बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर और गाजियाबाद पुलिस के बीच 20 मार्च को बवाल हो गया. नंदकिशोर गाजियाबाद के लोनी से विधायक हैं. गुरुवार को वे इलाके में राम कथा से पहले कलश यात्रा निकाल रहे थे. लेकिन पुलिस ने अनुमति न होने की वजह से यात्रा रोक दी. इसी को लेकर पुलिस और नंदकिशोर के बीच विवाद हुआ. इतना ही नहीं, यात्रा में शामिल लोगों और पुलिस के बीच जबरदस्त धक्का-मुक्की भी हुई.
कलश यात्रा निकाल रहे BJP विधायक को यूपी पुलिस ने रोक दिया, बोले- "तेरी मां ने दूध पिलाया है तो..."
कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल हुए थे. विधायक नंदकिशोर गुर्जर अपने सिर पर रामचरितमानस रखकर यात्रा की अगुआई कर रहे थे. लेकिन यात्रा के लिए पुलिस की अनुमति नहीं ली गई थी, इसलिए उसने कार्रवाई की. इस पर नंदकिशोर के समर्थकों के साथ पुलिस की झड़प हो गई.

इंडिया टुडे से जुड़े मयंक गौड़ की रिपोर्ट के मुताबिक कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल हुए थे. विधायक नंदकिशोर गुर्जर अपने सिर पर रामचरितमानस रखकर यात्रा की अगुआई कर रहे थे. लेकिन यात्रा के लिए पुलिस की अनुमति नहीं ली गई थी, इसलिए उसने कार्रवाई की. इस पर नंदकिशोर के समर्थकों के साथ पुलिस की झड़प हो गई. इससे नाराज होकर विधायक जमीन पर ही बैठ गए.
रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि उसे बीती रात इस यात्रा की जानकारी मिली थी. सुबह जब विधायक से इसको लेकर बातचीत हुई, तब भी पुलिस ने यात्रा को लेकर अनुमति नहीं दी. इसके बावजूद यात्रा निकाली गई. इसी दौरान पुलिस ने डीजे बंद करवा दिया, और यात्रा को रोकने का प्रयास किया. पुलिस ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
उधर, विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने यात्रा रोके जाने को लेकर पुलिस पर धार्मिक आयोजन में बाधा डालने का आरोप लगाया. कहा कि पुलिस ने जबरन यात्रा रोकने की कोशिश की, और उनके समर्थकों के साथ बदसलूकी भी की. नंदकिशोर ने पुलिस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और पक्षपात के गंभीर आरोपी भी लगाए, और खुली चुनौती भी दे दी. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. उन्होंने कहा,
“मैं चुनौती देना चाहता हूं इस यूपी पुलिस को... चीफ सेक्रेटरी अगर तेरी मां ने दूध पिलाया है… कमिश्नर तेरी मां ने दूध पिलाया है… तो कथा के बाद गाजियाबाद में कही भी तय कर लेना, तेरी गोलियां होंगी और हमारे सीने होंगे. अभी से लेकर 28 तारीख बाद समय चीफ सेक्रेटरी का होगा. योगी जी ने हमसे मना किया था कि बोलना नहीं है. हम चुप थे, पुलिस अन्याय कर रही थी. मेरे कार्यकर्ताओं को नहीं छोड़ा, मैं बोला नहीं. एक कार्यकर्ता को इंस्पेक्टर ने पैसे लेकर छोड़ा, मैं बोला नहीं. हमारी बहन सरिता चौधरी के साथ मारपीट की गई, मैं बोला नहीं..कब तक चुप रहेंगे…”
पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. सहायक पुलिस आयुक्त अंकुर विहार अजय कुमार सिंह ने बताया, “19 मार्च को रात में सूचना मिली कि 20 मार्च को एक जुलूस निकाला जाना है. इस सूचना पर थाना प्रभारी लोनी बॉर्डर ने रात में ही हितेश गुर्जर के मोबाइल पर दो बार, और उनके एक समर्थक के मोबाइल पर तीन बार फोन मिलाकर बात करने का प्रयास किया गया. लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ. आज सुबह नंदकिशोर गुर्जर को फोन करके बताया गया कि उक्त जुलूस को लेकर कोई परमिशन नहीं ली गई है, इसलिए इसे निकालने से मना गया. परंतु इसके बावजूद जुलूस निकाला गया और पुलिस से धक्का-मुक्की की गई.”
वहीं लोनी एसपी अजय कुमार सिंह ने कहा कि नियमोें का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं विधायक गुर्जर के बयान और पुलिस पर लगे आरोपों को लेकर प्रशासन की ओर से समीक्षा की जा रही है.
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