देहरादून में सड़कों पर हादसे रोकने के लिए ब्रेकर बनवाए गए. लेकिन, इन ब्रेकर के चलते हादसे और बढ़ गए. इतने ज्यादा बढ़ गए कि कुछ लोगों का दावा है कि एक ब्रेकर पर 15 मिनट में सात एक्सीडेंट हुए. घंटाघर के पास बने स्पीड ब्रेकर का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि दोपहिया वाहन और कारें इन स्पीड ब्रेकर से गुजरते वक्त हवा में उछल रही हैं. नजारा डराने वाला है. वहीं ONGC चौक पर भी बने स्पीड ब्रेकर से लगातार हादसे हो रहे हैं. इन हादसों की वजह से अब स्पीड ब्रेकर पर सवाल उठ रहे हैं, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया है.
हादसे रोकने के लिए ऐसा स्पीड ब्रेकर बनाया, अब ताबड़तोड़ एक्सीडेंट हो रहे, वीडियो वायरल
Dehradun Accident: देहरादून के घंटाघर चौराहे पर बना स्पीड ब्रेकर तो लोगों के लिए आफत बन गया है. कुछ लोगों का दावा है कि 15 मिनट के अंदर 7 हादसे हुए. क्यों बनाए गए ये ब्रेकर और अब अधिकारी इन्हें लेकर क्या कह रहे हैं.
कांग्रेस ने स्पीड ब्रेकर्स पर प्रसाशन को आड़े हाथों लिया है. पार्टी प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा,
“धामी सरकार ने एक्सीडेंट को रोकने के लिए स्पीड ब्रेकर बनाने का फैसला किया, गलत तरीके से बने ये ब्रेकर न केवल ट्रैफिक की रफ्तार को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि हादसों को भी बढ़ावा दे रहे हैं. कैसा रवैया है प्रशासन का, न तो स्पीड ब्रेकर्स पर मार्किंग है और साथ ही पहाड़ जैसे ब्रेकर बना दिए हैं.”
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक देहरादून के घंटाघर पर मौजूद एक चश्मदीद ने कहा कि जिस तरह से यह स्पीड ब्रेकर बनाए हैं, इससे मंगलवार, 10 दिसंबर को काफी एक्सीडेंट हुए और इसके बाद अब वाइट स्ट्रिप लगाई गई हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले यहां पर सफेद स्ट्रिप्स नहीं लगाई गईं थीं, इसलिए ऐसे हादसे हो रहे थे. एक अन्य व्यक्ति ने कहा ब्रेकर की वजह से हादसे नहीं हो रहे हैं, बल्कि ओवर स्पीडिंग की वजह से हो रहे हैं.
अफसर क्या कह रहे?इस मामले को लेकर देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल का बयान भी आया है. उन्होंने कहा कि घंटाघर के पास के क्षेत्र में बनाए गए स्पीड ब्रेकर के लिए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को शो-कॉज नोटिस दिया गया है. इस नोटिस का जवाब आने के बाद, जवाब के अनुसार कार्यवाही की जाएगी.
सविन बंसल ने आगे कहा,
'देहरादून के 11 क्षेत्रों में स्पीड ब्रेकर बनाए गए थे, उद्देश्य था कि एक्सीडेंट की घटनाओं को कम किया जा सके. स्मार्ट सिटी द्वारा घंटाघर क्षेत्र के अलावा जहां-जहां स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं, वहां मानकों का पालन किया गया है. लेकिन अगर इसके बाद भी एक्सीडेंट नहीं रुकते हैं, तो सिविल सेंस को बढ़ावा देने की बहुत आवश्यकता है.'
सिविल सेंस के सवाल पर जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि इसे बढ़ाने के लिए स्कूल, कॉलेज और कई क्षेत्रों में कैंपेन किया जाता है, जिसमें रोड सेफ्टी को लेकर जानकारी दी जाती है. इसके बाद ट्रैफिक लाइट्स और स्पीड ब्रेकर के माध्यम से हादसों को रोकने की कोशिश की जाती है.
जिलाधिकारी के अलावा स्पीड ब्रेकर को लेकर पीडब्लूडी सचिव डॉ पंकज पांडेय ने पीडब्लूडी के चीफ इंजीनियर से स्पष्टीकरण मांगा है. इसमें पूछा गया है कि स्पीड ब्रेकर मानकों के अनुसार नहीं बने हैं और ये किसके आदेश से बनाए गए हैं.
अचानक से क्यों बनाए गए ब्रेकर?उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 12 नवंबर की रात एक भीषण सड़क हादसा हुआ था, जिसमें 6 युवाओं की मौत हो गई थी, जबकि 1 गंभीर रूप से घायल हुआ था. शहर में बढ़ते एक्सीडेंट के चलते पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे. इसके बाद पुलिस ने सड़क हादसों पर रोकथाम लगाने के लिए शहर में कई जगहों पर स्पीड ब्रेकर बनवा दिए.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: स्पीड में ओवरटेक, कार की छत उड़ी, देहरादून एक्सीडेंट कैसे हुआ?