2024 में वायरल हुए मीम्स की गाथा जब लिखी जाएगी तो इन चार शब्दोें का जिक्र उसमें जरूर होगा- ‘मुझे फड़क नहीं पड़ता’. सोशल मीडिया और रील्स की बाढ़ ने हमारे साथ यही किया है कि किसी को अब सच में फड़क नहीं पड़ता. इस सिचुएशन को एक शब्द में परिभाषित करने का जुगाड़ भी हो गया है. ये शब्द है ‘Brain rot’. यही इस साल का सार है. Oxford Word of the Year 2024 भी.
'मुझे फड़क नहीं पड़ता' के दौर में Brain Rot का मतलब, Oxford Word of the year बना है
‘Brain rot’ को इस साल का वर्ड ऑफ दी ईयर पब्लिक वोट के आधार पर घोषित किया गया है. ऑक्सफोर्ड की वेबसाइट बताती है कि 37 हजार से ज्यादा लोगों ने वोटिंग में हिस्सा लिया था.
‘Brain rot’ का मतलब क्या होता है, शब्द कहां से आया, इस साल कैसे वर्ड ऑफ दी ईयर बन गया, इसी पर बात करेंगे.
आप इंस्टाग्राम स्क्रोल करते होंगे. नहीं करते. तो यूट्यूब पर शॉर्ट्स नामक दुनिया के प्राणी होंगे. इसका भी हिस्सा नहीं हैं. तो यूट्यूब पर कॉन्टेंट कंज्यूम करना हो जाता होगा. नहीं तो नेटफ्लिक्स, और बाकी OTT पर कुछ देखने का चस्का होगा. अब अगर ये सब भी नहीं करते, तो सच में आपको फड़क नहीं पड़ना चाहिए. और अगर पड़ रहा है तो आप ‘Brain rot’ का मतलब जानने ही आए होंगे. तो ज़रा रुकिए. पानी पीजिए. और आगे पढ़िए.
सुबह उठते ही फोन में रील स्क्रोल करना. या ऑनलाइन कॉन्टेंट की तरफ भागना. ये सब आजकल नॉर्मल हो गया है. पर ये इतना नॉर्मल हो गया है कि हमारे जैसे लोग अब इससे बोर हो गए हैं. हर जगह वही इंटरव्यू. उसी इंटरव्यू की रील या शॉर्ट्स. उसी पर टेक्स्ट स्टोरीज. या उसी से जुड़ी फोटोज़. सोशल मीडिया भी अब पुराना सा लगने लगा है. इसीलिए कहा जाता है कि खुद के एक्सपीरियंस को यंग करते रहना चाहिए. वरना जीवन बोरियत भरा हो जाएगा.
रोज वही ऑनलाइन कॉन्टेंट कंज्यूम करते-करते आपके मेंटल और इंटलेक्चुअल बैलेंस के साथ जो खेल होता है वही ‘Brain rot’ कहलाता है. माने, ऐसे कॉन्टेंट के कारण जो मेंटल फटीग आपको फील होता है उसे ही नाम दिया गया है ‘Brain rot’ का.
ऐसा कॉन्टेंट आपके लिए किसी काम का नहीं होता. आपकी बौद्धिक क्षमता में विकास नहीं करता. बस हम उसे कंज्यूम करने के लिए कंज्यूम करते रहते हैं. शायद इसलिए कि हम ज्यादा फ्री हों. या किसी दोस्त ने भेज दिया, तो बस देख लिया. और फिर AI तो है ही. हमारे दिमाग के साथ खेलने के लिए. आप फिट होने के बारे में सोच लीजिए. धड़ाधड़ 100 रील फिटनेस पर आ जाएंगी. आप देख भी लेंगे. पर फिट नहीं हो पाएंगे. क्योंकि उसके लिए तो रील की दुनिया से बाहर निकला पड़ेगा.
‘Brain rot’ इस स्थिति को काफी सही ढंग से परिभाषित करता है. इसीलिए इस साल का शब्द बना है. ऑक्सफोर्ड की वेबसाइट के मुताबिक 2023 से 2024 के बीच इस शब्द का इस्तेमाल 230 फीसदी बढ़ा है. ‘Brain rot’ का सबसे पहला इस्तेमाल साल 1854 में हुआ था. हेनरी डेविड थोरो की किताब ‘वाल्डेन’ में. किताब थोरो द्वारा प्राकृतिक दुनिया में एक साधारण जीवन शैली जीने के अनुभवों पर आधारित है.
37 हजार से ज्यादा लोगों ने वोट किया‘Brain rot’ को इस साल का वर्ड ऑफ दी ईयर पब्लिक वोट के आधार पर घोषित किया गया है. ऑक्सफोर्ड की वेबसाइट बताती है कि 37 हजार से ज्यादा लोगों ने वोटिंग में हिस्सा लिया था. वोटिंग के लिए कुल छह शब्दों की एक लिस्ट तैयार की गई थी. इन शब्दों ने इस साल लोगों के मूड और उनके बीच हुई बातचीत को दिशा दी है. जाते-जाते बाकी पांच शब्दों के बारे में भी जान लेते हैं.
- Demure (डेम्योर): वो शख्स जो व्यवहार में संयमित हो, रिजर्व्ड हो. या वैसा पहनावा जो दिखावटी ना हो.
- Dynamic Pricing: मार्केट के बदलते व्यवहार को देखते हुए किसी प्रोडक्ट या सर्विस के दाम/फीस बदलाव करना.
- Lore: किसी भी व्यक्ति या वस्तु से जुड़ा कोई तथ्य, जो उसे समझने के लिए जरूरी हो.
- Romantasy: रोमेंटिक फिक्शन और फैंटेसी को जोड़कर बनाई गई कोई कहानी.
- Slop: AI का इस्तेमाल कर बनाया गया वो कॉन्टेंट, जिसे खूब ऑनलाइन शेयर किया जाए पर उसमें गलती हो, या उसमें कोई तथ्यात्मक गड़बड़ी हो.
वीडियो: ऑक्सफोर्ड वर्ड ऑफ द ईयर 2023 बनने की होड़ में शामिल इन पॉपुलर 8 शब्दों का मतलब जानते हैं?