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साइबर फ्रॉड को मजबूर बिहार के 47 युवा, नौकरी के नाम पर विदेश ले जाकर कराया जा रहा गलत काम

Bihar के Gopalganj जिले के करीब 47 युवक म्यांमार, कंबोडिया, थाईलैंड और लाओस में फंसे हुए हैं. यहां इनसे जबरदस्ती Cyber Fraud करवाया जा रहा है. इनमें से दो युवकों ने एक वीडियो भेजकर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

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बिहार के युवाओं के साथ विदेश में नौकरी के नाम पर स्कैम. (इंडिया टुडे)

बिहार के गोपालगंज (Bihar Gopalganj) के करीब 47 युवक विदेशों में फंसे हैं. उनसे वहां साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) कराया जा रहा है. और विरोध करने पर उनसे मारपीट भी की जाती है. आरोप है कि इन युवकों को रोजगार दिलाने के नाम पर एजेंट ने विदेश भेजा था. ये युवक कंबोडिया, थाईलैंड, म्यांमार और लाओस में फंसे हैं. इस पूरे खेल में पाकिस्तान और चीन के साइबर अपराधियों के शामिल होने की बात सामने आई है. जिसकी जांच EOU और NIA की टीम कर रही है.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, गोपालगंज के मीरगंज थाना इलाके के फतेहपुर गांव के रहने वाले रौशन अली का बेटा वाहिद रौशन और भतीजा मो. साउद अली थाईलैंड गए थे. उन्हें प्रयागराज के एजेंट सुदरजीत यादव ने दिल्ली से थाईलैंड भेजा था. दोनों युवकों को मॉल में काम दिलाने के नाम पर 26 अक्तूबर 2024 को भेजा गया था.

थाईलैंड एयरपोर्ट पर उतरते ही दोनों को एक एजेंट ने रिसीव किया. और नदी के रास्ते मोटरबोट से म्यांमार पहुंचा दिया. यहां पहले से पाकिस्तान, चीन और नेपाल के युवा साइबर फ्रॉड के काम में लगे हुए थे. आरोप है कि एजेंट ने 7 हजार यूएस डॉलर(लगभग छह लाख रुपये) में इन युवकों को चीन और पाकिस्तान के साइबर अपराधियों को बेच दिया है.

वाहिद रौशन और मो. साउद ने किसी तरह से छिपकर एक वीडियो बनाया. और उसे भेजकर सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. युवकों ने वीडियो में बताया कि उन्हें यूपी के एजेंट ने कंप्यूटर के काम को लेकर भेजा था. लेकिन यहां साइबर फ्रॉड के काम में लगा दिया. वीडियो में युवकों ने बताया कि इस काम का विरोध करने पर उनसे मारपीट की जाती है. उन्होंने सरकार से भारत बुला लेने की अपील की है.

रौशन और वाहिद की तरह गोपालगंज के हथुआ थाना क्षेत्र का शुभम कुमार भी कंबोडिया जाकर साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस गया था. लेकिन वह भागकर भारतीय दूतावास पहुंच गया. और दूतावास की मदद से वापस घर आ गया.

शुभम कुमार ने इस मामले में साइबर थाने में पांच लोगों पर केस दर्ज कराया है. उसने पुलिस को बताया कि उसे एजेंट ने 70 हजार प्रति महीने की सैलरी पर मॉल में काम करने के लिए भेजा था. लेकिन थाईलैंड पहुंचने के बाद उसे कंबोडिया ले जाया गया. जहां उसे साइबर फ्रॉड के काम में लगा दिया गया.

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शुभम ने आगे बताया कि काम का विरोध करने पर उसे बिजली के झटके दिए जाते थे. और उसकी तरह बिहार के कई और युवक साइबर ठगों के जाल में फंसे हुए हैं. इस केस की जांच के लिए NIA की एक टीम गोपालगंज पहुंची. यहां उसने कई ठिकानों पर छापेमारी की. और कई दस्तावेज जब्त किए.  NIA के साथ-साथ अब आर्थिक अपराध इकाई (EOU) भी इस केस की जांच कर रही है.

वीडियो: साइबर फ्रॉड से 6 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान