आए दिन पढ़ने और सुनने को मिलता है कि आधार कार्ड के डेटा का गलत इस्तेमाल हो रहा है. पैन कार्ड का डेटा साइबर ठगों के पास है. Covid वैक्सीन का डेटा लीक हो गया. वगैरा-वगैरा. गाहे-बगाहे आपके हमारे डेटा के गलत इस्तेमाल के सबूत भी मिलते हैं. मगर आज हम आपको इसी डेटा से जुड़ी एक खबर बताएंगे जो इससे एकदम उलट है. डेटा के सही इस्तेमाल ने एक 20 साल पुराना केस सुलझा दिया. पुलिस ने कोविड वैक्सीन का डेटा निकाला और पत्नी के मर्डर के एक आरोपी (Covid vaccination Surat Agra Case) को धर दबोचा.
Covid वैक्सीन से सुलझा 20 साल पुराना मर्डर केस, कहानी बहुत ही फिल्मी है
विनोद कुमार शर्मा को समझ आ गया था कि सामने पुलिस खड़ी है और उसका खेल खत्म हो चुका है. मगर कैसे. जवाब है कोविड वैक्सीन जो उसने नहीं बल्कि उसकी दूसरी पत्नी ने लगवाई थी. कहानी फिल्मी लगेगी मगर असली है.

दरअसल बात पिछले सप्ताहांत की है जब आगरा के एक किराना स्टोर पर कुछ लोग पहुंचते हैं और Vinod Kumar Sharma नाम के व्यक्ति से उसी के बारे में कुछ जनरल सवाल पूछते हैं. संभवतः कौन हो, कहां से हो, यहां कब से हो. कुछ देर के बाद उनमें से एक आदमी विनोद कुमार शर्मा से कहता है कि तुम वही आदमी हो ना जिसने 20 साल पहले सूरत में अपनी पत्नी को मारा था.
विनोद कुमार शर्मा को समझ आ गया था कि सामने पुलिस खड़ी है और उसका खेल खत्म हो चुका है. मगर कैसे. जवाब है कोविड वैक्सीन जो उसने नहीं बल्कि उसकी दूसरी पत्नी ने लगवाई थी. कहानी फिल्मी लगेगी मगर असली है.
बात है साल 1996 की जब आगरा के नजदीक फतेहपुर सीकरी के रहने वाले विनोद कुमार शर्मा ने IAF (इंडियन एयरफोर्स) में क्लर्क की नौकरी जॉइन की. जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक जैसे राज्यों में काम करने के बाद साल 2000 में शर्मा की पोस्टिंग होती है अहमदाबाद के Vadsar Air Force बेस पर. यहीं पर 30 साल के शर्मा की मुलाक़ात होती है 35 साल की उर्मिला जादव से.
दो बच्चियों की मां उर्मिला और विनोद को प्यार हो जाता है और वो शादी कर लेते हैं. शर्मा और उर्मिला का राजशेखर नाम का एक बच्चा भी होता है. शादी के बाद शर्मा की पोस्टिंग दो साल के लिए बरेली होती है. विनोद इसके बाद एयरफोर्स की नौकरी छोड़ देता है और बेहतर वेतन के लिए अपनी पत्नी उर्मिला के साथ अहमदाबाद में एक डायमंड फैक्ट्री जॉइन करता है. शर्मा को इस नौकरी में 6 हजार के बदले 10 हजार रुपये मिल रहे थे. दोनों इसके बाद सूरत शिफ्ट हो जाते हैं.
सूरत सिटी क्राइम ब्रांच के पुलिस अधिकारी J N Zala ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यहां तक सब ठीक था. विनोद शर्मा का मन फिर बदलता है. इस बार वो फैक्ट्री छोड़कर कपड़े बेचने का काम करने लगता है और उर्मिला कपड़े सिलने का. मगर तभी उर्मिला की जिंदगी में एक और शख्स की इंट्री होती है. ये शख्स उर्मिला के मकान मालिक Mahesh Mal की दुकान में काम करता था और उसी मकान में किरायेदार भी था. पुलिस के मुताबिक दोनों रिलेशन में आते हैं और यही बात शर्मा को अखरती है. 24 दिसंबर 2004 को इसी बात पर दोनों में झगड़ा होता है और शर्मा लोहे की रॉड से उर्मिला के सिर पर मारता है जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो जाती है. फिर विनोद शर्मा अपने चार साल के बेटे को लेकर गायब हो जाता है.

सूरत पुलिस आरोपी शर्मा को तलाशने के लिए हाथ-पैर मारती है. उसके घर का पता निकालकर पिता और भाई से भी पूछताछ भी करती है मगर शर्मा तो ‘गधे के सिर से सींग’ जैसे गायब हो गया. पुलिस ने बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर से लेकर तमाम रिकॉर्ड खंगाल डाले मगर नतीजा ‘ढाक के तीन पात’. साल क्या दशक निकल जाता है पर तलाश जारी रहती है, वो भी बिल्कुल बेनतीजा.
अब सवाल उठता है कि अचानक आरोपी विनोद कुमार शर्मा मिला कैसे? सूरत पुलिस ने एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें अनसुलझे मर्डर केसों की एक लिस्ट दी जाती है. इसमें ही उर्मिला मर्डर केस भी था. जिसकी जांच फिर से शुरू होती है. जांच के लिए पुलिस की एक बार फिर आगरा पहुंचती है विनोद शर्मा के पैतृक गांव. इस बार भी वो खाली हाथ ही लौटते हैं. लौटने के बाद अचानक पुलिस कोविड वैक्सीनेशन लेने वाले लोगों की लिस्ट खंगालना शुरू करती है.
कोविड वैक्सीन का रिकॉर्ड खंगालते समय पुलिस को आगरा में ‘Chitra Vinod Sharma’ नाम मिलता है. क्योंकि विनोद शर्मा आगरा के पास के गांव से था तो पुलिस इस लीड के दम पर अपनी जांच को तेजी देती है. लोकल लेवल पर जानकारी जुटाने पर पता पहले चित्रा विनोद शर्मा के घर पता चलता है. फिर पुलिस को जानकारी मिलती है कि आगरा में एक किराने की दुकान है जो विनोद कुमार शर्मा के नाम से है.

मगर ये शातिर शर्मा था जिसके पास कोई मोबाइल नहीं, कोई पहचान नहीं थी. मगर दूसरी पत्नी का चित्रा के सारे रिकॉर्ड थे. जांच में पता चला कि विनोद शर्मा ने सूरत से भागने के बाद कुछ दिन आगरा में छोटा-मोटा काम किया फिर दुकान खोली. दूसरी शादी से एक 16 साल का बेटा और 15 साल की बेटी भी है. और राजशेखर वडोदरा में काम करता है.
सूरत क्राइम ब्रांच ने शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है. सोमवार 30 दिसम्बर 2024 उसे कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. सूरत पुलिस की 20 साल की सर्च खत्म हो गई है मगर एक सवाल अभी भी बाकी है.
विनोद कुमार शर्मा को साल 2017 में दो बार अरेस्ट किया गया था. एक बार लोकल झगड़े में और एक बार Arms Act में मगर फिर भी उसके डिटेल्स बाहर नहीं आए.
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