराबाद की एक कंपनी के 2 सीनियर कर्मचारियों को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था. 

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