मध्य प्रदेश में अंडा बेचने वाला एक व्यक्ति उस वक्त चौंक गया जब उसे आयकर विभाग से करोड़ों रुपये के बकाए का नोटिस (IT Notice To Egg Seller) मिला. ऐसा उत्तर प्रदेश के जूस विक्रेता के साथ भी हुआ. उनको कोई अंदाजा ही नहीं है कि आखिर उनके ऊपर किस बात का बकाया है. दोनों अपने-अपने परिवार में कमाने वाले इकलौते व्यक्ति हैं.
सड़क किनारे अंडा और जूस बेचते हैं, आया टैक्स का नोटिस, एक पर 6 और दूसरे पर 7 करोड़ का बकाया
अंडा बेचने वाले को 6 करोड़ का और जूस विक्रेता को 7 करोड़ का GST नोटिस मिला है. दोनों परिवारों ने कहा है कि अगर उनके पास करोड़ों रुपये होते तो उन्हें हर रोज की जरूरतों के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ता. इतनी बड़ी गड़बड़ी आखिर हुई कैसे?

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिंस सुमन मध्य प्रदेश के दामोह जिले के रहने वाले हैं. उन्हें 50 करोड़ रुपये के कारोबार के लिए नोटिस मिला है. नोटिस में कहा गया है कि उनके ऊपर 6 करोड़ रुपये का GST बकाया है. विभाग ने बकाया चुकाने के अलावा, प्रिंस से 50 करोड़ के लेनदेन से जुड़े दस्तावेज भी मांगे हैं.
आयकर विभाग के नोटिस से ये भी पता चला कि प्रिंस के नाम से एक कंपनी रजिस्टर्ड है. 2022 में दिल्ली के स्टेट जोन 3 के वार्ड 33 में ‘प्रिंस एंटरप्राइजेज’ नाम की एक कंपनी का रजिस्ट्रेशन हुआ. ये फर्म चमड़ा, लकड़ी और लोहे का व्यापार करती है. बताया गया है कि फर्म ने पिछले दो सालों में बड़े पैमाने पर लेनदेन किया है.
पथरिया नगर में रहने वाले प्रिंस के दावे बिल्कुल अलग हैं. उन्होंने बताया कि वो तो ठेले पर अंडे बेचते हैं. कभी दिल्ली नहीं गए, ऐसे में वहां कंपनी कैसे चला सकते हैं. उनके परिवार ने कहा कि अगर उनके पास करोड़ रुपये होते तो वो रोज-रोज के खर्चे के लिए संघर्ष क्यों करते. उनके वकील ने संदेह जताया है कि किसी ने प्रिंस के निजी दस्तावेजों का दुरुपयोग किया है. और धोखाधड़ी से उनके नाम से कंपनी रजिस्टर करा ली है. परिवार ने मामले की जांच के लिए पुलिस और आयकर विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया है.
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जूस बेचने वाले को 7.79 करोड़ का नोटिसउत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जूस बेचने वाले मोहम्मद रहीस के साथ भी ऐसा ही हुआ. उन्हें 7.79 करोड़ रुपये के GST बकाया का नोटिस मिला है. उन्होंने बताया कि नोटिस मिलने से उनका पूरा परिवार परेशान हो गया है. रहीस ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि ऐसा क्यों हुआ है, उन्होंने तो इतने पैसे कभी देखे भी नहीं हैं. जूस विक्रेता ने मदद के लिए सरकार से गुहार लगाई है. उन्होंने कहा है कि वो एक गरीब व्यक्ति हैं और उन्हें इस तरह किसी झूठे मामले में नहीं फंसाया जाना चाहिए.
रहीस, बन्ना देवी पुलिस थाने के अंतर्गत तार वाली गली में रहते हैं. उन्होंने आयकर विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया है. उनसे पूछा गया कि उन्होंने अपने निजी दस्तावेज किसी को दिए थे क्या. रहीस ने कहा कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं किया. उनके परिवार का कहना है कि उन्हें हर रोज ठीक से भोजन के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है, ऐसे में करोड़ों रुपये का तो सवाल ही नहीं बनता.
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