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'एक्सीडेंट' कराया, फिर जिंदा बेटे का डेथ सर्टिफिकेट बनवाया, पुलिस को आंख दिखाने के चक्कर में पकड़ा गया

Delhi Man Fakes Son's Death: पुलिस ने बताया है कि शख़्स ने 2 करोड़ रुपये का बीमा क्लेम करने के लिए अपने बेटे की मौत का नाटक रचा. पुलिस को मामले में कई विसंगतियां मिलीं. कैसे खुला मामला?

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द्वारका के DCP अंकित सिंह ने बताया कि इस ठगी की पोल-पट्टी कैसे खुली. (फ़ोटो - PTI)

बीमा की सीमा है. इंसान के लालच की नहीं. दिल्ली के नजफ़गढ़ में 2 करोड़ रुपये का क्लेम पाने के लिए ऐसा ही हुआ. एक शख्स ने अपने ही बेटे की मौत का नाटक रच दिया. इसमें वकील और डॉक्टर भी शामिल थे. लेकिन अब सब पकड़ा गए हैं.

द्वारका के DCP अंकित सिंह ने बताया कि 5 मार्च को नजफगढ़ थाने में एक PCR कॉल मिला. सामने से सतीश कुमार नाम का शख़्स बात कर रहा था. उसने बताया कि एक बाइक एक्सीडेंट में उसके बेटे गगन के ‘सिर में बुरी तरह चोट’ आई है. 'इलाज' के लिए उसे पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

सतीश ने कहा कि वो लोग बाद में थाने पहुंचकर स्टेटमेंट देंगे. ऐसा हुआ भी, दोनों बाप-बेटे थाने पहुंचे लेकिन बिना लिखित शिकायत दर्ज कराए या मेडिको-लीगल केस (MLC) रिपोर्ट बनवाए पुलिस थाने से चले गए.

हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के मुताबिक़, पुलिस अधिकारियों ने 11 मार्च को फिर उनसे संपर्क किया. तब सतीश कुमार ने बताया कि गगन की तो 6 मार्च को ‘मौत हो गई’ थी. लेकिन बिना पोस्टमार्टम किए या पुलिस को ख़बर दिए उसका ‘अंतिम संस्कार’ कर दिया गया है. वो भी उत्तर प्रदेश में हापुड़ ज़िले के गढ़गंगा (गढ़मुक्तेश्वर) में. मामला यहीं रुक जाता, तो अलग बात थी.

सतीश कुमार ने अगले ही दिन यानी 12 मार्च को एक अन्य शिकायत दर्ज कराई. आरोप लगाया कि दुर्घटना का मामला दर्ज करने में जांच अधिकारी (IO) ने ‘लापरवाही’ की है. ऐसे में उनके ख़िलाफ़ एक्शन लिया जाए. आरोप सीधे पुलिस के अधिकारी पर लगा था, तो पुलिस ने भी मामले की अच्छे से जांच शुरू की. लेकिन पुलिस को मामले में कई विसंगतियां मिलीं. DCP अंकित सिंह का कहना है,

हमने दुर्घटनास्थल के CCTV फ़ुटेज देखे. इसमें साफ़ दिखा कि गगन और एक अन्य शख़्स दुर्घटना का नाटक कर रहे हैं. इसके बाद सतीश कुमार के साथ कड़ाई से पूछताछ की गई. इस पूछताछ में सतीश कुमार और वकील मनमोहन ने माना कि गगन की मौत की बात फ़र्ज़ी थी.

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जांच आगे बढ़ी, तो पुलिस ने पाया कि एक डॉक्टर ने दावे को असली दिखाने के लिए नकली दुर्घटना से पहले गगन के सिर पर मामूली चोट भी पहुंचाई थी. धीरे-धीरे फ़र्ज़ी एक्सीडेंट, की असली प्लानिंग पता चली. गगन के नाम पर 13 फ़रवरी को 2 करोड़ रुपये का टर्म इंश्योरेंस करवाया गया था. इसके बाद योजना बनी थी कि इस बीमा का क्लेम किया जाए. पैसे कमाए जाएं.  

जांच में ये भी पता चला कि हापुड़ में गगन का कोई अंतिम संस्कार नहीं हुआ था. पुलिस ने पिता सतीश कुमार, वकील मनमोहन और डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है. धोखाधड़ी और साज़िश से जुड़ी BNS धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है. आगे की जांच चल रही है और केस की मजबूती के लिए पुलिस आरोपियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) भी निकाल रही है.

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