नौकरी के लिए बनाई गई क्रिएटिव CV के बारे में अक्सर हम सुनते रहते हैं. लेकिन इस्तीफ़ा आमतौर पर सीधा-सपाट ही होता है. क्योंकि इस्तीफ़ा देना आसान नहीं है. नौकरी छोड़ने की वजह, अपने कलिग्स के साथ एक्सपीरियंस शेयर करना होता है. अक्सर संपर्क में रहने के वादे शामिल होते हैं. कभी-कभी भविष्य में एक-दूसरे की मदद का वादा होता है. ऐसे में आमतौर पर, इस्तीफ़े के लिए लिखे गए लेटर (Resignation Letter) कई पैराग्राफ में होते हैं. लेकिन इन दिनों एक रेजिग्नेशन लेटर वायरल है, जिसमें एक कर्मचारी ने सिफ़ सात शब्दों में इस्तीफ़ा दिया है.
कर्मचारी का सात शब्दों वाला इस्तीफा वायरल हुआ, लोग अपने Resignation के किस्से सुनाने लगे
7-Word Resignation Letter Viral: शख़्स ने अपने इस्तीफ़े का लेटर डेस्क पर ही छोड़ दिया. इसमें लिखा था- ‘चैरिटी अकाउंटिंग का काम मेरे लिए नहीं है. मैं नौकरी छोड़ रहा हूं.’

इस इस्तीफ़े से कर्मचारी ने अपने बॉस और नेटिज़न्स को चौंका दिया है. सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म Reddit पर एक शख़्स ने इस कर्मचारी को अपना कलिग बताते हुए लेटर शेयर किया है. शख़्स ने लिखा- ‘हमारा सबसे नया कर्मचारी लापता था. फिर हमें उसके डेस्क पर ये मिला.’ उस डेस्क में जो लेटर पड़ा था, उसके शब्द हैं- ‘चैरिटी अकाउंटिंग का काम मेरे लिए नहीं है. मैं नौकरी छोड़ रहा हूं.’
बता दें, चैरिटी अकाउंटेंट वो स्पेशलिस्ट होते हैं, जो किसी NGO के वित्तीय प्रबंधन और रिपोर्टिंग की ज़रूरतों का काम देखते हैं. अब इस चैरिटी अकाउंटेंट के इस्तीफ़े के तरीक़े ने ‘इंटरनेट के शूरवीरों’ का ध्यान खींचा है. यूज़र्स इस इस्तीफ़े पर मज़ेदार तरीक़े से रिएक्शंस दे रहे हैं. एक यूज़र ने लिखा,
प्रबंधन इसी प्रकार लोगों को नौकरी से निकालता है. वो आपको ‘2 हफ़्ते का नोटिस’ नहीं देते. ये फ़ेयर गेम है.

एक शख़्स ने अपनी कहानी सुनाते हुए कहा,
मैंने एक बार अपना इस्तीफ़ा नैपकिन पर लिखा, उसका गोला बनाया और ऑपरेशन डिपार्टमेंट के प्रमुख की ओर फेंक दिया. लेकिन सच कहूं तो जब तक मैं वहां काम करता रहा, उन्होंने मुझे सही तरीक़े से पे नहीं किया.

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एक यूज़र ने लिखा,
मेरा एक Ex अपनी नौकरी छोड़कर चला गया और इसके बारे में मुझे तब पता चला, जब उसके मैनेजर ने मुझे उसके क़रीबी रिश्तेदार के रूप में फोन किया.

जब एक शख़्स ने इस घटना पर लिखा- ‘सच कहूं तो ये मेरा हीरो है.’, तो दूसरे का रिप्लाई था- ‘मैंने कई बार ऐसी नौकरियां छोड़ी हैं. लेकिन कोई भी मुझे हीरो नहीं कहता.’

इसके अलावा, कई लोगों ने अपनी कंपनियों की ‘टॉक्सिक कहानियां’ सुनाई. तो कइयों ने अपने टॉक्सिक सीनियर्स और बॉस को तरह-तरह की गालियां दीं. आपका इस्तीफ़े के इस तरीक़े पर क्या कहना है, हमें कॉमेंट कर ज़रूर बताएं.
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