उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद ज़िले में अधिकारियों ने उन अख़बारिया दावों को झूठा बताया, जिनमें बताया गया था कि ‘टैटू बनवाने से चार साल में 20 महिलाएं HIV की शिकार हुई हैं’. अधिकारियों का कहना है कि विभाग की तरफ़ से इस तरह के कोई आंकड़े नहीं जारी किए गए हैंं. वहीं, अख़बार में जिन अधिकारियों को क़ोट किया गया था. उसे लेकर अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों और अधिकारियों ने ऐसा कोई वक्तव्य किसी अख़बार को नहीं दिया है.
'टैटू बनवाने से किसी को नहीं हुआ AIDS...', प्रशासन ने वायरल न्यूज़ को फर्जी करार दिया
Ghaziabad District AIDS Control Officer का कहना है कि विभाग ऐसे किसी भी आंकड़े की पुष्टि नहीं करता है.
ग़ाज़ियाबाद के ज़िला एड्स नियंत्रण अधिकारी डॉ अनिल कुमार यादव के हवाले से एक प्रेस रिलीज़ जारी की गई है. इसमें बताया गया कि डॉ. अनिल जनपद में प्रवासी व्यक्तियों और उनके परिवारों की जांच के लिए अलग-अलग जगहों पर शिविरों का आयोजन कर रहे हैं. लेकिन इसमें ऐसे कोई आंकड़े नहीं मिले, जैसा दावा कुछ अख़बार कर रहे हैं.
ज़िला एड्स नियंत्रण अधिकारी की तरफ़ से आगे कहा गया, ‘विभाग ऐसे किसी भी आंकड़े की पुष्टि नहीं करता है.’ वहीं, विभाग ने ऐसी ख़बरों पर एक्शन लेने की भी बात की है. प्रेस रिलीज़ में ग़ाज़ियाबाद जनपद में चल रहे एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की भी जानकारी दी गई है. बताया गया कि अलग-अलग जगहों पर समन्वय बैठक का आयोजन किया जा रहा है.
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AIDS क्या है?HIV यानी ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियंसी वायरस. इसी वायरस से एड्स (AIDS) फैलता है. अब तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं मिला है. दवाओं और सावधानियों के जरिए इसे फैलने से जरूर रोका जा सकता है. कुछ दवाएं उपलब्ध हैं, मगर इनकी भी एक सीमा है. साथ ही ये बहुत महंगी हैं और इनके कई साइड इफेक्ट हैं. बताया जाता है कि एड्स के रोगी को शारीरिक लक्षणों से नहीं पहचाना जा सकता.
इस बीमारी के लक्षण 20 साल तक छिपे रह सकते हैं. मेडिकल जांच ही इसकी पुष्टि कर सकती है. एड्स से सीधे कोई नहीं मरता. HIV के वायरस से व्यक्ति इतना कमज़ोर हो जाता है कि उसे तमाम बीमारियां घेर लेती हैं.
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