केंद्र सरकार ने चुनाव से जुड़े एक नियम में बदलाव किए हैं. इसके तहत अब चुनाव से संबंधित सभी कागजात जनता के लिए उपलब्ध नहीं होंगे. केवल चुनाव संचालन नियमों में दिए गए कागजात ही जनता को दिए जाएंगे. जो चीजें उपलब्ध नहीं होंगी, उनमें सीसीटीवी फुटेज, वेबकास्टिंग क्लिप और चुनाव के दौरान उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग शामिल हैं. बताया जाता है कि ये बदलाव चुनाव से जुड़े वीडियो, फुटेज आदि के दुरुपयोग को रोकने के लिए किया गया है.
चुनाव नियम में सरकार ने किया बड़ा बदलाव, अब आम जनता को नहीं मिला करेंगे ये वाले वीडियो
केंद्रीय कानून मंत्रालय ने ये बदलाव चुनाव आयोग (EC) की सिफारिश पर चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 93(2)(ए) में किया है. पहले इस नियम में कहा गया था कि चुनाव से संबंधित सभी अन्य कागजात जनता के निरीक्षण के लिए उपलब्ध होंगे.
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार, 20 दिसंबर को केंद्रीय कानून मंत्रालय ने ये बदलाव चुनाव आयोग (EC) की सिफारिश पर चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 93(2)(ए) में किया है. पहले इस नियम में कहा गया था कि चुनाव से संबंधित सभी अन्य कागजात जनता के निरीक्षण के लिए उपलब्ध होंगे. लेकिन अब लिखा गया है कि केवल चुनाव संचालन नियमों में दिए गए कागजात ही जनता के लिए उपलब्ध होंगे. बताया जाता है कि चुनाव संचालन नियमों से अब सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज को बाहर रखा गया है. यानी ये आम जनता को जांच-पड़ताल के लिए नहीं दिए जाएंगे.
क्यों ये किया गया?चुनाव आयोग के अधिकारियों ने इस मामले पर बात की है. उन्होंने बताया कि मतदान केंद्रों के अंदर CCTV फुटेज का दुरुपयोग किया जा सकता है. इससे मतदाताओं की गोपनीयता भी भंग हो सकती है. उन्होंने आगे कहा कि फुटेज को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बदला जा सकता है.
उन्होंने आगे बताया कि नामांकन फॉर्म, चुनाव एजेंट की नियुक्ति और रिजल्ट से संबंधित नियम पहले जैसे ही हैं. वहीं, CCTV कैमरा फुटेज, वेबकास्टिंग फुटेज और आदर्श आचार संहिता अवधि के दौरान उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज अब पुराने नियम के तहत नहीं आएंगें. अब से ऐसे दस्तावेज आम लोगों को मुहैया नहीं कराए जाएंगे.
बता दें कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने नियम के मुताबिक एक व्यक्ति को चुनाव से जुड़े दस्तावेज मुहैया कराए जाने का आदेश दिया था. ये दस्तावेज हरियाणा विधानसभा चुनाव से संबंधित थे. नियम के अनुसार मांगे गए दस्तावेज चुनाव आयोग ने वकील महमूद प्राचा को दिए थे. उन्होंने चुनाव से संबंधित वीडियोग्राफी, CCTV फुटेज और फॉर्म 17-सी भाग I और II की प्रतियां मांगी थीं.
वीडियो: लोकसभा में जीएसटी, विशेष दर्जा के मुद्दे पर भड़के पप्पू यादव