भारतीय सेना के सूत्रों ने पुष्टि की है कि पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक मैदानों में अस्थायी ढांचों को हटाने की प्रक्रिया पूरी हो गई है (Disengagement between India-China in eastern Ladakh complete). इसके साथ ही कि बॉर्डर पर गश्त जल्द ही फिर से शुरू हो जाएगी. सेना ने बताया कि इस कदम के बाद दोनों पक्ष 31 अक्टूबर को दिवाली पर मिठाइयों का आदान-प्रदान भी करेंगे.
LAC पर भारत-चीन की सेनाएं पीछे लौटीं, अस्थाई ढांचे हटाए गए, पेट्रोलिंग को लेकर बड़ा अपडेट आया!
दिवाली के अवसर पर भारत और चीन के बीच मौजूद सभी सीमा बैठक स्थलों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया जाएगा.
सेना के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया,
"विवादित क्षेत्रों से सैनिकों, टेंटों और अस्थायी ढांचों को हटाने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. नियमित गश्त दोबारा शुरू का रास्ता साफ हो गया है."
सूत्रों का कहना है कि
"ग्राउंड कमांडर गश्त की रूपरेखा तय करने के लिए बैठक कर रहे हैं."
रिपोर्ट के मुताबिक दिवाली के अवसर पर भारत और चीन के बीच मौजूद सभी सीमा बैठक स्थलों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया जाएगा. जानकारी के अनुसार गश्त के तौर-तरीके ग्राउंड कमांडरों के बीच तय किए जाएंगे. ये ब्रिगेडियर और उससे नीचे के स्तर के अधिकारी होते हैं.
सूत्रों ने जानकारी दी कि गश्त दोनों पक्षों के बीच समन्वित की जाएगी. इन टीमों में संभावित 20 से कम सैनिक होंगे, जिससे कि आमना-सामना होने और झड़पों होने से बचा जा सके.
स्थानीय सैन्य कमांडरों की बैठक हुईइंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक सैनिकों के पीछे हटने की पुष्टि की जा चुकी है. इसके बावजूद सहमति वाले गश्त प्रोटोकॉल को बनाए रखने और मैनेज करने के लिए स्थानीय स्तर पर नियमित रूप से बातचीत जारी रहने की उम्मीद है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत और चीन के स्थानीय सैन्य कमांडरों ने 30 अक्टूबर को LAC पर देपसांग और डेमचोक में बैठक की. इसी बैठक में डिसएंगेजमेंट प्रयासों को अंतिम रूप दिया गया.
21 अक्टूबर को समझौते का एलान हुआ था21 अक्टूबर को भारतीय विदेश मंत्रालय ने India-China के बीच LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर एक समझौता होने का एलान किया था. मंत्रालय ने कहा था कि दोनों देशों के बीच सीमा से सेना हटाने को लेकर सहमति बन गई है. इसके कुछ घंटे बाद चीन ने भी पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध खत्म करने के लिए भारत के साथ समझौता होने की पुष्टि की थी.
इसके अगले दिन डेमचोक में बड़ा डेवलेपमेंट हुआ, दोनों तरफ से कई टेंट हटाए गए. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक 25 अक्टूबर को डेमचोक एरिया में भारतीय सैनिक चार्डिंग नाला के पश्चिमी हिस्से में पीछे हट गए थे. वहीं चीनी सैनिक नाला के पूर्वी हिस्से की ओर पीछे हटे थे. दोनों तरफ करीब 10 से 12 अस्थायी ढांचे और करीब 12 तंबू बने हुए थे.
उधर, देपसांग पॉइंट में चीनी सेना के टेंट नहीं थे, लेकिन उन्होंने गाड़ियों के बीच तिरपाल का इस्तेमाल कर अस्थायी व्यवस्था कर रखी है. हालांकि देपसांग में भी कई टेंट हटाए जा चुके हैं. चीनी सेना ने इलाके में अपने वाहनों की संख्या भी कम कर दी और भारतीय सेना ने भी वहां से कुछ सैनिक कम कर दिए हैं.
रिपोर्ट के 21 अक्टूबर के डेवलपमेंट के बाद हर सुबह दोनों देशों के स्थानीय सैन्य कमांडर दिन में होने वाले कामों पर चर्चा करने के लिए हॉटलाइन कॉल करते हैं. फिर वे तय की गई जगह पर जाकर मिलते हैं. बताया गया था कि एक बार जब डेमचोक और देपसांग में गश्त फिर से शुरू हो जाएगी, तो कोर कमांडर स्तर की वार्ता में बफर जोन में गश्त फिर से शुरू करने की बात की जाएगी.
बता दें कि साल 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिकों के साथ ही कई चीनी सैनिकों की भी मौत हुई थी. तब से ही दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था.
वीडियो: दुनियादारी: श्रीलंका में क्या होने वाला है? क्या भारत चीन को पीछे छोड़ देगा?