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बैंक की एक फाइल हैक की, कई ब्रांचों के ग्राहकों के करोड़ों रुपये लूट लिए

पुलिस के अनुसार, हैकर्स ने Vijayanagar Cooperative Bank के RTGS/NEFT ट्रांजैक्शन सिस्टम को हैक कर लिया था. इससे बदमाशों ने करोड़ों की राशि 25 अलग-अलग खातों में जमा कर दी, जो भारत के उत्तरी राज्यों में थे.

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बैंक खातों की सीट हैक कर करोड़ों की चपत (तस्वीर: AI जेनेरेटेड)

कर्नाटक के विजयनगर में हैकर्स ने एक कोऑपरेटिव बैंक से 2.34 करोड़ रुपये चोरी कर लिए. उन्होंने बैंक के फंड ट्रांसफर सिस्टम की XML फाइल्स को हैक कर लिया था. इसके बाद उसमें अकाउंट नंबर और IFSC कोड बदल दिए जबकि उनके नाम नहीं बदले. इस तरीके से हैकर्स ने करोड़ों की हेराफेरी की. यह बैंक विजयनगर और बेल्लारी दोनों जिलों में अपनी सेवाएं देता है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिया टुडे से जुड़े सगाय राज की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 जनवरी को BDCC बैंक से IDBI बैंक में फंड ट्रांसफर के दौरान, हैकरों ने एक XML फाइल्स की जानकारी में छेड़छाड़ कर दी. इस XML फाइल में खातों की जानकारियां थीं. हैकर्स ने फाइल में अकाउंट नंबर और IFSC कोड बदल दिए, लेकिन लाभार्थियों के नाम वैसे ही रखे. इसके चलते पैसा असली खाताधारकों के पास न जाकर, भारत के उत्तरी राज्यों में स्थित 25 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर हो गया.

कैसे पकड़ी गई चोरी?

सोमवार, 13 जनवरी के दिन बैंक की कई शाखाओं ने शिकायत की कि 10 जनवरी से किए गए RTGS ट्रांसफर अब तक ग्राहकों के खातों में नहीं पहुंचे हैं. बैंक ने इसकी जांच शुरु की. शुरुआती जांच में पता चला कि 5 लाख से अधिक की राशि वाले ट्रांजैक्शन दूसरी जगह ट्रांसफर हो रहे हैं.

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बैंक ने क्या कदम उठाए?

घटना की गंभीरता को देखते हुए, बैंक प्रबंधन ने तुरंत अपनी RTGS/NEFT सर्विसेज को सस्पेंड कर दिया. साथ ही उसकी शिकायत होसपेटे टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई. इसके बाद मामले को बेल्लारी CEN (साइबर इकोनॉमिक नार्कोटिक्स) पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया.

पुलिस ने IT अधिनियम की धारा 66(C)(D) और भारत न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(3) के तहत FIR दर्ज की है. मामले की जांच जारी है.

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