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सावधान! वॉट्सऐप पर आने वाले शादी के कार्ड से आपके पैसे गायब हो सकते हैं

साइबर अपराधी वॉट्सऐप के जरिए APK फाइल के रूप में शादी के कार्ड भेज रहे हैं. यह इस तरह से काम करता है कि जब ये फाइलें डाउनलोड की जाती हैं, तो फोन मैलवेयर से इन्फेक्ट हो जाते हैं, जिससे साइबर अपराधियों को उनके डिवाइस का पूरा कंट्रोल मिल जाता है.

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हिमाचल प्रदेश पुलिस ने एडवायजरी जारी की है. (फोटो - Unsplash.com)

हर दिन साइबर फ्रॉड के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं. कभी ओटीपी तो कभी वीडियो कॉल के जरिये. अब हिमाचल प्रदेश पुलिस ने एक नए तरीके के फ्रॉड की जानकारी दी है. बताया है कि वॉट्सऐप पर शादी के कार्ड भेजकर साइबर धोखाधड़ी हो रही है. कार्ड डाउनलोड करने पर साइबर अपराधियों को लोगों के मोबाइल फोन की पूरी जानकारी मिल जाती है. इसके बाद मोबाइल यूजर के कंट्रोल से बाहर भी हो सकता है. हिमाचल प्रदेश पुलिस ने लोगों को सलाह दी है कि वे अज्ञात नंबरों से आए हुए किसी भी लिंक या शादी के कार्ड पर क्लिक न करें.

इंडिया टुडे से बात करते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया कि साइबर अपराधी वॉट्सऐप के जरिए APK फाइल के रूप में शादी के कार्ड भेज रहे हैं. यह इस तरह से काम करता है कि जब ये फाइलें डाउनलोड की जाती हैं, तो फोन मैलवेयर से इन्फेक्ट हो जाते हैं, जिससे साइबर अपराधियों को उनके डिवाइस का पूरा कंट्रोल मिल जाता है.

IPS अधिकारी मोहित चावला ने चेतावनी देते हुए कहा कि एक बार मैलवेयर एक्टिव हो जाने पर, हैकर्स इन्फेक्टेड फोन से मैसेज भेज सकते हैं, पर्सनल डेटा चुरा सकते हैं और यहां तक कि पैसे का लेन-देन कर सकते हैं. और यह सब हो जाएगा लेकिन फोन के मालिक को इसकी जानकारी नहीं मिलेगी.

देश भर में साइबर धोखाधड़ी की संख्या में बढ़ोतरी देखते हुए हिमाचल प्रदेश साइबर पुलिस ने लोगों के लिए एक सलाह जारी की है, जिसमें उन्हें अज्ञात नंबरों से मैसैज और कॉल आने पर सावधानी बरतने को कहा गया है. विशेष रूप से ऐसे मैसेज/कॉल जिनमें अटैचमेंट शामिल हों. साइबर पुलिस के अनुसार, अपराधी लोगों को ठगने के लिए कम दरों पर लोन देने की बात भी कह रहे हैं.

साइबर पुलिस ने यह भी कहा कि लोगों को ऑनलाइन कम रेट वाले लोन ऑफर्स का शिकार नहीं होना चाहिए, क्योंकि इसी के जरिए अपराधी लोगों के फ़ोन की जानकारी निकाल लेते हैं.

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साइबर अपराध पर हिमाचल प्रदेश साइबर पुलिस की सलाह

हिमाचल प्रदेश साइबर पुलिस ने नीचे बताई गईं इन परिस्थितियों को स्कैम मानें, अगर -

- आपको बताया जाता है कि TRAI आपका फोन कैसे काट देगा. 
- FedEx द्वारा आपको किसी पैकेज के बारे में कॉल किया जाता है.
- एक पुलिस अधिकारी आपको कॉल करता है और आपके आधार के बारे में आपसे बात करता है.
- वे बताते हैं कि आपको 'डिजिटल अरेस्ट' किया गया है.
- वे आपको बताते हैं कि आपके लिए या आपके द्वारा भेजे गए किसी पैकेज में ड्रग्स पाई गई है.
- वे कहते हैं कि आप किसी को कुछ नहीं बता सकते. किसी की नहीं सुन सकते.
- वे वॉट्सऐप या SMS के जरिये आपसे संपर्क करते हैं.
- कोई व्यक्ति आपको कॉल करके कहता है कि उसने गलती से आपकी UPI ID पर पैसे भेज दिए हैं और वह सिर्फ अपना पैसा वापस चाहता है. 
- कोई व्यक्ति आपसे कहता है कि वह आपकी कार या वॉशिंग मशीन या सोफा खरीदना चाहता है और दावा करता है कि वह सेना या CRPF से है और आपको अपना पहचान पत्र भी दिखाता है.
- कोई व्यक्ति कहता है कि वे स्विगी या जोमैटो से कॉल कर रहे हैं और चाहते हैं कि आप 1 या अन्य बटन दबाकर अपने पते की पुष्टि करें.
- वे आपसे सिर्फ़ ऑर्डर या राइड या जो भी हो, उसे रद्द करने के लिए OTP शेयर करने के लिए कहते हैं.

साइबर पुलिस ने आगे कहा कि किसी भी स्थिति में, फ़ोन पर किसी के साथ अपना OTP शेयर न करें. आम नागरिकों को अपना स्थान, फोन नंबर, आधार या पैन, जन्मतिथि या किसी भी अन्य प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी शेयर करने से बचना चाहिए.

क्या करें?

साइबर पुलिस का कहना है कि लोगों को अनजान नंबर से आने वाली कॉल को उठाते समय अपना नाम बताने से मना कर देना चाहिए. बल्कि उन्हें यह बताना चाहिए कि कॉल करने वाले को पहले से ही जानकारी होनी चाहिए और इसीलिए वह यूजर को कॉल कर रहा है.

लोगों को सलाह दी गई है कि वे ऐसे कॉल को डिस्कनेक्ट करें, तुरंत नंबर ब्लॉक करें, कॉल के दौरान कोई भी नंबर न दबाएं और किसी भी तरह की बातचीत में शामिल न हों.

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