JNU के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को जमानत मिल गई है. रेगुलर नहीं, अंतरिम जमानत. केवल सात दिन की. उनके परिवार में शादी है. उसी में शामिल होने के लिए दिल्ली की एक अदालत ने उमर खालिद को ये राहत दी है. 36 वर्षीय उमर खालिद 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी हैं. इससे पहले साल 2022 के दिसंबर महीने में उन्हें अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए जमानत दी गई थी.
दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद को फिर मिली अंतरिम जमानत
Umar Khalid Bail News: उमर खालिद को जमानत देते हुए कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं. कोर्ट ने उन्हें निर्देश दिए हैं जमानत अवधि के दौरान वो केवल अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों से ही मिल सकते हैं. वह अपने घर या फिर शादी वाली जगह पर ही रहेंगे. इस दौरान वह सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करेंगे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट ने उमर खालिद को 28 दिसंबर, 2024 से 3 जनवरी, 2025 तक के लिए जेल से बाहर रहने की अनुमति दी है. उमर ने कोर्ट से अपील की थी कि उन्हें कजन की शादी में शामिल होने के लिए 10 दिन की जमानत दी जाए. लेकिन कोर्ट ने केवल सात दिनों की अंतरिम जमानत की मंजूरी दी. इसके लिए उमर खालिद को 20 हजार रुपये का पर्सनल बॉन्ड भरने का आदेश दिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उमर खालिद को जमानत देते हुए कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं. कोर्ट ने उन्हें निर्देश दिए हैं जमानत अवधि के दौरान वो केवल अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों से ही मिल सकते हैं. वह अपने घर या फिर शादी वाली जगह पर ही रहेंगे. इस दौरान वह सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करेंगे.
कोर्ट ने उनसे कहा कि जेल से बाहर रहते हुए वो केस से जुड़े किसी भी गवाह या अन्य व्यक्ति से किसी भी प्रकार का संपर्क नहीं करेंगे. उन्हें अपना फोन भी मामले की जांच कर रहे अधिकारी को सौंपना होगा. जमानत की अवधि खत्म होने के बाद 3 जनवरी की शाम को उन्हें जेल अधिकारियों के सामने सरेंडर करना होगा.
ये भी पढ़ें- जस्टिस शेखर यादव को सुप्रीम कोर्ट ने हिदायत दी, मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं!
बता दें कि उमर खालिद पर 23 फरवरी, 2020 से 25 फरवरी, 2020 के बीच उत्तर-पूर्वी दिल्ली में कथित रूप से दंगे भड़काने और साजिश रचने का आरोप है. उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC), सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रोकथाम अधिनियम (PDPP), शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज है. मामले में शरजील इमाम, खालिद सैफी और आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन भी आरोपी हैं.
वीडियो: JNU राजद्रोह केस: केजरीवाल सरकार के फैसले पर क्या बोले कन्हैया कुमार और उमर खालिद?