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MBBS छात्रों ने कॉलेज फार्मासिस्ट को पीटा, बचाने आए गार्ड को पीटा, सुपरवाइज़र को भी नहीं छोड़ा, OPD बंद!

2023 बैच का MBBS छात्र किसी मरीज के लिए दवा लेने फार्मेसी पहुंचा. उसने वहां मौजूद फार्मासिस्ट से एक दवा मांगी. उसने सब्स्टिट्यूट मेडिसिन दे दी. छात्र ने आपत्ति जताई. इसी को लेकर दोनों के बीच बहस होने लगी.

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पीड़ित फार्मासिस्ट राघवेंद्र और प्रदर्शन कर रहे छात्र. (तस्वीर : इंडिया टुडे )

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के मेडिकल कॉलेज में दवाई बांटने की बहस मारपीट में बदल गई. आरोप के मुताबिक, MBBS के छात्रों ने फार्मेसी में काम कर रहे संविदा कर्मियों को लात-घूंसों और लाठी-डंडों से पीट दिया. जब गार्ड और सुपरवाइजर उन्हें रोकने आये तो छात्रों ने उन्हें भी पीट दिया. अब मारपीट से नाराज संविदा कर्मियों ने OPD को बंद कर दिया है. सभी ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

इंडिया टुडे से जुड़े नीतेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना मलवां थाना क्षेत्र की है. यही पर अमर शहीद जोधा सिंह अटैया ठाकुर दरियांव सिंह मेडिकल कॉलेज स्थित है. मंगलवार 29 अप्रैल की दोपहर, 2023 बैच का MBBS छात्र किसी मरीज के लिए दवा लेने कॉलेज की फार्मेसी पहुंचा. उसने वहां मौजूद फार्मासिस्ट राघवेंद्र से मेट्रोजिल मांगी, जिस पर राघवेंद्र ने उसे सब्स्टिट्यूट मेडिसिन दे दी. लेकिन छात्र ने इस पर आपत्ति जताई. इसी को लेकर दोनों में बहस होने लगी. 

आरोप के मुताबिक, इस बहस के कुछ देर बाद, मेडिकल छात्र अन्य 200-250 छात्रों के साथ वापस लौटा और मारपीट करने लगा. इस दौरान संविदा कर्मी समेत गार्ड और सुपरवाइजर गंभीर रूप से घायल हो गए. वहीं छात्रों ने घटना को रिकॉर्ड करने वाले एक अन्य कर्मचारी का मोबाइल छीनकर तोड़ दिया गया.

पीड़ित राघवेंद्र ने मीडिया को बताया, 

“हमने मारपीट की शिकायत HOD से की है. हम दोषी छात्रों को 24 घंटे के अंदर निलंबित कर उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग करते हैं. और जब तक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, OPD सेवाएं पूरी तरह बंद रहेंगी.”

मेडिकल कॉलेज के प्रॉक्टर डॉ. प्रदीप कुमार ने घटना की पुष्टि की. उन्होने कहा,

"निष्पक्ष जांच के लिए हमने जांच समिति गठित कर दी है, अभी यह कहना उचित नहीं होगा कि गलती किसकी है. मेडिकल कॉलेज एक परिवार है, छात्र हमारे ही बच्चे हैं. हमें कोई सूचना नहीं है कि गार्ड गंभीर रूप से घायल हुआ है, लेकिन जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर न्यायसंगत कार्रवाई की जाएगी."

पुलिस ने मामले को शांत कराने के लिए संविदा कर्मियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन संविदा कर्मी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.

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