भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) इलाहाबाद में दो छात्रों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. शनिवार, 29 मार्च की रात दिव्यांग छात्र राहुल मंडला ने आत्महत्या कर ली. उसी दिन कबड्डी खिलाड़ी अखिल की भी संदिग्ध हालात में मौत हो गई. कॉलेज छात्रों का आरोप है कि दोनों छात्रों की मौत के लिए संस्थान जिम्मेदार है. इसे लेकर सोमवार, 31 मार्च को छात्रों ने IIIT चौराहे पर विरोध प्रदर्शन करते हुए चक्का जाम कर दिया. पुलिस-प्रशासन ने बलपूर्वक उन्हें वहां से हटाया.
IIIT इलाहाबाद में चार घंटे के गैप में दो छात्रों की मौत का पूरा मामला
शनिवार, 29 मार्च की रात दिव्यांग छात्र राहुल मंडला ने आत्महत्या कर ली. उसी दिन कबड्डी खिलाड़ी अखिल की भी संदिग्ध हालात में मौत हो गई.
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हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 29 और 30 मार्च की दरम्यानी रात राहुल चैतन्य मंडला (20) ने आत्महत्या कर ली. 30 मार्च को राहुल का जन्मदिन था. मौत से पहले उन्होंने अपनी मां से वीडियो कॉल पर बात की थी और रात के करीब 12 बजे के आसपास उन्हें मैसेज भेजा था. रिपोर्ट के मुताबिक इस मैसैज में राहुल ने बताया था कि वह पढ़ाई के दबाव से जूझ रहे हैं. दावा है कि इसके बाद राहुल ने ये कदम उठाया. आधी रात को शोरगुल सुनकर हॉस्टल के छात्र मौके पर पहुंचे. कॉलेज प्रशासन ने राहुल को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
तेलंगाना के निजामाबाद के रहने वाले राहुल चैतन्य सुनने और बोलने में सक्षम नहीं थे. उन्होंने JEE में AIR-52 (PWD श्रेणी में) रैंक हासिल करने के बाद IIIT इलाहाबाद में एडमिशन लिया था. इस छात्र की कथित आत्महत्या के पीछे की वजह डिप्रेशन बताया जा रहा है. कॉलेज के एक छात्र गगन कुमार (B.tech सेकेंड ईयर) ने लल्लनटॉप से बात करते हुए बताया कि राहुल एक इंटेलिजेंट छात्र थे. लेकिन वह अकेलेपन से जूझ रहे थे.
गगन ने बताया,
"राहुल को सांकेतिक भाषा में पढ़ाने वाले एक शिक्षक की जरूरत थी. लेकिन कॉलेज ने उसकी कोई मदद नहीं की. न सुन पाने की वजह से राहुल को लेक्चर्स समझने में दिक्कत होती थी. राहुल फर्स्ट ईयर का छात्र था और वह अपने पहले सेमेस्टर में ही सभी (6) विषयों में फेल हो गया. जिसकी वजह से वह डिप्रेशन में था."
राहुल की मौत की खबर के बाद उनकी मां स्वर्णलता IIIT इलाहाबाद पहुंचीं. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा,
“राहुल ने 12 बजे के आसपास वीडियो कॉल पर बात की और उसके 20 मिनट बाद उसका मैसेज आ गया. वह पढ़ने में बहुत अच्छा था. इसलिए तेलंगाना से उसे यहां भेजा था. 10th और 12th में उसे अच्छे नंबर मिले थे. उसकी ऑल इंडिया 52वीं रैंक थी. वह 6 विषय में फेल कैसे हो गया, मालूम नहीं.”
राहुल की मां ने आगे बताया कि उनका बेटा पिछले कई दिनों से क्लास नहीं जा रहा था. इस बारे में उन्हें भी नहीं पता था. कॉलेज प्रशासन की तरफ से भी इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई.
अखिल की मौतमीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस दिन राहुल ने सुसाइड किया, उसी दिन IIIT इलाहाबाद में एक और छात्र की मौत हुई. ये घटना राहुल के सुसाइड करने के लगभग 4 घंटे पहले हुई. मृतक कतरावथ अखिल एक एथलीट थे. वह 25 मार्च को ग्वालियर में आयोजित ‘इंटर ट्रिपल आईटी स्पोर्ट्स मीट्स’ से वापस लौटे थे. लल्लनटॉप से बात करते हुए गगन ने बताया कि वह भी अखिल के साथ स्पोर्ट्स मीट्स में गए थे. उन्होंने बताया कि अखिल की टीम प्रतियोगिता में दूसरे नंबर पर रही. गगन ने बताया कि अखिल ने एक ही दिन में तीन गेम खेले थे. इस दौरान उनकी ‘कमर में दर्द’ होने लगा था. कॉलेज लौटने के बाद उन्होंने मेडिकल सेंटर से मदद मांगी थी.
गगन ने आगे बताया,
“कॉलेज मेडिकल सेंटर में रिपोर्ट करने के बावजूद, उसे केवल पेनकिलर दिया गया और वापस भेज दिया गया. जब उसकी हालत बिगड़ती गई, तो अखिल को एक प्राइवेट कॉलेज ले जाया गया. यहां डॉक्टरों ने MRI जांच कराने की सलाह दी.”
29 मार्च की रात करीब 8 बजे अखिल को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल और अखिल दोनों तेलंगाना से थे और दोस्त थे. कॉलेज में उनके जानने वालों ने बताया कि अखिल, राहुल की मदद करते थे.
छात्रों का विरोध-प्रदर्शन
एक ही दिन में दो छात्रों की मौत के बाद, IIIT इलाहाबाद के छात्रों में आक्रोश फैल गया. उन्होंने राहुल और अखिल की स्मृति में कैंडल मार्च निकाला और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने डायरेक्टर के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और उनके इस्तीफे की मांग की. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन ने मृतक छात्रों की मानसिक और स्वास्थ्य स्थिति की अनदेखी की. छात्रों ने प्रशासन पर घटना को दबाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि संस्थान में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं.
इसके बाद IIIT इलाहाबाद प्रशासन ने घटना की उच्चस्तरीय जांच का एलान किया. कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर जीसी नंदी ने कहा कि मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है जो एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके अलावा, संस्थान ने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने की सिफारिश भी की. जिसे लेकर दावा किया गया कि इस समिति में 50 प्रतिशत सदस्य कॉलेज के छात्र होंगे.
कॉलेज प्रशासन ने क्या कहा?
सोमवार, 31 मार्च को छात्रों ने IIIT इलाहाबाद चौराहे पर फिर चक्का जाम कर दिया. उन्होंने कॉलेज प्रशासन के समक्ष 20 सूत्रीय मांगें रखी थीं. इनमें से कुछ मांगों पर ही सहमति बनी. इनमें पीड़ित परिवारों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग भी शामिल थी.
हालांकि, प्रबंधन ने कुछ मांगों को मानने से इनकार कर दिया, जिसके बाद छात्रों ने फिर प्रदर्शन किया. इसके बाद पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक हटाया. छात्रों का कहना है कि समस्या का समाधान करने के लिए जिस कमेटी के गठन की बात कही गई थी, उसका कहीं अता-पता नहीं है. इसमें 50 प्रतिशत भागीदारी छात्रों की करने का वादा किया गया था, इसको पूरा नहीं किया गया.
लल्लनटॉप से बात करते हुए IIIT इलाहाबाद के डीन पवन चक्रवर्ती ने बताया कि राहुल ने किसी को नहीं बताया था कि वह मानसिक अवसाद से जूझ रहा है. उन्होंने कहा,
“अगर पता होता कि राहुल डिप्रेस है तो उसे उचित परामर्श दिया जाता. लेकिन उसने किसी को भी नहीं बताया.”
इसके अलावा अखिल की मौत को लेकर उठाए गए सवालों को खारिज करते हुए कहा कि मामले की जांच चल रही है.
कॉलेज प्रशासन ने मामले की जांच के लिए जो तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है, उसमें प्रोफेसर पवन चक्रवर्ती (डीन), मनोचिकित्सक डॉ. पुष्कर निगम और इलाहाबाद हाई कोर्ट के एडवोकेट अयंक मिश्रा बतौर सदस्य शामिल होंगे. ये कमेटी 7 अप्रैल तक जांच रिपोर्ट निदेशक को सौंपेगी.
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