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दिल्ली में यमुना किनारे छठ होगी या नहीं, हाई कोर्ट ने क्लियर कर दिया

दिल्ली हाई कोर्ट ने यमुना किनारे छठ पूजा मनाने की परमिशन देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने जो दलीलें दीं, उसके बाद बेंच ने बैन हटाने की मांग वाली याचिका ही खारिज कर दी. ऐसे में अब दिल्ली के लोग कैसे करेंगे छठ पूजा? सरकार ने इसके बारे में कोर्ट में क्या बताया है?

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हाई कोर्ट में यमुना किनारे पूजा से बैन हटाने की याचिका पूर्वांचल नव निर्माण संस्थान ने दायर की थी | फाइल फोटो: ANI

दिल्ली हाई कोर्ट ने यमुना नदी में छठ पूजा की इजाजत देने से इनकार कर दिया है. बुधवार, 6 नवंबर को कोर्ट ने कहा कि नदी के पानी से बीमारी होने का खतरा है, इसलिए इजाजत नहीं दे सकते. ये प्रतिबंध यमुना नदी में प्रदूषण के उच्च स्तर की वजह से लगाया गया है. यमुना में कालिंदी कुंज समेत कई जगहों पर सफेद झाग दिखाई दे रहा है. हाई कोर्ट में यमुना किनारे पूजा से बैन हटाने की याचिका पूर्वांचल नव निर्माण संस्थान ने दायर की थी.

लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि इस समय यमुना नदी बहुत ज्यादा प्रदूषित है और अगर लोगों को नदी के किनारे छठ पूजा करने की अनुमति दी गई, तो उनके बीमार पड़ने की संभावना है. उन्होंने अदालत को ये भी बताया कि दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में छठ पूजा करने के लिए एक हजार स्थानों का चयन किया है और इन जगहों पर पूजा के लिए पर्याप्त व्यवस्था भी की गई है.

इसके बाद चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया. बेंच ने कहा कि यमुना में डुबकी लगाने से लोगों की तबियत खराब हुई है. कई लोगों को अस्पताल में भी भर्ती करवाना पड़ा है. ऐसे में इस याचिका पर किसी भी तरह का आदेश देने से लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. कोर्ट ने ये भी कहा कि दिल्ली में सरकार द्वारा जिन जगहों पर छठ मनाने के इंतजाम किए गए हैं, वहां जाकर लोग पर्व मना सकते हैं. 

इस दौरान याचिकाकर्ता ने ये भी कहा कि बैन लगाने की जगह यमुना को साफ किया जा सकता है, ताे बेंच ने कहा-

‘यह बहुत चुनौतीपूर्ण काम है. यह रातोंरात नहीं किया जा सकता. अगर आप नदी की सफाई के काम में शामिल होना चाहते हैं, तो आप वहां जाकर काम कर सकते हैं... इस प्रदूषण के पीछे की समस्या अलग है, हम आज सीवेज को यमुना में बहा रहे हैं, जो नहीं करना चाहिए. सीवेज औद्योगिक हो या फिर हमारा अपना, सब यमुना में जा रहा है. यमुना किनारे बनीं अनधिकृत कॉलोनियों को ही देखिए, इनका सीवेज भी नदी में ही जा रहा है.’

यमुना के झाग पर सियासत तेज

यमुना के प्रदूषण को लेकर दिल्ली में सियासत तेज है. आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने यमुना के झाग का ठीकरा यूपी पर फोड़ा है और सवाल खड़ा किया है कि 'केवल कालिंदी कुंज में ही झाग क्यों बनता है? उन्होंने निशाना साधते हुए कहा है कि यूपी द्वारा यमुना में प्रदूषण से रहित पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि दिल्ली सरकार हालात से निपटने के लिए काम कर रही है. राय ने कहा कि सरकार भव्य छठ पूजा समारोह की तैयारी कर रही है.

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उधर, भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यमुना के झाग के पीछे का कारण अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी द्वारा किया गया भ्रष्टाचार है. और इस वजह से ही दिल्ली गैस चैंबर में बदल गई और यमुना का पानी दूषित हो गया है.

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