जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने 'रिसर्च एंड एनालिसिस विंग' (RAW) के पूर्व चीफ AS दुलत के दावों पर जवाब दिया है. दुलत ने अपनी अपकमिंग बुक 'The Chief Minister and the Spy' में दावा किया है कि फारूक अब्दुल्ला और उनकी पार्टी ने आर्टिकल 370 हटाने का 'निजी तौर' पर समर्थन किया था. अब्दुल्ला ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे 'सस्ता पब्लिसिटी स्टंट' करार दिया है.
पूर्व रॉ चीफ का दावा, 'आर्टिकल 370 हटने के समर्थक थे फारूक अब्दुल्ला', उनका जवाब- 'सस्ता पब्लिसिटी स्टंट'
Jammu Kashmir के पूर्व CM Farooq Abdullah ने आर्टिकल 370 पर AS Dulat के दावों को 'झूठा' और 'सस्ता पब्लिसिटी स्टंट' बताया. उन्होंने कहा कि उनकी किताब में तथ्यों की गलतियां हैं. दुलत ने अब्दुल्ला के बारे में क्या लिखा है? यहां जानिए.

दी ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, अब्दुल्ला ने कहा कि दुलत का दावा, उनकी किताब की बिक्री बढ़ाने का एक हथकंडा है. उन्होंने यह भी कहा कि जब आर्टिकल 370 को हटाया गया था, तब वो और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला जेल में थे और उनका विरोध पूरी दुनिया जानती है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जम्मू और कश्मीर विधानसभा में कभी भी ऐसा प्रस्ताव पास नहीं किया जा सकता था, क्योंकि विधानसभा तो 2018 में ही भंग हो चुकी थी.
फारूक अब्दुल्ला ने दुलत की किताब में किए गए कई तथ्यों को झूठा और गलत बताया. उन्होंने कहा,
वे (AS दुलत) दावा करते हैं कि मैंने हमेशा उनकी सलाह मानी, जबकि यह सही नहीं है. मैं खुद फैसले लेने वाला व्यक्ति हूं, ना कि किसी का मोहरा.
अब्दुल्ला ने दुलत की किताब के बारे में बताया,
इसमें इतनी गलतियां हैं कि मैं बयान नहीं कर सकता. अफसोस है कि अगर वे मुझे दोस्त कहते हैं तो दोस्त ऐसी बातें लिख नहीं सकता. जब मैंने 1996 में हुकूमत बनाई, तो वो किताब में लिखते हैं कि मैंने उनसे पूछा किसको मिनिस्टर बनाऊं? वो किताब में लिखते हैं कि छोटी हुकूमत बनाना. अगर उन्होंने यह कहा होता, तो मैंने 25 मिनिस्टर बनाए थे, जो मेरा कोटा था. तो वो भी गलत. मैं क्यों पूछूं उनसे, सरकार तो मुझे चलानी है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दुलत ने अपनी किताब में दावा किया कि 2019 में आर्टिकल 370 हटाने पर फारूक अब्दुल्ला ने उनसे पूछा था कि हम (प्रस्ताव पारित करने में) मदद करते. हमें विश्वास में क्यों नहीं लिया गया?
दुलत लिखते हैं कि आर्टिकल 370 हटाने से कुछ दिन पहले अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. इस मुलाकात पर उन्होंने किताब में लिखा, “क्या हुआ... कोई भी कभी नहीं जान पाएगा.”
इस बीच, आर्टिकल 370 हटाने का समर्थन करने के सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने सफाई देते हुए कहा,
ये बिलकुल गलत है. हम क्यों बीजेपी के साथ जाएं, जब आर्टिकल 370 हटा दिया था, हम तो खुद जेल में थे. जबकि खुद होम मिनिस्टर ने पार्लियामेंट में कहा कि मैं आजाद हूं. मेरी बेटी नहीं आती और मुझे ना बताती कि मैं आजाद हूं, तब मैं गया और मीडिया से बात की. उसी रात हम पर PSA लगाया गया.
आखिर में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब रॉयल फैमिली के बारे में लिखा गया, उस समय महारानी एलिजाबेथ ने बस यही कहा, 'रिकलेक्शन मे वेरी' (Recollections May Vary). इसका मतलब है- 'यादें बदल सकती हैं.'
वीडियो: सीएम ममता बनर्जी ने गृहमंत्री अमित शाह पर कौन से गंभीर आरोप लगाए