दिल्ली में जहरीली हो चुकी हवा के चलते GRAP-4 लगाया गया है. इसके चलते दिल्ली में कई तरह के प्रतिबंध लागू हैं. बताया जाता है कि इसकी सबसे ज़्यादा मार निर्माण के कामों से जुड़े मजदूर झेल रहे हैं. अब इन मजदूरों के लिए राहत की ख़बर है. दिल्ली सरकार ने इन प्रतिबंधों के चलते बेरोजगार हुए श्रमिकों को 8,000 रुपये की सहायता राशि देने का फ़ैसला लिया है.
प्रदूषण के चलते बंद हुआ काम तो परेशान हो गए मजदूर, अब दिल्ली सरकार ने बड़ा एलान किया है
Delhi construction ban: फ़ैसला ऐसे समय में आया है, जब Supreme Court ने इसे लेकर NCR राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिए थे. निर्देश कि वो 5 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए कोर्ट के सामने मौजूद हों और कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के निर्वाह भत्ते को लेकर जानकारी दें.
बताया गया है कि 90,000 से ज़्यादा श्रमिक इसके लिए रजिस्टर्ड हैं. अधिकारियों ने बताया कि ‘दिल्ली भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड’ की बैठक ये फ़ैसला लिया गया है. बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) आशीष चंद्र वर्मा ने की. बता दें, दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत 18 नवंबर से निर्माण पर प्रतिबंध लगाया गया है. जिससे प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा सके.
GRAP (Graded Action Response Plan) प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए तरीके और पाबंदियां होती हैं. यहां क्लिक कर इसके बारे में विस्तार से जान सकते हैं.
ये कदम सुप्रीम कोर्ट के NCR के राज्यों के मुख्य सचिवों को दिए गए निर्देशों के मद्देनजर उठाया गया है. निर्देश में कहा गया था कि वो 5 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए कोर्ट के सामने मौजूद हों और बताएं कि बैन के कारण बिना काम के रह रहे, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को कोई निर्वाह भत्ता दिया गया है या नहीं. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ज़िम्मेदार लोगों को कड़ी फटकार भी लगाई थी. NCR के राज्यों में दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, 90,759 रजिस्टर्ड वर्कर्स को भत्ते के लिए अस्थायी लाभार्थी माना जाएगा. अधिकारियों ने बताया है कि राशि (8,000 रुपये) डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर मोड के ज़रिए लाभार्थी के आधार से जुड़े बैंक अकाउंट में जमा कर दी जाएगी. बोर्ड ने ये भी फ़ैसला लिया है कि जिन मजदूरों को पैसे दिए जाने हैं, उनका फिजिकल वैरिफिकेशन भी किया जाए.
ये भी पढ़ें - पराली से दिल्ली की 'जहरीली हवा' का रिश्ता तो है, मगर ये भी हैं कसूरवार
बोर्ड का कहना है कि लाभार्थियों में ऐसे वर्कर्स को ही रजिस्टर किया जाएगा, जिन्होंने बीते साल कम से कम 90 दिनों तक कंस्ट्रक्शन वर्कर के रूप में काम किया हो. अधिकारियों ने ये भी कहा कि रजिस्टर्स वर्कर्स को SMS भी भेजे गए हैं. वहीं, वेरिफ़िकेशन की जानकारी हासिल करने के बाद, राशि उनके बैंक अकाउंट्स में डाल दी जाएगी.
(न्यूज़ एजेंसी PTI के इनपुट के साथ)
वीडियो: दिल्ली में AQI का लेवल एक हजार से ऊपर या सरकार का डेटा सही, कहीं AQI को नापने में झोल तो नहीं?