महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) ने गौतम अडानी (Gautam Adani) से जुड़ा एक बड़ा खुलासा किया है. अजित ने बताया है कि उद्योगपति गौतम अडानी भारतीय जनता पार्टी (BJP) और अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के बीच पांच साल पहले हुई एक महत्वपूर्ण बैठक का हिस्सा थे.
'गौतम अडानी BJP-NCP की मीटिंग में मौजूद थे... ' अजित पवार ने बीच चुनाव बड़ा खुलासा कर दिया
अजित पवार ने बताया है कि उद्योगपति गौतम अडानी BJP और अविभाजित NCP के बीच पांच साल पहले हुई एक महत्वपूर्ण बैठक का हिस्सा थे. तब क्या हुआ था इस मीटिंग में? और कौन से बड़े नेता इसमें मौजूद थे?
अजित पवार ने ये खुलासा दी न्यूज मिनट को दिए एक इंटरव्यू में किया है. वो उस घटनाक्रम का जिक्र कर रहे थे जब भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार (तब अविभाजित NCP का हिस्सा) ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अजित पवार ने इंटरव्यू में बताया,
“क्या आपको नहीं पता? ये पांच साल पहले हुआ था. सबको पता है कि बैठक कहां हुई थी, हर कोई वहां था. मैं आपको फिर से बताता हूं. अमित शाह वहां थे, गौतम अडानी वहां थे, प्रफुल्ल पटेल वहां थे, देवेंद्र फडणवीस वहां थे, अजित पवार वहां थे, पवार साहब भी वहां मौजूद थे."
अजित पवार ने आगे बताया कि एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने केवल वही किया जो शरद पवार ने उनसे कहा था. उनकी बगावत सिर्फ 80 घंटे तक ही चल पाई थी, क्योंकि शरद पवार ने उनका समर्थन न करने का फैसला किया था. जिसके बाद अजित पवार के साथ गए अधिकांश विधायक मूल पार्टी में वापस लौट आए थे. इसके कुछ दिनों बाद अविभाजित NCP और शिवसेना ने कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (MVA) की सरकार बनाई थी.
अजित पवार से ये सवाल भी पूछा गया कि उनके चाचा शरद पवार कांग्रेस में शामिल क्यों नहीं हुए? इसके जवाब में उन्होंने कहा,
“शरद पवार ऐसे व्यक्ति हैं जिनके मन की बात का अनुमान नहीं लगाया जा सकता. दुनिया में कोई भी व्यक्ति अनुमान नहीं लगा सकता. हमारी चाची भी नहीं और न ही उनकी बेटी सुप्रिया.”
गौतम अडानी को लेकर किए गए खुलासे पर राज्यसभा सांसद और शिवसेना (UBT) की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने X पर एक पोस्ट किया. लिखा,
"कैबिनेट के एक वरिष्ठ मंत्री द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म को दिए गए साक्षात्कार के अनुसार, गौतम अडानी ने महाराष्ट्र में भाजपा को सत्ता में लाने के लिए बैठकों में भाग लिया था. उन्होंने असंभावित गठबंधनों को ठीक करने की कोशिश की. इससे कुछ गंभीर सवाल उठते हैं- क्या वो भाजपा के अधिकृत नेगोशिएटर हैं? क्या उन्हें गठबंधन तय करने की जिम्मेदारी दी गई है? एक व्यवसायी महाराष्ट्र में किसी भी कीमत पर भाजपा को सत्ता में लाने के लिए इतनी उत्सुकता और बारीकी से काम क्यों कर रहा है?"
रिपोर्ट के मुताबिक मामले को लेकर कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती है. जबकि अडानी समूह के प्रवक्ता ने भी इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. वहीं भाजपा के सूत्र ने बताया कि भले ही अजित पवार ने कहा कि ये पांच साल पहले हुआ था, लेकिन जिस बैठक का उन्होंने जिक्र किया वो वास्तव में 2017 में हुई थी.
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