झारखंड के पलामू ज़िले में हुए एक मुठभेड़ में गैंगस्टर अमन साहू को मार गिराया गया है (Aman Sahu Shot Dead). पुलिस ने उसे NTPC के डिप्टी जनरल मैनेजर कुमार गौरव की हत्या के सिलसिले में गिरफ़्तार किया था. उसे रायपुर जेल में रखा गया था और रांची ले जाया जा रहा था.
कौन था अमन साहू जिसे झारखंड पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया, लॉरेंस बिश्नोई गैंग से भी था कनेक्शन
Gangster Aman Sahu Killed: मुठभेड़ 11 मार्च की सुबह पलामू के चैनपुर के अंधारी धौड़ा में हुई. झारखंड पुलिस ने दो मामलों में अमन साहू से पूछताछ के लिए ट्रांजिट रिमांड लिया था. पूरा मामला क्या है?
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घटनाक्रम से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को घटना की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि मुठभेड़ 11 मार्च की सुबह पलामू के चैनपुर के अंधारी धौड़ा में हुई. पुलिस अधिकारी ने बताया,
अमन साहू को रांची ले जाया जा रहा था. लेकिन पलामू में पुलिस वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस दौरान अमन साहू ने पुलिस का हथियार (इंसास) छीनकर भागने की कोशिश की. तब पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की. लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी. इसके बाद, जवाबी कार्रवाई करते हुए, पुलिस टीम ने मुठभेड़ में उसे मार गिराया.
पुलिस अधिकारी ने आगे बताया,
मुठभेड़ में एक पुलिस अधिकारी भी घायल हुआ है. पुलिस काफिले पर पहले अमन साहू के गैंग ने बम से हमला किया था. उसके बाद अमन ने इंसास लूटकर भागने की कोशिश की. इस दौरान जवाबी कार्रवाई में वो मारा गया.
झारखंड के हज़ारीबाग ज़िले में कुमार गौरव की हत्या की गई थी. इससे पहले, रांची में कोयला व्यापारी बिपिन मिश्रा नाम के एक अन्य व्यक्ति की हत्या की कोशिश की गई थी. झारखंड पुलिस ने दोनों मामलों में अमन साहू से पूछताछ के लिए ट्रांजिट रिमांड लिया था.
क्योंकि पुलिस का मानना था कि वो व्यापारियों और कोयला व्यापार से जुड़े लोगों से जबरन वसूली का रैकेट चला रहा था. अमन साहू के नेतृत्व वाला गैंग झारखंड और छत्तीसगढ़ में इस कारनामे को अंजाम देता था. ATS ने 9 मार्च को अमन साहू गैंग के 21 अपराधियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था.
अधिकारियों के मुताबिक़, अमन साहू गैंग का मयंक सिंह झारखंड के कोयला व्यापारियों को लगातार रंगदारी के लिए धमकाता रहता है. वो सोशल मीडिया पर घटना की ज़िम्मेदारी भी लेता है.
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कौन था अमन साहू?आजतक से जुड़े सत्यजीत कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक़, अमन साहू रांची के छोटे से गांव मतबे का रहने वाला था. झारखंड में उसके ख़िलाफ़ 100 से ज़्यादा मामले दर्ज हैं. अमन पहले एक हार्डकोर माओवादी था. बताया जाता है कि उसने 2013 में अपना ख़ुद का गैंग बनाया था. आरोप है कि अमन साहू की हिट लिस्ट में शहर के कई व्यापारियों के नाम शामिल थे.
लॉरेंस बिश्नोई गैंग से क्या कनेक्शन?13 जुलाई, 2024 को रायपुर के तेलीबांधा इलाक़े में एक बिल्डर के ऑफ़िस पर फायरिंग हुई थी. इसका आरोप भी अमन साहू गैंग पर ही था. अमन ख़ुद को कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का क़रीबी बताता था. कहा जाता है कि वो लॉरेंस बिश्नोई को गुर्गे सप्लाई करता था. इसके बदले में उनसे अमन साहू हाईटेक हथियार हासिल करता था.
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