भारत के ट्रांसपोर्ट सिस्टम के खस्ताहाल की तस्वीरें जब-तब सामने आती रहती हैं. इस बीच एक जर्मन ट्रैवल व्लॉगर का भारतीय मेट्रो की तारीफ़ करते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. व्लॉगर ने माना है कि भारत आने से पहले उसके मन में कई तरह के पूर्वाग्रह थे लेकिन अब ये सारे पूर्वाग्रह दूर हो गए हैं. व्लॉगर ने भारतीय मेट्रो को पश्चिमी यूरोपीय देशों के मेट्रो से बेहतर बताया है और इसकी तुलना चीन, साउथ कोरिया और जापान जैसे देशों से की है. वीडियो को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के मजेदार कॉमेंट्स भी आए हैं.
'भारत की मेट्रो यूरोपीय ट्रेनों से अच्छी... ' जर्मनी के शख्स ने ऐसा क्या देख लिया, दीवाना हो गया
German Vlogger Praises Indias Metro System: ट्रैवल व्लॉगर ने बताया- 'ये सुविधाएं मैंने दक्षिण कोरिया, जापान और चीन में देखी हैं. लेकिन ईमानदारी से कहूं तो भारत में मिलने की उम्मीद नहीं थी.'

एलेक्स वेल्डर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से ट्रैवलिंग के वीडियो शेयर करते हैं. इंस्टाग्राम पर उनके 70 हज़ार से भी ज़्यादा फ़ॉलोवर्स हैं. उन्होंने भारतीय मेट्रो को लेकर अपने एक्सपीरियंस बताते हुए जो वीडियो पोस्ट किया, उसे क़रीब 4 लाख यूज़र्स देख चुके हैं. इस वीडियो के कैप्शन में एलेक्स वेल्डर ने लिखा,
भारत आने से पहले देश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर मेरे मन में कई तरह के पूर्वाग्रह थे. मसलन पुरानी बसें और रेलगाड़ियां होंगी, शोर मचाने वाले टुकटुक और रिक्शा होंगे. लेकिन ये सारे पूर्वाग्रह टूट गए हैं. मुझे नहीं पता था कि भारत के कुछ शहरों जैसे- आगरा और दिल्ली में असल में बहुत अच्छा मेट्रो सिस्टम है.
ट्रैवल व्लॉगर ने आगे लिखा,
दिल्ली की कुछ लाइनों पर प्लेटफ़ॉर्म पर दरवाजे, फोन चार्ज करने के लिए प्लग और महिलाओं-बुजुर्गों के लिए अलग सीटें हैं. ये चीजें मैंने दक्षिण कोरिया, जापान और चीन में देखी हैं. लेकिन ईमानदारी से कहूं तो भारत में मिलने की उम्मीद नहीं थी.
एलेक्स वेल्डर ने लिखा,
ज्यादातर समय बैठने की जगह मिल गई. जब तक कि बहुत व्यस्त समय नहीं था. लगभग हर मेट्रो स्टेशन पर खाने और ख़रीदारी के बहुत सारे विकल्प हैं.
एलेक्स वेल्डर के इस वीडियो पर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने भी कॉमेंट किए. एक यूज़र ने लिखा,
जब आप ट्रैवल करते हैं, तो आपको कई चीज़ों के बारे में वेस्टर्न प्रोपेगेंडा का एहसास होता है.
एमिली पार्नेल नाम की यूज़र ने लिखा,
वहां (भारत) के मेट्रो बहुत साफ हैं और उनमें AC भी लगा है.

हरिकुमार वैद्यम नाम के यूज़र ने लिखा,
भारत आशावादियों (Optimists) और निराशावादियों (Pessimists) दोनों को बराबर निराश करता है.

वहीं, एक यूज़र ने जो कॉमेंट किया, उससे ये क्लियर नहीं हो पाया कि वो दिल्ली की बुराई कर रहा है या मेट्रो की तारीफ. यूज़र ने लिखा,
दिल्ली की सिर्फ एक अच्छी चीज है. वो है, दिल्ली मेट्रो.

व्लॉगर के इस एक्सपीरियंस पर आपका कहना है, हमें कॉमेंट में ज़रूर बताएं.
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