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अपनी ही सरकार पर भड़के खरगे और महाराष्ट्र वालों से कहा - 'उतना ही वादा कीजिए, जितना पूरा कर सकें!'

बुधवार, 30 अक्टूबर को डीके शिवकुमार ने कहा था कि सरकार ‘शक्ति’ योजना पर फिर से विचार करेगी, क्योंकि कुछ महिलाओं ने बस यात्राओं के लिए पैसा देने की इच्छा ज़ाहिर की है.

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मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस के सामने ही शिवकुमार को खींचा.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी ही पार्टी की राज्य सरकार की खिंचाई की है. दरअसल, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार का बयान आया था कि राज्य सरकार ‘शक्ति’ गारंटी योजना की समीक्षा करेगी. खरगे ने इस बात पर उन्हें खींच दिया. कहा कि इससे वो आलोचना को हवा देते हैं. साथ ही महाराष्ट्र कांग्रेस को नसीहत दे डाली कि उतना ही वादा कीजिए, जितना पूरा कर सकें.

माजरा क्या है?

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार कुल पांच गारंटियां चला रही है. कुछ पूरी तरह से प्रभावी है, कुछ कार्य प्रगति पर. 

  • अन्न भाग्या: हर BPL परिवार को हर महीने 10 किलो चावल.
  • गृह लक्ष्मी: परिवार की एक महिला प्रमुख को हर महीने 2000 रुपये.
  • गृह ज्योति: हर घर को 200 यूनिट फ्री बिजली.
  • शक्ति फ्री बस गारंटी: सरकारी बसों में महिलाओं को फ़्री बस से.
  • युवा निधि योजना: डिप्लोमाधारी बेरोज़गारों को 1500 और बेरोजगार स्नातक डिग्री धारियों को 3000 रुपये हर महीने भत्ता. 

बुधवार, 30 अक्टूबर को डीके शिवकुमार ने कहा था कि सरकार ‘शक्ति’ योजना पर फिर से विचार करेगी, क्योंकि कुछ महिलाओं ने बस यात्राओं के लिए पैसा देने की इच्छा ज़ाहिर की है. अब इस पर खरगे ने तंज़ कसा, 

आपने पांच गारंटी दी है. उन्हें देख कर मैंने भी महाराष्ट्र में कहा था कि कर्नाटक में पांच गारंटी हैं. अब आपने (शिवकुमार) कहा कि आप एक गारंटी छोड़ देंगे. 

डीके ने सफ़ाई दी कि उनका यह मतलब नहीं था. वो स्कीम की ‘समीक्षा’ करेंगे. तब खरगे ने टोका,

जब आप समीक्षा कहते हैं, तो आलोचना करने का अवसर देते हैं… महाराष्ट्र में मैंने कहा है कि उन्हें 5, 6, 10 या 20 गारंटी की घोषणा नहीं करनी चाहिए. उन्हें बजट के आधार पर गारंटी की घोषणा करनी चाहिए. अन्यथा, दिवालिया हो जाएंगे. अगर सड़कों के लिए पैसे नहीं हैं, तो हर कोई आपके ख़िलाफ़ हो जाएगा. 

खरगे के बयान को पकड़कर भाजपा ने आलोचना शुरू की. भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि खरगे साहब को बहुत ज्ञान आ गया है. उन्होंने बहुत कुछ स्वीकार किया है. तंज़ किया कि राहुल गांधी के खटाखट योजनाओं का क्या होगा.

राहुल गांधी ने हिमाचल में क्या क्या बोला था, अब देखिए क्या हाल हुआ है. टॉयलेट टैक्स लगा दिया और अब वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं. ग़रीबी हटाओ का नारा दिया था, क्या हुआ? कर्नाटक में 5 गारंटी की घोषणा की गई थी. लेकिन हुआ क्या.. हो क्या रहा है वहां?

विपक्षी दल सरकार पर जिस चुनावी वादे से पीछे हटाने का आरोप लगाकर हमलावर है, वो 'शक्ति स्कीम' कांग्रेस सरकार की पांच गारंटी योजनाओं में से एक है. सरकार के सत्ता में आने के महीने भर के भीतर - 11 जून, 2023 को - इस स्कीम को लॉन्च कर दिया था. आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, 18 अक्टूबर, 2024 तक राज्य ने इस योजना पर ₹7,507.35 करोड़ ख़र्च किए हैं.

इस तरह की स्कीम्स में हमेशा वित्तीय बोझ की दलील दी जाती है. मगर सरकार की आलोचना चुनावी वादे से पीछे हटने पर की जा रही है. 

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