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'शरबत जिहाद' पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रामदेव को सुनाया, कहा- अंदर से झकझोर दिया

Ramdev Agrees To Take Down Video Against Rooh Afza: रामदेव को हलफनामा दायर करने के लिए पांच दिन का समय दिया गया. मामले की अगली सुनवाई 1 मई को तय की गई है.

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दिल्ली हाई कोर्ट ने रामदेव को फटकार लगाई है. (फ़ोटो - सोशल मीडिया)

दिल्ली हाई कोर्ट ने पतंजलि के को-फाउंडर रामदेव को ‘शरबत जिहाद’ मामले में फटकार लगाई है (Delhi HC Slams Ramdev). कोर्ट ने कहा है कि बाबा रामदेव के इस कॉमेंट ने उसकी अंतरात्मा को झकझोर दिया. ये भी कहा कि इसका समर्थन नहीं किया जा सकता.

इस पर रामदेव ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया है कि वो रूह अफ़ज़ा के ख़िलाफ़ सभी विज्ञापन हटा देंगे. दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस अमित बंसल 22 मार्च को मामले की सुनवाई कर रहे थे. इस दौरान कोर्ट ने रामदेव से एक हलफनामा पेश करने को कहा. जिसमें ये बताया गया हो कि वो भविष्य में कोई भी ऐसा बयान, विज्ञापन या सोशल मीडिया पोस्ट नहीं करेंगे, जिससे सामने वाले पक्ष को आपत्ति हो.

रामदेव को हलफनामा दायर करने के लिए पांच दिन का समय दिया गया. मामले की अगली सुनवाई 1 मई को तय की गई है.

रामदेव ने पैदा कर दिया 'शरबत जिहाद'

बीते दिनों, सोशल मीडिया पर रामदेव का एक वीडियो वायरल हुआ. इसमें रामदेव दूसरी शरबत कंपनियों पर तंज करते हुए उन पर ‘शरबत जिहाद’ करने का आरोप लगाते दिखे. रामदेव ने पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए दावा किया था कि रूह अफ़ज़ा से होने वाली कमाई का इस्तेमाल मदरसे और मस्जिद बनाने में किया जाता है. बाद में रामदेव ने अपने बयान का बचाव किया और कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया.

इसी मामले में हमदर्द ने रामदेव के ख़िलाफ़ मुकदमा दायर किया. इसमें सोशल मीडिया से रामदेव के 'शरबत जिहाद' कॉमेंट वाले वीडियो को हटाने की मांग की गई. इसी मामले पर मंगलवार, 22 अप्रैल को सुनवाई हो रही थी. पतंजलि और रामदेव का प्रतिनिधित्व कर रहे थे सीनियर वकील राजीव नायर.

राजीव नायर ने कहा कि उनके मुवक्किल किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि यही, ठीक यही रुख हलफनामे पर आना चाहिए. इस दौरान जज ने कहा- ‘जब मैंने वीडियो देखा, तो मुझे अपने कानों और आंखों पर विश्वास नहीं हुआ.’

रामदेव के वकील द्वारा बताया गया कि वो हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया के रूह अफ़ज़ा प्रोडक्ट के ख़िलाफ़ सभी विज्ञापन, चाहे वे प्रिंट हों या वीडियो, हटा दिए जाएंगे.

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