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पूर्व CDS बिपिन रावत की मौत का मामला, खराब मौसम नहीं इस वजह से हुआ था हादसा

लोकसभा में 18 दिसंबर को स्टैंडिंग कमेटी ऑन डिफेंस की एक रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 दिसंबर, 2021 को हुई Mi-17 V5 दुर्घटना एयरक्रू की 'मानवीय भूल' के कारण हुई थी.

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हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित सुलूर वायुसेना अड्डे से वेलिंगटन के डिफेंस स्टाफ सर्विसेज कॉलेज के लिए उड़ा था. (फोटो- इंडिया टुडे)

8 दिसंबर 2021. तमिलनाडु के कुन्नूर के पास पहाड़ों में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ. घटना में तत्कालीन चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की मृत्यु हो गई थी. जनरल रावत Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर में अपनी पत्नी मधुलिका रावत के साथ थे. हादसे में उनके साथ हेलीकॉप्टर में मौजूद सभी लोगों की भी मौत हो गई थी. अब दुर्घटना के कारणों की जांच कर रही कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ये घटना एयरक्रू की ‘मानवीय भूल’ के कारण हुई थी.

लोकसभा में 18 दिसंबर को स्टैंडिंग कमेटी ऑन डिफेंस की एक रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 दिसंबर, 2021 को हुई Mi-17 V5 दुर्घटना 'ह्यूमन एरर' के कारण हुई थी. एनडीटीवी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक 18वीं लोकसभा की स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2017 से 2022 तक '13वें डिफेंस पीरियड प्लान' के दौरान कुल 34 IAF दुर्घटनाएं घटीं.

रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-2022 के दौरान कुल नौ दुर्घटनाएं हुईं. 8 दिसंबर, 2021 को हुई दुर्घटना ‘मानवीय भूल (एयरक्रू)’ के कारण हुई. इस घटना में तत्कालीन चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित कुल 12 लोगों की मृत्यु हुई थी.

बता दें कि घटना की जांच कर रही कर टीम ने प्रारंभिक निष्कर्षों में कहा था कि घाटी में मौसम की स्थिति में अप्रत्याशित परिवर्तन के कारण बादलों में प्रवेश करने के बाद ये दुर्घटना हुई थी. इस वजह से पायलट सही लोकेशन से भटक गए थे. जांच टीम ने दुर्घटना के सबसे संभावित कारण का पता लगाने के लिए फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की जांच की थी. इसके अलावा टीम ने सभी उपलब्ध गवाहों से पूछताछ भी की थी.

घटना के दिन क्या हुआ था?

जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 12 आर्म्ड फोर्स पर्सनल Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर में सवार थे. हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित सुलूर वायुसेना अड्डे से वेलिंगटन के डिफेंस स्टाफ सर्विसेज कॉलेज के लिए उड़ा था. लेकिन लैंडिंग से कुछ मिनट पहले ही ये पहाड़ियों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. शौर्य चक्र से सम्मानित ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह एकमात्र व्यक्ति थे जो इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना के वक्त जीवित बचे थे. लेकिन एक हफ्ते बाद इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई थी.

ग्रुप कैप्टन सिंह को वेलिंगटन से तमिलनाडु के कुन्नूर ले जाया गया था. लेकिन गंभीर रूप से जलने के कारण बाद में बेंगलुरु के एक मिलिट्री अस्पताल में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था. पर उनकी जान नहीं बचाई जा सकी थी.

वीडियो: CDS बिपिन रावत के हेलीकॉप्‍टर क्रैश की जांच करने वाले कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने क्या बड़ा ख़ुलासा किया?