अमेरिका से निर्वासित 88 ब्राजीली नागरिकों के साथ हुए दुर्व्यवहार ने दोनों देशों के बीच तनाव पैदा कर दिया है. इस फ्लाइट में सवार यात्रियों ने दावा किया कि उन्हें पानी, बाथरूम, और सांस लेने जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में रखा गया. एक वीडियो भी सामने आया जिसमें यात्रियों को हथकड़ियों के साथ बाहर निकलते देखा गया. खबर है ब्राजील सरकार ने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया और अमेरिकी अधिकारियों से जवाब मांगा है. इस घटना को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के चुनावी वादों से जोड़कर देखा गया. वहीं अमेरिका की तरफ से इसे पिछले समझौतों का ही हिस्सा बताया गया है.
अमेरिका ने जिस तरह ब्राजीलियाई नागरिकों को निकाला, देखकर भारतीय डर जाएंगे!
US Flight में कुुल 88 निर्वासित Brazilian Citizen थे. इस फ्लाइट को Brazil के Manaus में लैंड कराया गया था. इसके बाद ब्राजील के टेलीविजन पर फुटेज चले. जिनमें कुछ यात्रियों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां थी.
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AFP की खबर के मुताबिक, अमेरिका से निर्वासित नागरिकों को 24 जनवरी के दिन एक फ्लाइट के जरिए ब्राजीली के मानौस शहर भेजा गया. देर रात उतरी इस फ्लाइट के अंदर यात्रियों की दयनीय स्थिति ने अधिकारियों को हैरान कर दिया. देखिए वीडियो.
ब्राजील की जस्टिस मिनिस्ट्री ने बताया कि उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों को तुरंत हथकड़ियों को हटाने का आदेश दिया. इस फ्लाइट में 31 साल के ‘एडगर डा सिल्वा मौरा’ भी सवार थे. वो सात महीने से अमेरिका में डिटेंशन में रहे. उन्होंने AFP को बताया,
“फ्लाइट में हमें पानी नहीं दिया गया. हमारे हाथ-पैर बंधे हुए थे. बाथरूम जाने तक की इजाजत नहीं थी."
21 साल के फ्रीलांसर, ‘लुइस एंटोनियो’ ने बताया कि लोगों के तकनीकी खराबी के कारण चार घंटे तक एयर कंडीशनिंग बंद रहा. साथ ही कई यात्रियों को सांस लेने में भी तकलीफ हुई. ब्राजील के मानवाधिकार मंत्री मैके एवरिस्टो ने बताया कि इस फ्लाइट में ऑटिज्म से पीड़ित कुछ बच्चे भी थे. ब्राजील के टेलीविजन पर कुछ यात्रियों को सिविल एयरक्राफ्ट से उतरते हुए दिखाया गया. सभी यात्रियों के हाथों में हथकड़ी थी वहीं कुछ यात्रियों के पैरों में बेड़ियां भी दिखी.
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, ब्राजीलियन एयर फोर्स (FAB) को यात्रियों को सही स्थान तक पहुंचाने का आदेश दिया है. न्याय मंत्री रिकार्डो लेवांडोव्स्की ने इस घटना को "मौलिक मानवाधिकारों की घोर अवहेलना" बताया है.
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डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों का अंदेशायह घटना डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के एक हफ्ते बाद हुई है. हालांकि AFP ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि इस घटना का संबंध सीधे तौर पर अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एमीग्रेशन पॉलिसी से नहीं है. इसका संबंध 2017 के एक द्विपक्षीय समझौते से है. सरकारी सूत्रों के अनुसार, सभी निर्वासित अपने दस्तावेजों के साथ यात्रा कर रहे थे और स्वेच्छा से वापस लौट रहे थे. AFP की खबर के मुताबिक फ्लाइट को मूल रूप से बेलो होरिजोंते जाना था, लेकिन तकनीकी समस्या के कारण मानौस में उतरना पड़ा.
भारतीयों पर इसका प्रभावअमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने चुनाव अभियान के दौरान अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का वादा किया था. उनकी शपथ के बाद से ही खबरें आ रही थी कि अमेरिका में मौजूद करीब 20 हजार 'अवैध भारतीयों' को वापस भारत भेजा जा सकता है. अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ इस मुद्दे पर चर्चा भी की थी. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने ऐसे करीब 18 हजार अवैध भारतीयों की पहचान कर ली है जिन्हें वापस भेजा जाना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर भारत, ट्रंप प्रशासन का सहयोग करने के लिए तैयार है.
अमेरिका में लगभग 1.1 करोड़ अवैध प्रवासी हैं. ट्रम्प प्रशासन ने शुक्रवार, 24 जनवरी के दिन ही ग्वाटेमाला में 265 प्रवासियों को भेजा गया था.
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