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चार दिन में पुलिस पर 5 हमले, दो ASI की मौत, कई घायल... क्या बिहार में वर्दी को ही 'सुरक्षा' की जरूरत है?

Bihar Police पर लगातार हो रहे हमलों को लेकर Tejashwi Yardav ने कहा है कि बिहार में 'गुंडाराज' आ गया है. वहीं पुलिस का कहना है कि हफ्तेभर में सारे आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा.

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सांकेतिक तस्वीर. (PTI)

बिहार में पिछले चार दिनों में पुलिस (Bihar Police Attack) पर कई हमले हुए हैं. अररिया में ASI राजीव रंजन मल और मुंगेर में ASI संतोष सिंह की हत्या कर दी गई. भागलपुर में पुलिस पर हुए हमले में ASI सहित चार पुलिसवाले गंभीर रूप से घायल हो गए. राजधानी पटना के मनेर में भी पुलिस की एक टीम पर पथराव हुआ जिसमें ASI विवेक कुमार घायल हो गए. नवादा जिले से भी ऐसी ही खबर आई है जहां पथराव के कारण एक पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. इन घटनाओं को लेकर राजनीतिक बहसबाजी शुरू हो गई है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या बिहार में पुलिस का इकबाल खत्म हो गया है. जिनके हाथों में जनता की सुरक्षा है, वही सुरक्षित नहीं हैं? आरोप-प्रत्यारोपों पर लौटेंगे पर पहले एक-एक करके सभी घटनाओं पर नजर डालते हैं.

Araria में क्या हुआ था?

13 मार्च की रात के करीब 1 बजे पुलिस को कथित ड्रग तस्कर अनमोल यादव की सूचना मिली. बताया गया कि वो अररिया के लक्ष्मीपुर गांव में एक शादी समारोह में आया है. पुलिस ने वहां छापा मारा और अनमोल को पकड़ लिया. इसके बाद ग्रामीणों में शामिल अनमोल यादव के साथियों ने पुलिस पर हमला किया और उसे छुड़ा लिया.

पुलिस के मुताबिक, इसी दौरान ASI राजीव रंजन मल को धक्का को जोर से धक्का दिया गया. वो बेहोश हो गए, उन्हें अस्पताल ले जाया गया. लेकिन उनकी मौत हो गई. पांच लोगों को हिरासत में लिया गया.

Munger में झगड़ा सुलझाने पहुंची थी पुलिस

14 मार्च को मुंगेर में ASI संतोष सिंह की हत्या कर दी गई. उन्हें नंदलालपुरा इलाके में दो परिवारों के बीच झगड़े की शिकायत मिली थी. सिंह मौके पर पहुंचे. उन्होंने दोनों पक्षों को समझाया. लेकिन इसी दौरान विवाद बढ़ गया और एक शख्स ने उनके सिर एक धारदार हथियार से हमला किया. ASI बेहोश हो गए. आरोपी ने उसी हालत में उनको 30 से 40 मीटर तक घसीटा और फिर वहां से फरार हो गया. इलाज के लिए उन्हें पटना रेफर किया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.

पुलिस ने आरोपी की पहचान की. गुड्डू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन पुलिस जब उसे लेकर जा रही थी, तभी अचानक गाड़ी पलट गई. पुलिस ने कहा कि आरोपी ने उनसे बंदूक छीनने की कोशिश की. पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए गोली चलाई जो आरोपी के पैर में लगी.

Patna के Maner में सब इंस्पेक्टर की वर्दी फाड़ दी

इन अपराधों से राजधानी पटना भी अछूती नहीं रही. मनेर थाना क्षेत्र में 14 मार्च की शाम को पुलिस की एक टीम पर पथराव हुआ. शराब के नशे में कुछ लोगों ने सब-इंस्पेक्टर विवेक कुमार की वर्दी फाड़ दी. घटना में विवेक और एक अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए. इस घटना में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया.

Bhagalpur में पुलिस की टीम पर हमला

15 मार्च की शाम को पुलिस की एक टीम भागलपुर जिले के अंतीचक थाना के कासड़ी गांव पहुंची थी. इस दौरान उनपर हमला हुआ. पुलिस ने बताया कि उनको सूचना मिली थी कि गांव में बच्चों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था. ये विवाद बच्चों से होते हुए बड़ों तक पहुंच गया था. दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए. पुलिस इसी मामले को सुलझाने पहुंची थी. लेकिन गांव में पहुंचते ही लोगों ने उन पर ईंट-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.

हालांकि, इस मामले में ग्रामीणों ने अलग दावा किया है. उन्होंने कहा है कि गांव के बच्चे होली खेल रहे थे. तभी पुलिस की टीम आई और बच्चों पर डंडा चलाना शुरू कर दिया. इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए और पथराव करने लगे. पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.

Nawada में ईंट-पत्थर चले

15 मार्च को एक विवाद को सुलझाने पुलिस नवादा जिले के एक गांव में पहुंची थी. कौआकोल थाना क्षेत्र के शेखौदौरा गांव में मामूली कहासुनी से शुरू हुआ झगड़ा बढ़ता चला गया. दो पक्षों में ईंट-पत्थर चलने लगे. मामला संभालने के लिए पुलिस पहुंची तो उन पर भी हमला हुआ. इस घटना में एक पुलिसकर्मी को चोटें आईं. पुलिस ने दोनों पक्षों से पांच-पांच लोगों को हिरासत में लिया है. उनसे पूछताछ की जा रही है.

आप जिले बदलते जाइए, घटना वही मिलेंगी. पुलिस बीच-बचाव करने पहुंचती है, लेकिन भीड़ पुलिस पर ही हमला कर देती है. हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि दो घटनाओं में ASI रैंक के दो पुलिसकर्मी अपनी जान गंवा बैठे. 

"अचेत हो गई है नीतीश सरकार…"

इन घटनाओं के कारण नीतीश सरकार पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर लिखा है,

चौपट राज में पुलिस वाले सुरक्षा व्यवस्था को संभाल रहे थे. लेकिन उनकी शहादत के दुखद समाचार मिल रहे हैं. होली के पर्व पर पुलिसकर्मियों का परिवार रो रहा है. वो पूछ रहे हैं कि इसके जिम्मेदार कौन हैं. बिहार आज फिर से दर्द और तकलीफ में है. अब तो अचेतावस्था से जाग जाइए नीतीश भाजपा सरकार!

बिहार में चंद घंटों में अपराधियों द्वारा अररिया और मुंगेर में दो ASI की हत्या. उसके बाद भागलपुर, नवादा और पटना में पुलिस टीम पर हमला कर कई अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को घायल किया गया है. लेकिन मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों की शहादत और साहस पर संवेदना के दो शब्द भी व्यक्त नहीं किए है.

Tejashwi Yadav on Bihar Police Attacks
तेजस्वी यादव का पोस्ट.

इन घटनाओं पर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव का भी बयान सामने आया. उन्होंने कहा,

ये तो अब आम बात हो गई है. बिहार में हर रोज हत्याएं, बलात्कार, गैंगवॉर हो रहे हैं... नीतीश कुमार अस्वस्थ हो गए हैं. पदाधिकारी सरकार चला रहे हैं.

कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने इसके लिए भाजपा और NDA सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा,

बिहार की स्थिति बिगड़ गई है. इसके लिए भाजपा और NDA जिम्मेदार हैं. हर चीज में बस राजनीतिक फायदा देखते है भाजपा वाले. त्योहारों के समय माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करती है भाजपा.

ये भी पढ़ें: MP में बंधक को छुड़ाने पहुंची पुलिस पर हुआ जानलेवा हमला, ASI की मौत

'एनकाउंटर…एनकाउंटर…एनकाउंटर'

इससे पहले कि विपक्ष के आरोपों पर सत्ता पक्ष की सफाई देखें, पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का इस बयान पर गौर फरमाइए. 15 मार्च उन्होंने ऐसे अपराधियों के लिए एनकाउंटर तक की बात कह दी. उन्होंने कहा,

ये घटनाएं दुखद हैं. सरकार कार्रवाई करेगी. अपराध को खत्म करने के लिए सरकार कार्रवाई कर रही है. सुशासन के लिए ही हम सत्ता में हैं. एक्शन लेंगे. प्रशासन पर कोई हमला नहीं कर सकता. लोगों को चिन्हित करेंगे और प्रशासन समझाएगा. जिस भाषा में अपराधी समझता है, उस भाषा में समझाएं अपराधियों को. अगर एनकाउंटर की जरूरत हो तो करो. सरकार की तरफ से खुली छूट है.

हालांकि, डिप्टी सीएम के इस बयान का भी कोई असर नहीं दिखा. पटना, भागलपुर और नवादा की घटनाएं उनके बयान के बाद ही हुईं. कुछ ऐसा ही बयान बिहार सरकार में मंत्री नीरज बबलू ने भी दिया. उन्होंने भी ऐसे अपराधों पर एनकाउंटर की बात की. वो मुंगेर की घटना पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. नीरज ने कहा,

अपराध की कोई भीं घटना दुखद है. ऐसे अपराधियों का सीधे एनकाउंटर कर देना चाहिए. 

हालांकि, उन्होंने राज्य सरकार का बचाव भी किया. उन्होंने कहा,

कहीं भी कोई भी घटना होती है तो पुलिस तुरंत एक्शन लेती है. कार्रवाई करती है. अपराधियों के विरुद्ध पुलिस पूरी तरह से सख्त है. किसी को बख्शा नहीं जा रहा है. मुंगेर की घटना में जवाबी कार्रवाई कर अपराधी को गोली मारकर जख्मी कर दिया गया है. लेकिन ऐसे हौसला बुलंद अपराधियों का सीधा एनकाउंटर कर देना चाहिए.

जदयू नेता अभिषेक झा ने भागलपुर में हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. भागलपुर में हुई घटना के बाद उन्होंने कहा कि अपराधी इस तरह की घटना में तब शामिल होते हैं जब पुलिस की संख्या कम होती है. जब पुलिस और प्रशासन भारी संख्या में पहुंचते हैं तो ये सब भाग जाते हैं. उन्होंने कहा कि एक-एक आरोपी को पकड़ा जाएगा और उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. 

पुलिस ने क्या कहा?

पुलिस पर हो रहे लगातार हमलों को लेकर हमने ADG (हेडक्वार्टर) कुंदन कृष्णन से बात की. उन्होंने इन मामलों को लेकर लल्टनटॉप को बताया,

112 पर कॉल आते ही इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ERSS) की टीम तुरंत मौके पर पहुंचती है. जो टीम कार्रवाई के लिए पहुंचती हैं, उन्हीं पर हमला हुआ है. लेकिन एक हफ्ते में पुलिस सभी आरोपियों को पकड़ लेगी.

उन्होंने कहा कि हफ्ते भर बाद इन मामलों की समीक्षा भी की जाएगी. आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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