भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे बिहार के चर्चित IAS अधिकारी संजीव हंस की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. ED के पटना जोनल कार्यालय ने धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत उनके सहयोगियों और परिवार के सदस्यों से जुड़ी संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है. इसमें 23 करोड़ 72 लाख की सात संपत्तियां शामिल हैं. जांच एजेंसी ने इसी साल अक्टूबर में संजीव हंस को गिरफ्तार किया था. इसके बाद से उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है.
बिहार: IAS संजीव हंस के खिलाफ ED की कार्रवाई जारी, अब 24 करोड़ की संपत्ति जब्त हुई
संजीव हंस 1997 बैच के IAS अधिकारी हैं. ऊर्जा विभाग में मुख्य सचिव रह चुके हैं. ED ने इसी साल अक्टूबर में संजीव हंस को गिरफ्तार किया था. इसके बाद से उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है.
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ED ने 16 दिसंबर को एक बयान जारी कर बताया कि जिन संपत्तियों को जब्त किया गया है उनमें नागपुर में तीन भूखंड, दिल्ली में एक फ्लैट और जयपुर में तीन फ्लैट शामिल हैं. इन संपत्तियों को अपराध की आय का उपयोग करके संजीव हंस के करीबी सहयोगियों प्रवीण चौधरी, पुष्पराज बजाज और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदा गया था. ED ने इस केस के सिलसिले में 3 दिसंबर को दिल्ली, गुरुग्राम, जयपुर और नागपुर में 13 स्थानों पर तलाशी ली थी.
संजीव हंस 1997 बैच के IAS अधिकारी हैं. ऊर्जा विभाग में मुख्य सचिव रह चुके हैं. छापेमारी से पहले उनके पास बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (BSPHCL) के अध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्ट (MD) का अतिरिक्त प्रभार भी था. लेकिन कार्रवाई के बाद उन्हें इन पदों से मुक्त कर दिया गया. और उनका सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) में ट्रांसफर कर दिया गया था.
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व विधायक गुलाब यादव और उनके दूसरे सहयोगियों पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजीव हंस की मदद करने का आरोप है. गुलाब यादव 2015 से 2020 तक मधुबनी की झंझारपुर सीट से विधायक रह चुके हैं. हालांकि, 2022 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण आरजेडी ने उन्हें 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया था.
18 अक्तूबर को संजीव हंस को पटना और गुलाब यादव को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था. ED की जांच से पता चला कि संजीव हंस ने बिहार सरकार में अलग-अलग पदों पर रहते हुए और 2018 से 2023 तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान अपने ‘भ्रष्ट आचरण’ से ये संपत्तियां अर्जित की थीं.
ED की तलाशी में संजीव हंस के एक करीबी सहयोगी के परिवार के सदस्यों के डीमैट खातों में 60 करोड़ रुपये के शेयर मिले. इन्हें हाल ही में खोला गया था. इसके साथ ही ED ने 70 बैंक खाते भी फ्रीज किए हैं, जिनमें 6 करोड़ रुपये जमा थे.
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ED के छापे में संजीव हंस के पटना और दिल्ली स्थित आवास से 80 लाख रुपये और 65 लाख रुपये मूल्य के सोने के आभूषण और लग्जरी घड़ियां बरामद हुईं हैं. और उनके सहयोगियों के आवासों से 1 करोड़ 7 लाख की नकदी, 11 लाख रुपये के 13 किलोग्राम चांदी की सिल्लियां, 1 करोड़ 25 लाख रुपये के 1.5 किलो सोने की सिल्लियां और 20 लाख रुपये के मूल्य की विदेशी मुद्रा शामिल है.
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