एस्सार ग्रुप के को-फाउंडर शशि रुइया का लंबी बीमारी के बाद 81 साल की उम्र में निधन हो गया(Shashi Ruia dies at 81). बताया गया कि 26 नवंबर की दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक शशि के पार्थिव शरीर को मुंबई के रुइया हाउस में रखा जाएगा. शाम 4 बजे उनकी अंतिम यात्रा रुइसा हाउस से हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी. वो क़रीब एक महीने पहले अमेरिका से लौटे थे. जहां उनका इलाज चल रहा था.
एस्सार ग्रुप के को-फाउंडर शशि रुइया का 81 साल की उम्र में निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक
Essar Group की तरफ़ से Shashi Ruia के निधन की ख़बर दी गई है. उनके निधन पर PM Modi ने शोक जताया और लिखा कि उनके दूरदर्शी नेतृत्व और उत्कृष्टता के प्रति कमिटमेंट ने भारत के बिज़नेस परिदृश्य को बदल दिया.
रुइया परिवार और एस्सार ग्रुप की तरफ़ से इसे लेकर एक बयान जारी किया गया है. X पर पोस्ट कर बताया गया,
हमें अत्यंत दु:ख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि रुइया और एस्सार परिवार के संरक्षक शशिकांत रुइया का निधन हो गया है. वो 81 वर्ष के थे. उन्होंने भारत के कॉर्पोरेट परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने एस्सार ग्रुप की नींव रखी और इसे एक वैश्विक समूह बनाया. उनकी की असाधारण विरासत हम सभी के लिए मार्गदर्शक बनी रहेगी.
न्यूज़ एजेंसी PTI की ख़बर के मुताबिक़, शशि रुइया के परिवार के सूत्रों ने बताया कि 25 नवंबर की रात क़रीब 11.55 बजे मुंबई में उनका निधन हुआ. शशि रुइया के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक जताया है. उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए लिखा,
भाई के साथ की Essar Group की स्थापनाशशिकांत रुइया जी उद्योग जगत की एक महान हस्ती थे. उनके दूरदर्शी नेतृत्व और उत्कृष्टता के प्रति कमिटमेंट ने भारत के बिज़नेस परिदृश्य को बदल दिया. वो हमेशा विचारों से भरे रहते थे. हमेशा चर्चा करते थे कि हम अपने देश को कैसे बेहतर बना सकते हैं. शशि जी का निधन अत्यंत दुखद है. दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. ॐ शांति.
शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपना बिज़नेस करियर शुरू किया. 1969 में उन्होंने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर चेन्नई पोर्ट पर एक बाहरी ब्रेकवाटर बनवाया. इसके लिए मद्रास पोर्ट ट्रस्ट से 2.5 करोड़ रुपये का अनुबंध हुआ, जो एस्सार ग्रुप का पहला बड़ा प्रोजेक्ट था. इसी के साथ एस्सार ग्रुप की नींव रखी गई. एस्सार ग्रुप का नाम शशि और रवि दोनों भाइयों के नाम के पहले अक्षरों से लिया गया है.
इसके बाद ग्रुप ने स्टील, तेल रिफाइनिंग, एक्सप्लोरेशन और उत्पादन, टेलीकॉम, बिजली और कंस्ट्रक्शन समेत कई क्षेत्र में विस्तार किया. बताते चलें, शशि रुइया के परिवार में उनकी पत्नी मंजू और दो बेटे प्रशांत और अंशुमान हैं. फिलहाल एस्सार ग्रुप का नेतृत्व उनके छोटे भाई रवि और उनके बेटे प्रशांत और अंशुमान ही कर रहे हैं.
शशि रुइया फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) की प्रबंध समिति का हिस्सा भी रहे. उन्होंने भारत-अमेरिका संयुक्त व्यापार परिषद के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया. साथ ही, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय जहाज मालिक संघ (INSA) का भी नेतृत्व किया और प्रधानमंत्री के भारत-अमेरिका CEO फोरम और भारत-जापान व्यापार परिषद के सदस्य भी रहे.
‘विनम्र, व्यावहारिक व्यक्तित्व’शशि रुइया और भाई रवि रुइया ने साथ मिलकर भारत की कुछ सबसे बड़ी परियोजनाओं की स्थापना की. इसमें 90 के दशक के अंत में जामनगर में भारत की सबसे बड़ी एकल स्थान तेल रिफाइनरी भी शामिल है. पुराने लोग शशि रुइया को एक विनम्र, व्यावहारिक व्यक्ति के रूप में याद करते हैं. जो अक्सर संगठन में युवा लोगों को सलाह देते थे.
बिज़नेस स्टैंडर्ड की ख़बर के मुताबिक़, सूरत के पास हजीरा प्रोजेक्ट की स्थापना करते समय, रुइया अक्सर परियोजना की देखरेख के लिए मुंबई से रात भर की ट्रेन लेते थे. ग्रुप के पास वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम में एक रिफाइनरी, भारत और विदेशों में रिनिवेबल पावर प्रोजेक्ट्स और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म ब्लैक बॉक्स हैं.
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