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चीन ने किया पलटवार तो तिलमिलाए ट्रंप, जवाबी टैरिफ हटाने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया

US और China के बीच ट्रेड वॉर में और तेजी आने की संभावना है. अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने चीन को अमेरिका पर लगाए गए रेसीप्रोकल टैरिफ हटाने की चेतावनी दी है. और साथ ही उनकी बात नहीं मानने पर 50 प्रतिशत लगाने की बात भी कही है.

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ट्रंप ने चीन पर 50 फीसदी एक्सट्रा टैरिफ लगाने की धमकी दी है. (Reuters)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने 8 अप्रैल को चीन (China) पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है. ट्रंप की यह चेतावनी चीन द्वारा अमेरिकी सामान पर 34 प्रतिशत जवाबी टैरिफ लगाए जाने के बाद आई है. इसके जवाब में चीन ने कहा है कि वह टैरिफ ब्लैकमेल से नहीं डरेगा, क्योंकि अमेरिका ने बिना किसी उचित कारण के यह टैरिफ लगाया है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन को अमेरिकी आयातों पर लगाए गए टैरिफ वापस लेने के लिए 8 अप्रैल (एक दिन) तक का समय दिया है और कहा है कि यदि इस डेडलाइन तक चीन टैरिफ वापस नहीं लेता, तो 9 अप्रैल से चीनी सामान के आयात पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लागू कर दिया जाएगा.

ट्रंप का यह फैसला वैश्विक शेयर बाजारों में पहले से चल रही गिरावट के बीच आया है, जो विभिन्न देशों पर टैरिफ लगाने की उनकी पूर्व घोषणाओं के चलते उत्पन्न हुई है.

ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर किए गए एक पोस्ट में लिखा,

चीन ने पहले से ही बहुत ज्यादा टैरिफ लगा रखे हैं. ऐसे में अब और टैरिफ लगाना गलत है. कोई भी देश अमेरिका पर नए टैरिफ लगाता है, तो उसे तुरंत नए और बहुत अधिक टैरिफ का सामना करना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि अगर चीन पारस्परिक (रेसीप्रोकल) टैरिफ वापस नहीं लेता है, तो चीन के साथ हमारी तय बैठकों को रोक दिया जाएगा, और उन अन्य देशों से बातचीत शुरू की जाएगी, जिन्होंने बैठक के लिए अनुरोध किया है.

चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने ट्रंप की इस घोषणा की निंदा की है और इसे सत्ता का दुरुपयोग तथा आर्थिक ब्लैकमेलिंग करार दिया है. ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि अमेरिका का यह कदम अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन करता है और इससे वैश्विक आर्थिक स्थिरता को नुकसान पहुँचने वाला है. अख़बार ने आगे लिखा कि चीन ने अपनी संप्रभुता की रक्षा करने और निष्पक्षता बनाए रखने के दृढ़ संकल्प के तहत इसका जवाब दिया है.

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अमेरिका और चीन के शेयर बाजार फिसले

अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर शुरू होने के बाद से अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई है. S&P 500 के शेयरों में फरवरी के उच्चतम बंद स्तर से अब तक 20 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है. वहीं, डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में भी गिरावट देखी गई है, जो अब तक के अपने उच्चतम स्तर से 17 प्रतिशत से अधिक नीचे है.

दूसरी ओर, चीनी शेयर बाजारों में भी इसी तरह का रुझान देखने को मिला है. हैंग सेंग टेक इंडेक्स में एक महीने में 27 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं, युआन (CNY=CFXS) जनवरी के बाद से अपने निम्नतम स्तर पर पहुँच गया है.

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