दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए रेखा गुप्ता 20 फरवरी की दोपहर को करीब 12 बजे शपथ ग्रहण करेंगी. दिल्ली कैबिनेट के लिए छह मंत्री भी शपथ लेंगे. आधिकारिक रूप से उनके नाम (Delhi Ministers List) का एलान हो गया है. इनके नाम हैं, परवेश वर्मा, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविन्द्र इन्द्राज सिंह, कपिल मिश्रा, आशीष सूद और पंकज सिंह. इन नेताओं के जरिए भाजपा ने कई समीकरणों को साधने की कोशिश की है. इंडिया टुडे ग्रुप के इनपुट्स के मुताबिक, 'विजेंद्र गुप्ता' स्पीकर और ‘मोहन सिंह बिष्ट’ डिप्टी स्पीकर बन सकते हैं.
रेखा गुप्ता कैबिनेट: परवेश वर्मा, आशीष सूद और कपिल मिश्रा, दिल्ली की नई कैबिनेट की लिस्ट अब ऑफिशियल है
Delhi CM Oath Ceremony: रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी. उनके साथ छह नेता मंत्री पद की भी शपथ लेंगे. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गजट निकालकर ये लिस्ट ऑफिशियल कर दी है.

इस चुनाव में नई दिल्ली सीट की सबसे अधिक चर्चा हुई. यहां पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सामना दो मुख्यमंत्री पुत्रों से हुआ. उनके सामने पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे परवेश वर्मा और शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित थे. दीक्षित की तो बहुत बुरी हार हुई लेकिन परवेश वर्मा ने केजरीवाल को पछाड़ दिया. चुनाव नतीजों के बाद से ही अटकलें लगाई गईं कि परवेश दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री बन सकते हैं. लेकिन आखिर में उनको से पद के नाम का प्रस्तावक बनाया गया. यानी कि उन्होंने ही CM पद के लिए रेखा गुप्ता के नाम का प्रस्ताव रखा. खबर है कि परवेश उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं.

59 साल के आशीष सूद, जनकपुरी विधानसभा सीट से विधायक बने हैं. उन्होंने AAP कैंडिडेट प्रवीण कुमार को 18 हजार से अधिक वोटों से हराया था. 2020 में भी वो चुनावी मुकाबले में उतरे थे लेकिन AAP उम्मीदवार राजेश ऋषि के हाथों हार मिली थी.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज से उन्होंने कॉमर्स की पढ़ाई की है. कॉलेज के दिनों में छात्र राजनीति से जुड़ गए थे. ABVP से जुड़े रहें. पहले कॉलेज के सचिव चुने गए, बाद में DUSU के संयुक्त सचिव के पद पर पहुंचे और 1988-89 में DUSU के अध्यक्ष बनें. 2002 में वो भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) में शामिल हुए. पहले दिल्ली इकाई के उपाध्यक्ष बनें, फिर साल 2003 में महासचिव बनें और साल 2005 में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनें.
2008 में उन्हें भाजपा दिल्ली का सचिव बनाया गया और 2009 में वो भाजपा दिल्ली के महासचिव बनें. 2012 में वो साउथ एमसीडी के पार्षद चुने गए. इसके बाद 2013 में उनको भाजपा दिल्ली का उपाध्यक्ष और वर्ष 2014 में महासचिव बनाया गया.
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष पद पर रहते हुए मनोज तिवारी ने आशीष को प्रचार विभाग का प्रभारी भी बनाया था.

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Manjinder Singh Sirsa52 साल के मनजिंदर सिंह सिरसा को राजौरी गार्डेन विधानसभा सीट पर जीत मिली है. भाजपा से पहले मनजिंदर शिरोमणि अकाली दल में थे. हालांकि, उस समय दोनों दल एक साथ ही थे. 2013 में राजौरी गार्डेन की सीट पर उनको अकाली दल के टिकट पर जीत मिली. 2015 में वो आम आदमी पार्टी के जरनैल सिंह से हार गए. लेकिन 2017 में यहां उपचुनाव हुआ तो उनको भाजपा के टिकट पर जीत मिली. 2020 में वो चुनाव नहीं लड़े. इस चुनाव में उनको फिर से जीत मिली है. साल 2023 में उनको भाजपा का नेशनल सेक्रेटरी बनाया गया था.
Ravinder Indraj Singhबावना विधानसभा सीट से विधायक बने हैं. AAP उम्मीदवार जय भगवान को उन्होंने लगभग 31 हजार वोटों से हराया है. रविन्द्र, नरेला के पूर्व विधायक इन्द्राज सिंह के बेटे हैं. चुनाव नतीजे के बाद चर्चा थी कि भाजपा किसी दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बना सकती है. इसलिए रविन्द्र इंद्रराज के नाम की चर्चा थी. 50 साल के इंद्रराज पेशे से बिजनेसमैन हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है.
Kapil Mishra2015 में कपिल मिश्रा को करावल नगर से आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीत मिली थी. उन्होंने भाजपा उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ठ को हराया था. 2017 में AAP ने उनको जल मंत्री के पद से बर्खास्त कर दिया. कपिल ने अरविंद केजरीवाल पर कुछ गंभीर आरोप लगाए और इसके बाद पार्टी ने उनको प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित कर दिया.
अगस्त, 2019 को उन्हें दलबदल विरोधी कानून के तहत विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया. इसके बाद 17 अगस्त, 2019 को आधिकारिक रूप से वो भाजपा में शामिल हो गए. अगस्त, 2023 में उनको भाजपा की दिल्ली इकाई का उपाध्यक्ष बनाया गया.
2015 के बाद 2025 में कपिल मिश्रा फिर से करावल नगर से चुनाव लड़े. भाजपा के टिकट पर उनको 23 हजार से अधिक वोटों से जीत मिली है. उन्होंने AAP उम्मीदवार मनोज त्यागी को हराया है.
Pankaj Kumar Singhपंकज कुमार सिंह, विकासपुरी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं. उनके पिता राज मोहन सिंह MCD में एडिशनल कमिश्नर थे. खुद पंकज भी MCD में काउंसलर रह चुके हैं. बिहार के बोध गया स्थित मगध यूनिवर्सिटी से उन्होंने डेंटल सर्जरी की डिग्री ली है. उनकी पत्नी भी डेंटिस्ट हैं.
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भाजपा ने साधे कई समीकरणभारतीय जनता पार्टी ने नई मंत्रीमंडल के सहारे दिल्ली में की समीकरणों को साधा है. परवेश वर्मा एक जाट चेहरे हैं. ऐसे ही ‘मनजिंदर सिंह सिरसा’ सिख समुदाय से और रविन्द्र इन्द्राज सिंह दलित समुदाय से आते हैं. आशीष सूद के साथ पंजाबी आइडेंटी जुड़ी है.
- परवेश वर्मा- जाट.
- मनजिंदर सिंह सिरसा- सिख.
- रविन्द्र इन्द्राज सिंह- दलित.
- कपिल मिश्रा- पूर्वांचली ब्राह्मण.
- आशीष सूद- पंजाबी.
- पंकज सिंह- पूर्वांचली ठाकुर.
इस चुनाव में पूर्वांचली वोटर्स एक बड़ा मुद्दा रहा. इनको लेकर AAP और भाजपा के अपने-अपने दावे थे. चुनाव के समय कई विवाद भी हुए. लेकिन नतीजों से पता चलता है कि पूर्वांचलियों ने भाजपा को भर-भर के वोट दिए. भाजपा ने भी 6 मंत्रियों की लिस्ट में दो पूर्वांचलियों को जगह दी है. इसके साथ जाति समीकरण को भी साधा गया है. 'कपिल मिश्रा' पूर्वांचली ब्राह्मण हैं और ‘पंकज कुमार सिंह’ पूर्वांचली ठाकुर हैं.
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