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सलीम ने सौतेली मां को 'अम्मी' नहीं कहा था, बाप ने कैंची से हत्या कर दी थी, अब मिली उम्रकैद

इब्राहिम शेख ने दूसरी शादी की थी. वो चाहता था कि बेटा सलीम सौतेली मां को ‘अम्मी’ कहा करे. लेकिन सलीम ने पिता का कहना मानने से इनकार कर दिया. इस पर पिता-पुत्र के बीच छिड़ा विवाद हिंसक हो गया.

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पीड़ित की मां ने FIR दर्ज कराई थी. (फ़ोटो/इंडिया टुडे)

मुंबई सेशन कोर्ट ने एक व्यक्ति को अपने ही बेटे की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. घटना साल 2018 की है. पुलिस ने बताया कि दोषी व्यक्ति के बेटे ने अपनी सौतेली मां को "अम्मी" (मां) कहने से इनकार किया था, इसलिए पिता ने उसकी कैंची से बेरहमी से हत्या कर दी थी.

इंडिया टुडे से जुड़ीं विद्या की रिपोर्ट के मुताबिक डोंगरी के रहने वाले सलीम अली इब्राहिम शेख ने 24 अगस्त, 2018 को अपने 20 साल के बेटे सलीम शेख की हत्या की थी. उसकी मां ने अपने शौहर के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. FIR के मुताबिक घटना की रात पिता और बेटे के बीच झगड़ा हुआ था. इब्राहिम शेख ने दूसरी शादी की थी. वो चाहता था कि बेटा सलीम सौतेली मां को ‘अम्मी’ कहा करे. लेकिन सलीम ने पिता का कहना मानने से इनकार कर दिया. इस पर पिता-पुत्र के बीच छिड़ा विवाद जब हिंसक हो गया, तो सलीम की असली मां मदद मांगने के लिए पुलिस स्टेशन पहुंच गई.

रिपोर्ट के मुताबिक जब पुलिस वहां पहुंची तो उन्होंने देखा कि सलीम खून से लथपथ पड़ा था और उस पर कैंची से कई बार वार किया गया था. मुकदमे के दौरान पिता ने दावा किया कि उसके बेटे की मौत हत्या नहीं बल्कि आत्महत्या थी. इब्राहिम ने कहा कि उसके बेटे ने नशे की हालत में खुद को चोट पहुंचाई थी.

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केस की सुनवाई के दौरान जज एसडी तौशीकर ने सबूतों की जांच करने के बाद फैसला सुनाया. उन्होंने कहा कि सलीम को लगी चोटों से साफ है कि मौत से पहले उस पर हमला किया गया था. इस केस का एक दिलचस्प पहलू ये रहा कि सुनवाई के दौरान सलीम की मां ने अपने शौहर के बयान का समर्थन किया था. इसे लेकर जज ने कहा कि अगर मृतक आत्महत्या करने की कोशिश कर रहा होता तो मां मदद के लिए पुलिस स्टेशन नहीं जाती.

मां की गवाही पर जज ने कहा,

"वह एक दुर्भाग्यपूर्ण महिला है जो भावनात्मक दुविधा में फंस गई है. एक ओर, उसने अपना बच्चा खो दिया है. दूसरी ओर, उसके पति को हत्या के लिए सजा का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि उसने अपने पति को बचाने के लिए झूठी गवाही देने की कोशिश की, लेकिन वह पूरी तरह से इसमें सफल नहीं हो सकी."

कोर्ट ने कहा कि पिता घटनास्थल से भाग गया था. आमतौर पर माता-पिता घायल बच्चे की मदद करते हैं, उसे अस्पताल लेकर जाते हैं. कोर्ट ने आगे कहा कि सबूतों को देखकर साबित होता है कि पीड़ित की हत्या हुई थी. 

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