रिटायर्ड कर्नल दिलीप सिंह बाजवा से 3.41 करोड़ रुपये की ठगी मामले में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस तरह मामले में अब तक पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. चंडीगढ़ के सेक्टर 2ए के रहने वाले बाजवा और उनकी पत्नी को ठगों ने पिछले महीने ‘डिजिटल अरेस्ट’ (Retired Colonel Digital Arrest) का निशाना बनाया था.
विदेशी नंबर से आया वीडियो कॉल, रिटायर्ड कर्नल से 3.41 करोड़ ठगे, अब ठग हरियाणा के निकले
Cyber Crime News: एक इंटरनेशनल नंबर से कॉल आया. जालसाजों ने कर्नल दिलीप सिंह पर जेल में बंद कारोबारी नरेश गोयल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल होने का आरोप लगाया. पुलिस ने बताया कि ठगों ने फर्जी दस्तावेज दिखाए और गिरफ्तारी की धमकी दी. पीड़ितों को लगातार वीडियो कॉल पर रखा.

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अवतार सिंह (21), अमृतपाल सिंह (25) और सुनील कुमार (24) के रूप में हुई है. ये सब हरियाणा के सिरसा के रहने वाले हैं. इससे पहले पुलिस ने हरियाणा के मोहिंदरगढ़ निवासी महक यादव (25) और राजस्थान के झुंझुनू निवासी सचिन शर्मा (23) को गिरफ्तार किया था.
बैंक खाते के इस्तेमाल के लिए मिला कमीशनइंडियन एक्सप्रेस ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया है कि अवतार सिंह ने इंडसइंड बैंक में एक खाता खुलवाया. इसके लिए अमृतपाल सिंह और सुनील कुमार ने उसे राजी किया. बाद में इसी बैंक खाते का इस्तेमाल ठगी का पैसा ट्रांसफर करने के लिए किया गया. ठगी गई रकम का एक हिस्सा, 9.40 लाख रुपये इस अकाउंट में ट्रांसफर किए गए थे. आरोपियों ने ठगी की रकम का एक प्रतिशत कमीशन के रूप में रख लिया और शेष राशि महक यादव और सचिन शर्मा को सौंप दी.
18 मार्च को 82 साल के दिलीप सिंह और 74 साल की उनकी पत्नी रणविंदर कौर के साथ ठगी हुई. उनके पास एक इंटरनेशनल नंबर से कॉल आया. जालसाजों ने दिलीप सिंह पर जेल में बंद कारोबारी नरेश गोयल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल होने का आरोप लगाया. पुलिस ने बताया कि ठगों ने फर्जी दस्तावेज दिखाए और गिरफ्तारी की धमकी दी. पीड़ितों को लगातार वीडियो कॉल पर रखा.
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रिटायर्ड कर्नल को कई दिनों तक पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया गया. पहले 8 लाख, फिर 60 लाख, फिर 80 लाख, फिर 88 लाख और फिर 1.05 करोड़ रुपये ठगे गए. जालसाजों ने ये पैसे अलग-अलग बैंक खातों में मंगवाए. पुलिस ने बताया कि साइबर ठगों ने दंपति से संपर्क करने के लिए कई फोन नंबरों का इस्तेमाल किया था.
(कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज नहीं होती. ये ठगों की ओर से बनाया गया टर्म है. ऐसे किसी भी फोन कॉल या मैसेज का जवाब ना दें. इसकी जानकारी साइबर क्राइम की वेबसाइट (https://cybercrime.gov.in/) पर दें. या स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं.)
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