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'बटेंगे तो कटेंगे' पर अब बंट गई महाराष्ट्र BJP, पंकजा मुंडे ने कहा- 'मैं इस नारे का समर्थन नहीं करती'

पंकजा मुंडे महायुति गठबंधन से दूसरी और बीजेपी की ऐसी पहली नेता हैं, जिन्होंने योगी आदित्यनाथ के इस नारे से पल्ला झाड़ा है. इससे पहले एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा था कि यह नारा महाराष्ट्र में नहीं चल पाएगा.

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पंकजा मुंडे बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव और MLC हैं. (तस्वीर:PTI)

बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने ‘बटेंगे तो कटेंगे’ वाले नारे से किनारा कर लिया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि वे इस नारे का समर्थन नहीं करती हैं. पंकजा मुंडे महायुति गठबंधन से दूसरी और बीजेपी की ऐसी पहली नेता हैं, जिन्होंने इस नारे से पल्ला झाड़ा है. इससे पहले एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा था कि यह नारा महाराष्ट्र में नहीं चल पाएगा.

पंकजा मुंडे ने योगी के बयान पर कहा क्या?

बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव और MLC पंकजा मुंडे ने 13 नवंबर को इंडियन एक्सप्रेस अखबार से बातचीत में ‘बंटेगे तो कटेंगे’ नारे पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा,

“सच बोलूं तो मेरी राजनीति अलग है. मैं इसका (बटेंगे तो कटेंगे) समर्थन केवल इस कारण नहीं करूंगी क्योंकि मैं भी उसी पार्टी से हूं. मेरा मानना ​​है कि हमें केवल विकास पर ध्यान देना चाहिए. एक नेता का काम होता है कि वो लोगों को अपना बनाए. इसलिए हमें ऐसे विषयों को महाराष्ट्र में लाने से बचना चाहिए.”

पंकजा ने आगे कहा,

“उन्होंने (योगी आदित्यनाथ ने) इसे अलग संदर्भ में और वहां (यूपी) की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए कहा था. इसका मतलब वो नहीं है जो हम महाराष्ट्र में प्रयोग कर रहे हैं. मोदी जी ने सबको अधिकार दिया है. उन्होंने बिना लोगों की जाति या धर्म देखे सबको राशन, आवास और  सिलेंडर दिया है.”

अजीत पवार ने किया था किनारा

इससे पहले महायुति गठबंधन में शामिल एनसीपी के नेता अजित पवार ने कहा था कि ये सब दूसरे राज्यों में चलता होगा, लेकिन महाराष्ट्र में ये नहीं चलेगा. इंडिया टुडे को 10 नवंबर को दिए इंटरव्यू में अजीत पवार ने कहा,

“अन्य राज्यों के बीजेपी सीएम तय करें कि उन्हें क्या बोलना है. हम महायुति में एक साथ काम कर रहे हैं, लेकिन हमारी पार्टियों की विचारधारा अलग है. संभव है कि दूसरे प्रदेशों में यह सब चलता हो, लेकिन महाराष्ट्र में ये नहीं चलेगा.”

योगी ने क्या कहा था?

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 26 अगस्त, 2024 को आगरा में एक सभा को संबोधित करते हुए यह नारा दिया था. उन्होंने कहा था, ‘बटेंगे तो कटेंगे, बंटना नहीं है. एक रहेंगे तो नेक रहेंगे, सुरक्षित रहेंगे.’ योगी ने इस नारे को हाल के दिनों में कई मंचों से दोहराया है.

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन समेत विपक्ष के कई नेताओं ने योगी के नारे की आलोचना की है. बीजेपी पर इस नारे के सहारे समाज में विभाजन पैदा करने का आरोप लग रहा है. हेमंत सोरेन ने 13 नवंबर को रामगढ़ में एक चुनावी सभा में कहा, 'झारखंड में न कोई बंटा है, न कटा है. झारखंड में लोग वोट से इनको कूटेंगे. ये समाज में जहर डाल रहे हैं.'

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