मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिये लोग अपने लाइफ पार्टनर की तलाश करते है. लेकिन भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच ने मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स (Fake Matrimony Websites) से जुड़े एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है, जिसे छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से चलाया चलाता था. ये लोग शादी के नाम पर कथित तौर पर 500 से अधिक लोगों को ठग चुके हैं. पुलिस ने इसके मास्टरमाइंड हरीश भारद्वाज (Harish Bhardwaj) को गिरफ्तार कर लिया है.
12वीं पास लड़के ने मैट्रिमोनियल वेबसाइट बनाकर 500 लोगों को ठगा, पीड़ित ने बताई आपबीती
भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच ने Fake Matrimony Websites को चलाने वाले Harish Bhardwaj को हिरासत में लिया है. अपने साथियों के साथ उसने 6 फर्जी वेबसाइट बनाई थीं. बताया गया है कि इसके जरिये उसने 500 से अधिक लोगों से धोखाधड़ी की है.
इंडिया टुडे से जुड़े रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि भोपाल के आनंद दीक्षित ने इस मामले की शिकायत की थी. 47 साल के आनंद, भोपाल के ही रहने वाले हैं. एक दिन उन्हें फेसबुक पर संगम विवाह मेट्रोमनी का एड देखा. क्लिक करने पर वॉट्सऐप में चैट के जरिये कई लड़कियों की तस्वीरें भेजी गईं. सेेलेक्ट करने पर उनकी लड़कियों से बात भी कराई गई. आनंद का आरोप है कि लड़की ने शादी के कागज तैयार करने, वकील की फीस, होटल का किराया, मंगलसूत्र खरीदने, शगुन, पंडित की फीस जैसे तमाम कामों के नाम पर उनसे करीब 1.50 लाख रुपये ठग लिए.
कैसे सामने आया स्कैम?रिपोर्ट के मुताबिक आनंद को बाद में समझ आया कि वो असल में एक कॉल सेंटर की लड़की से बात कर रहे थे. उन्होंने इसकी शिकायत क्राइम ब्रांच में की. राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCCRP) पर धारा 420 IPC के तहत केस दर्ज किया गया. जांच में एक बैंक खाते को बंद किया गया जिससे ठगी हुई थी. इसी बैंक खाते को दोबारा खुलवाने के लिए आरोपी हरीश भारद्वाज, भोपाल की साइबर क्राइम पहुंचा. तभी अफसरों ने उससे सख्ती से पूछताछ की जिससे पूरा स्कैम सामने आया.
पुलिस की पूछताछ में आरोपी हरीश भारद्वाज ने बताया कि अपने साथियों के साथ मिलकर उसने 6 फर्जी मैट्रिमोनियल वेबसाइट बनाईं थीं. इन वेबसाइट का विज्ञापन सोशल मीडिया पर दिया जाता. लोग विज्ञापन देखकर वेबसाइट पर आते थे. इसके बाद उन्हें WhatsApp पर चैट के जरिये कई रैंडम लड़कियों की फोटो साझा की जाती. सेलेक्ट करने पर फर्जी बायोडाटा भेजा जाता. रजिस्ट्रेशन और लड़की के नंबर के लिए पैसे लिए जाते थे.
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बातचीत के दौरान लड़की शादी की तैयारियों, वकील की फीस, होटल रेंट के नाम पर पैसे मांगती. क्योंकि ये अमाउंट छोटे होते इसलिए कोई भी सामने आकर इस ठगी की शिकायत नहीं करता. शिकायत करने पर पीड़ित को ही पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी जाती थी. अब जांच में सामने आया कि ये कॉल सेंटर अलीगढ़, वाराणसी और बिलासपुर से चलाए जा रहे थे. इस स्कैम के लिए आरोपी टेलीकॉलर वाली लड़कियों को 8-10 हजार रुपये की सैलरी देते थे.
पुलिस ने बताया कि इस पूरे स्कैम को अंजाम देने वाले हरीश ने 12वीं तक की पढ़ाई की है. पुलिस ने उसके पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं. मामले की जांच जारी है.
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