अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani case) पर कथित घूसखोरी के मामले में तय हुए आरोपों पर भारत सरकार का बयान आया है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार को गौतम अडानी या दूसरे लोगों पर लगे आरोपों के बारे में एडवांस में कोई जानकारी नहीं दी गई थी. केंद्र सरकार को अमेरिका की तरफ से कोई समन या अरेस्ट वारंट का अनुरोध भी नहीं मिला है.
अमेरिका में अडानी के खिलाफ तय हुए आरोपों पर भारत सरकार का बयान आ गया
विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि ये निजी कंपनी या किसी व्यक्ति का मामला है, भारत सरकार किसी भी तरीके से इसका हिस्सा नहीं है.
29 नवंबर को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अडानी पर पूछे गए सवाल पर जवाब दे रहे थे. उन्होंने इस मामले को निजी कंपनियों, निजी व्यक्तियों और अमेरिकी न्याय विभाग के बीच का कानूनी मामला बताया. जायसवाल ने कहा कि ऐसे मामलों में कुछ तय प्रक्रिया और कानूनी तरीके हैं…भारत सरकार को लगता है कि उसका पालन किया जाएगा. उन्होंने आगे बताया,
"भारत सरकार को इस बारे में एडवांस में कुछ भी नहीं बताया गया था. अमेरिकी सरकार के साथ इस मामले में कोई बातचीत भी नहीं हुई."
समन या गिरफ्तार वारंट से जुड़े सवालों के जवाब में रणधीर जायसवाल ने कहा,
“किसी भी विदेशी सरकार से समन या अरेस्ट वारंट का अनुरोध परस्पर कानूनी मदद का मामला है. ऐसे अनुरोधों की मेरिट के आधार पर जांच की जाती है. अमेरिका की तरफ से इस मामले में हमें कोई अनुरोध नहीं मिला है.”
विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि ये निजी कंपनी या किसी व्यक्ति का मामला है, भारत सरकार किसी भी तरीके से इसका हिस्सा नहीं है.
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पिछले हफ्ते अमेरिका के न्यूयॉर्क के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने गौतम अडानी, उनके भतीजे समेत आठ लोगों के खिलाफ आरोप तय किया था. इन सभी पर भारत में एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 2100 करोड़ रुपये घूस देने का आरोप लगा. और इसके लिए पैसे कथित रूप से अमेरिकी निवेशकों से जुटाए गए.
इससे पहले, अडानी ग्रुप ने अमेरिकी कोर्ट की तरफ से लगाए गए आरोपों से इनकार किया था. आरोपों को आधारहीन बताते हुए ग्रुप ने कहा था कि अमेरिकी न्याय विभाग ने खुद कहा है कि ये आरोप मात्र हैं और जब तक दोष साबित नहीं हो जाता, तब तक आरोपियों को निर्दोष माना जाएगा. ग्रुप का कहना था कि इस मामले में सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे.
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