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वायु प्रदूषण से बड़ी संख्या में मौतें हुईं? सरकार ने संसद में जवाब दिया

सरकार ने कहा, "वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों के बीच सीधा संबंध स्थापित करने के लिए कोई भी निर्णायक डेटा उपलब्ध नहीं है."

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कीर्ति वर्धन सिंह का ये जवाब AIADMK सांसद एम थंबीदुरई के सवाल पर आया है. (फोटो- PTI)

दिल्ली-NCR समेत उत्तरी भारत के कई हिस्से वायु प्रदूषण और खराब AQI से जूझ रहे हैं. हर दिन AQI का डेटा देख लोगों के लिए घर से निकलना मुश्किल हो रहा है. इस बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों को लेकर अहम बात कही है. इस मुद्दे पर 19 दिसंबर को संसद में किए गए एक सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि उसके पास वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों के बीच सीधा संबंध स्थापित करने के लिए कोई निर्णायक डेटा मौजूद नहीं है.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा को बताया,

"वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों के बीच सीधा संबंध स्थापित करने के लिए कोई भी निर्णायक डेटा उपलब्ध नहीं है. वायु प्रदूषण फेफड़ों की बीमारियों और अन्य बीमारियों को प्रभावित करने वाले कई फैक्टर्स में से एक है."

कीर्ति वर्धन सिंह का ये जवाब AIADMK सांसद एम थंबीदुरई के सवाल पर आया है. सांसद ने पूछा था कि क्या गंभीर वायु प्रदूषण के कारण बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं, खासकर उत्तर भारत में. यदि हां, तो पिछले पांच वर्षों के दौरान मौतों की संख्या कितनी है? जवाब देते हुए मंत्री ने आगे बताया,

“स्वास्थ्य पर्यावरण के अलावा कई और कारणों से प्रभावित होता है. इसमें लोगों की फूड हैबिट्स, व्यावसायिक आदतें, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, मेडिकल हिस्ट्री, इम्युनिटी, हेरिडिटी आदि चीजें शामिल हैं.”

AQI 470 पार

बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एयर क्वालिटी ‘गंभीर प्लस’ कैटेगरी में पहुंच गई है. यहां के कई इलाकों में AQI 470 तक दर्ज किया गया है. जिसे देखते हुए भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने शुक्रवार यानी 20 दिसंबर के लिए घने कोहरे की चेतावनी के साथ येलो अलर्ट जारी कर दिया है. विभाग ने कहा कि गुरुवार, 19 दिसंबर को अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से थोड़ा अधिक रहा. जबकि न्यूनतम तापमान पांच डिग्री रहा, जो सामान्य से तीन डिग्री कम था.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, शहर के 35 निगरानी स्टेशनों में से 32 ने वायु गुणवत्ता को गंभीर प्लस श्रेणी में दर्ज किया. प्रशासन ने बहुत घने कोहरे की चेतावनी देते हुए येलो अलर्ट जारी किया है. राजधानी में पहले से ही GRAP- 4 लागू है. जिसके चलते निर्माण कार्य पर पाबंदी के साथ-साथ गैर-जरूरी सामानों को लाने ले जाने वाले ट्रकों की एंट्री पर भी बैन है.

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