INDIA गठबंधन के दलों के बीच दूरियां बढ़ती (INDIA ) जा रही हैं. अब ये चर्चा अटकलों तक सीमित नहीं रही है. गठबंधन के नेतृत्व के सवाल पर शुरू हुई बहस अब कमजोर एकता में तब्दील होती नजर आ रही है. INDIA ब्लॉक ने गौतम अडानी के मामले पर केंद्र सरकार को घेरने का फैसला लिया. या यूं कहें कि कांग्रेस (Congress) ने इस मुद्दे पर संसद में प्रोटेस्ट को जोर दिया. समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस (TMC) और शिवसेना (UBT) ने इस मुद्दे पर कांग्रेस का साथ नहीं दिया. और अब इस कड़ी में NCP (शरद पवार) का नाम भी जुड़ गया है.
INDIA गठबंधन टूटने की कगार पर! अखिलेश, लालू और ममता के बाद शरद पवार ने भी दिया झटका
INDIA गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा? TMC ने दावा ठोका है तो सपा भी इसमें पीछे नहीं है. दूसरी ओर RJD ने TMC को समर्थन दे दिया है. संभव है कि इन्हीं बहसों के कारण संसद में Congress अकेली पड़ गई है.
पार्टी ने कहा है कि संसद का समय इस मुद्दे पर चर्चा कराने में खर्च नहीं करना चाहिए कि किस नेता का किस बिजनेसमैन से संबंध है. इसकी जगह संसद के समय का बेहतर उपयोग करना चाहिए. किसानों और युवाओं के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए.
13 दिसंबर को संविधान के 75 साल पूरे होने पर लोकसभा में चर्चा रखी गई थी. महाराष्ट्र के शिरुर से NCP (शरद पवार) के सांसद अमोल कोल्हे ने इस दौरान कहा,
“संविधान ने संसद को संवैधानिक व्यवस्था में प्रमुख स्थान दिया है. दुर्भाग्य से, कई बार हम देखते हैं कि इसे राजनीतिक युद्ध के मैदान में बदल दिया गया है. व्यक्तिगत टिप्पणियों के कारण कई बार संसद स्थगित हो जाती है. हमें इस बात की अधिक चिंता करनी चाहिए कि हमारे किसानों और युवाओं की आवाज यहां उठती है या नहीं, बजाय इसके कि किसी राजनीतिक नेता का किसी कॉर्पोरेट से क्या संबंध है, कौन सा नेता किसी की फ्लाइट में कहां चला गया है, या किस विदेशी नेता ने किसी स्थानीय नेता को दान दिया है. हम राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं, न कि राजनीतिक नारों पर. ये ऐसी बात है जिसका सरकार और विपक्ष दोनों को संज्ञान लेना चाहिए.”
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उन्होंने आगे कहा कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलना चाहिए. और युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर मिलने चाहिए. कोल्हे जब ये सब कह रहे थे तब सुप्रिया सुले उनके बगल में बैठी थीं. उन्होंने कोल्हे की बातों पर सहमति जताई. सुले, शरद पवार की बेटी और NCP (शरद पवार) की सांसद हैं.
इससे पहले TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने संसद की कार्यवाही बाधित करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों को दोषी ठहराया था. उन्होंने अडानी मुद्दे पर कांग्रेस के अड़े रहने की आलोचना की थी. बनर्जी ने कहा था कि संसद में चर्चा के लिए ये एकमात्र मुद्दा नहीं है. एक मामले पर अड़े रहने से बाकी के मुद्दे खत्म नहीं हो जाएंगे. ममता बनर्जी की पार्टी ने खुले तौर पर कांग्रेस के इस प्रोटेस्ट का बहिष्कार किया है. दूसरी ओर ममता बनर्जी ने INDIA गठबंधन के नेतृत्व की इच्छा जता दी है. इससे पहले उन्होंने स्पष्ट कहा था कि INDIA गठबंधन उन्होंने बनाया. और इसका नेतृत्व करने वाले इसे ठीक से नहीं चला पा रहे. उन्होंने आगे कहा कि अगर वो गठबंधन को ठीक से नहीं चला पा रहे तो ये मौका उन्हें दिया जाना चाहिए.
इस बीच बिहार के प्रमुख राजनीतिक दल RJD ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ ही दिया है. हुआ ये है कि पिछले दिनों RJD प्रमुख लालू यादव से पूछा गया कि क्या ममता बनर्जी को INDIA गठबंधन का नेतृत्व सौंप देना चाहिए? इस पर यादव ने कहा कि ममता को नेतृत्व दे देना चाहिए, उन्हें इस बात से कोई दिक्कत नहीं है. इसके आगे उन्होंने और साफ शब्दों में कहा कि ममता बनर्जी को ही INDIA गठबंधन का नेता चुना जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विरोध का कोई मतलब नहीं है.
महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों के दौरान ही सपा और कांग्रेस के बीच दूरियां बननी शुरू हो गई थीं. इसके बाद मामला लोकसभा में सांसदों के लिए अलॉट होने वाली सीटों तक पहुंचा. अखिलेश यादव और फैजाबाद के सपा सांसद अवधेश प्रसाद की सीट बदल दी गई. सपा ने इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया. अखिलेश जब पहली बार अपनी बदली हुई सीट पर पहुंचे तो उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा, "थैंक यू कांग्रेस". सपा की नाराजगी का अंदाजा कांग्रेस को भी था. इसलिए तो कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने यादव को अपनी सीट पर बैठने का ऑफर दिया. वेणुगोपाल की सीट राहुल गांधी की सीट के बगल में है. हालांकि, अखिलेश ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. डिंपल यादव ने भी संसद में अडानी मुद्दे पर कांग्रेस के स्टैंड से असंतोष जताया था.
दूसरी ओर सपा राहुल और प्रियंका के संभल और हाथरस दौरे से भी नाराज है. जानकार बता रहे हैं कि कांग्रेस UP में सपा के मुस्लिम-दलित वोट में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है. सपा का आरोप ये भी है कि UP के बाहर उनकी जिम्मेवारी तय नहीं की जा रही है. सीट शेयरिंग जैसे मामलों पर उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है.
INDIA गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा? TMC ने दावा ठोका है तो सपा भी इसमें पीछे नहीं है. दूसरी ओर RJD ने TMC को समर्थन दे दिया है. संभव है कि इन्हीं बहसों के कारण संसद में कांग्रेस अकेली पड़ गई है.
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