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छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन गिरफ्तार, भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप

CGPSC की भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर CBI ने आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार किया है. सोनवानी पर अपने कई रिश्तेदारों और अधिकारियों के बच्चों को गलत तरीके से भर्ती करवाने का आरोप है. CBI की जांच में उनके खिलाफ पैसों के लेन-देन के पुख्ता सबूत मिले हैं.

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CGPSC घोटाले में आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी की गिरफ्तारी हुई है. (

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) के पूर्व प्रमुख टामन सिंह सोनवानी को CBI ने गिरफ्तार किया है. टामन आईएएस ऑफिसर हैं. उन पर CGPSC भर्ती घोटाले में गड़बड़ी का आरोप है. इसके अलावा बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. श्रवण कुमार गोयल पर अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका को नौकरी दिलाने के लिए चैयरमैन टामन सिंह सोनवानी के करीबी के NGO को सीएसआर फंड (CSR Fund) से 45 लाख रुपए देने का आरोप है. फिलहाल गोयल और सोनवानी दोनों से रायपुर में पूछताछ चल रही है.  

सीबीआई के मुताबिक टामन सिंह सोनवानी के कार्यकाल में CGPSC में हुई भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. उन पर अपने कई करीबी रिश्तेदारों, कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों के 18 रिश्तेदारों की नौकरी लगवाने का आरोप है. टामन सिंह सोनवानी के कार्यकाल में उनके बेटे, उनके भाई के बेेटे, उनकी बहू, उनके भाई की बहू और उनकी बहन की बेटी की CGPSC के तहत विभिन्न पदों पर बहाली हुई थी. 

सोनवानी पर पैसे लेकर कुछ नेताओं और अधिकारियों के बच्चों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे पदों पर सिलेक्ट करने का भी आरोप है. CBI की जांच में उनके खिलाफ पैसों के लेन-देन के पुख्ता सबूत मिले हैं.  विभागीय सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई आने वाले दिनों में कुछ और अफसरों को भी गिरफ्तार कर सकती है.

CGPSC की 2019 से 2022 तक की भर्ती को लेकर सवाल उठे थे. इस भर्ती के लिए हुई परीक्षा और इंटरव्यू में कुछ वीआईपी लोगों के करीबी रिश्तेदारों के सिलेक्शन पर सवाल उठे थे. CGPSC ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों के लिए परीक्षा ली थी. इन्हीं भर्तियों को लेकर ज्यादा विवाद है.


छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कार्यालय ने  भी इन गिरफ्तारियों पर प्रतिक्रिया दी है. छत्तीसगढ़ CMO के अकाउंट से एक्स पर लिखा गया,  

किसी को बख्शा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार न्याय और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. CGPSC घोटाले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इन भर्तियों को लेकर बीजेपी प्रवक्ता गौरी शंकर निवास ने विपक्ष में रहते हुए विरोध प्रदर्शन किया था. और बीजेपी ने इस मामले को चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था. साथ ही कहा था कि सरकार आएगी तो बड़ी कार्रवाई की जाएगी. CBI ने इसी साल जुलाई में सोनवानी के खिलाफ FIR दर्ज की थी.

छत्तीसगढ़ चुनाव विधानसभा चुनाव के समय लल्लनटॉप के शो जमघट में  CGPSC भर्ती परीक्षा में गड़बडी को लेकर भूपेश बघेल से सवाल पूछा गया कि CGPSC भर्ती परीक्षा में टामन सिंह सोनवानी और राजभवन सेक्रेटरी अमृत सिंह खल के कई सारे रिश्तेदारों की नियुक्ति पर सवाल उठ रहे हैं. इस सवाल के जवाब में भूपेश बघेल ने कहा, 

 इसमें आपको जानकारी होगी कि और बहुत से अधिकारियों के बच्चों का सिलेक्शन नहीं हुआ. 

आगे सवाल किया गया कि राजभवन में बैठे अधिकारियों पर संस्था को चलाने के आरोप लग रहे हैं. जिस पर भूपेश बघेल ने कहा,  

राजभवन में बैठे अधिकारी संस्था कैसे चलाएंगे. टामन सिंह सोनवानी तो समझ में आता है. अमृत सिंह खल जो राजभवन में बैठते हैं वो कैसे PSC चलाएंगे? परीक्षा में और भी अधिकारियों के बच्चे बैठे थे. उनका सिलेक्शन नहीं हुआ. इसकी कोई चर्चा नहीं कर रहा है. दूसरी बात उसका जवाब मैं क्यों दूं. क्या किसी मंत्री-विधायक का बच्चा सिलेक्ट हुआ. क्या अधिकारियों को बच्चों को परीक्षा में बैठने का अधिकार नहीं है.

भूपेश बघेल ने आगे इस इंटरव्यू में इस मामले में किसी भी गड़बड़ी से इनकार करते हुए अपने से पहले वाले सीएम रमन सिंह की सरकार पर CGPSC भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगा दिया था.

वीडियो: जमघट: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल CGPSC भर्ती, कोयला-शराब घोटाले और TS सिंहदेव से झगड़े पर क्या बोले