बॉम्बे हाई कोर्ट ने HDFC बैंक की एक महिला कर्मचारी के साथ हुए कथित धोखाधड़ी के मामले को लेकर मुंबई पुलिस को लताड़ा है (Bombay HC pulls up Mumbai police). महिला के अकाउंट से कथित तौर पर बैंक की रिलेशनशिप मैनेजर ने ही 3 करोड़ रुपये उड़ा लिए थे. मामले को लेकर कोर्ट ने HDFC बैंक और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई में याचिका पर जवाब मांगा है.
अपनी ही साथी के करोड़ों रुपये भकोस गए, HDFC बैंक के कर्मचारियों पर गंभीर आरोप
पीड़ित मीनाक्षी कपूरिया HDFC की कर्मचारी हैं. अपनी शिकायत में उन्होंने बताया था कि उनकी रिलेशनशिप मैनेजर पायल कोठारी ने उनके 3 करोड़ रुपये के फिक्स्ड डिपॉजिट को ‘तोड़ दिया था, और ये पैसे फर्जी अकाउंट्स में ट्रांसफर करा लिए’ थे. मीनाक्षी ने ये भी आरोप लगाए कि कोठरी के अलावा इसमें बैंक के कई अन्य कर्मचारी भी शामिल हैं.
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज के चव्हाण की बेंच मीनाक्षी कपूरिया की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. बेंच ने सवाल किया कि जब बैंक की ‘नाक के नीचे से’ पैसे निकाले गए तो क्या ये बैंक की जिम्मेदारी नहीं थी कि वो इस गड़बड़ी पर ध्यान दे. कोर्ट ने कहा कि लोग बैंक पर भरोसा करते हैं, और जब एक रिलेशनशिप मैनेजर ही व्यक्ति को धोखा देता है तो बैंकिंग सिस्टम पर उनका क्या विश्वास होगा.
रिलेशनशिप मैनेजर ने 3 करोड़ रुपये उड़ाएपीड़ित मीनाक्षी कपूरिया HDFC की कर्मचारी हैं. अपनी शिकायत में उन्होंने बताया था कि उनकी रिलेशनशिप मैनेजर पायल कोठारी ने उनके 3 करोड़ रुपये के फिक्स्ड डिपॉजिट को ‘तोड़ दिया था, और ये पैसे फर्जी अकाउंट्स में ट्रांसफर करा लिए’ थे. उन्होंने आरोप लगाया कि वहां से कोठारी ने ये पैसे अपने अकाउंट्स में ट्रांसफर कराए. कपूरिया ने ये भी दावा किया कि उन्हें इन ट्रांजैक्शन के बारे में कोई SMS या ईमेल अलर्ट नहीं मिला.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मीनाक्षी ने अक्टूबर में ये शिकायत दर्ज कराई थी. जब कोर्ट को ये बताया गया कि पायल कोठारी को 3 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया गया है, तो उसने सवाल उठाया. बेंच ने कहा कि पुलिस को शिकायतकर्ता के अदालत में आने तक का इंतजार क्यों करना पड़ा. बेंच ने ये संदेह भी जताया कि क्या पुलिस मामले को निपटाने के लिए दोनों पक्षों के बीच सुलह का इंतजार कर रही थी. बेंच ने कहा,
“हर दिन हमें अलग-अलग पुलिस थानों से पुलिस अधिकारियों के खिलाफ ऐसी शिकायतें मिल रही हैं."
इस पर राज्य सरकार के वकील ने बताया कि पुलिस ने कोठारी के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है, जिसमें कुल 30,000 रुपये थे.
कोर्ट में दायर की गई याचिका में मीनाक्षी ने ये भी आरोप लगाए कि कोठरी के अलावा इसमें बैंक के कई अन्य कर्मचारी भी शामिल हैं. याचिका में ये भी दावा किया गया कि कोठारी ने पहले याचिकाकर्ता का विश्वास हासिल किया. उन्हें वादा करके और आश्वासन देकर उनसे साइन किए हुए ब्लैंक चेक लिए. और कहा कि उनका पैसा म्यूचुअल फंड, गोल्ड बॉन्ड, आदि में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. जिससे उन्हें फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में इन्वेस्टमेंट पर अधिक रिटर्न मिलेगा. मीनाक्षी के वकील रिजवान सिद्दीकी ने कोर्ट को बताया कि कोठारी ने इस पैसे को इन्वेस्ट करने के बजाय याचिकाकर्ता की पूरी बचत हड़प ली.
पुलिस पर भी आरोपइंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सिद्दीकी ने ये भी आरोप लगाया कि वर्सोवा पुलिस याचिकाकर्ता पर कोठारी के साथ मामला निपटाने के लिए दबाव डाल रही है. साथ ही बताया कि पुलिस ने मामले में अन्य बैंक अधिकारियों की भूमिका की जांच नहीं की. जिसके बाद बेंच ने DCP दीक्षित गेडाम को अगले दिन अदालत में उपस्थित रहने को कहा था.
गेडाम ने कोर्ट को बताया कि वो इस मामले की निगरानी करेंगे. ये मामला पुलिस इंस्पेक्टर अमोल ढोले के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश के बाद सीनियर इंस्पेक्टर गजानन पवार को ट्रांसफर कर दिया गया है.
कोर्ट ने अंत में कहा कि इस तरह की हरकतें बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं. बेंच ने आदेश दिया कि HDFC बैंक के रीजनल सीनियर अफसर और RBI को इस मामले में पक्षकार बनाया जाए. इसके साथ ही बेंच ने 30 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज होने से पहले और उसके बाद में याचिकाकर्ता के बैंक बैलेंस की डिटेल्स भी मांगीं. मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर के लिए रखी गई है.
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