ऐसा कोई ही महीना होता होगा, जब बिहार से सरकारी अव्यवस्था की तस्वीरें ना आएं. कभी पुल टूटने से, तो कभी खेतों में पुल बना देने से ये राज्य सुर्खियों में आ जाता है. अब बिहार का एक क्लॉक टावर सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है. क्योंकि ‘उद्घाटन के एक दिन बाद ही ये बंद’ हो गया. ख़बरें हैं कि इस क्लॉक टावर को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 40 लाख रुपये की लागत से बनाया गया था.
बिहार: क्लॉक टावर के साथ चोरों ने ऐसा कांड कर दिया कि मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया
Bihar Clock Tower News: अधिकारियों ने कहा- 'क्लॉक टावर का निर्माण कार्य अभी जारी है. उसका उद्घाटन तक नहीं हुआ है. क्योंकि प्रोजेक्ट अभी भी चल रहा है.' इससे पहले दावा क्या किया जा रहा था?

क्लॉक टावर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं. लोग इसे लेकर तरह-तरह के मीम बना रहे हैं. हालांकि, प्रशासन ने इन दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. अधिकारियों ने किसी भी तरह की अफवाह से बचने की भी सलाह दी है.
क्या दावा किया गया?दरअसल, सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें तैर रही हैं, उनमें दैनिक भास्कर अख़बार की कटिंग नत्थी है. इसमें दावा किया गया है कि बिहार शरीफ के नाला रोड में क्लॉक टावर बनाया गया है. लेकिन उद्घाटन के बाद से ही ‘क़रीब 40 लाख की लागत से बने’ इस क्लॉक टावर की घड़ी बंद पड़ी है. बीते एक माह से टावर के चारों तरफ़ घड़ी की सूई अलग-अलग समय पर ‘अटक जाती’ है.
दैनिक भास्कर की ख़बर बताती है कि मुख्यमंत्री के ‘प्रगति यात्रा’ के दौरान जल्दबाजी में क्लॉक टावर तो चालू कर दिया गया. लेकिन दूसरे ही दिन चोरों ने टावर में घुसकर तांबे का तार खींच लिया. टावर में लगे दो घड़ी का रिले बाहर निकल गया और एक ख़राब होकर ऊपर ही अटक गया है. दैनिक भास्कर ने प्रोजेक्ट मैनेजर के हवाले से बताया- ‘चोरों ने परेशान कर रखा है. जगह- जगह से बिजली का तार काट लिया जा रहा है.’
रिपोर्ट में बताई गई इन्ही बातों के हवाले से यूज़र्स सोशल मीडिया पर रिएक्शन दे रहे हैं. लेकिन प्रशासन ने इन दावों का खंडन किया है. उन्होंने अफवाहों पर यकीन ना करने की हिदायत दी है.
अधिकारियों ने क्या बताया?अधिकारियों ने कहा है कि क्लॉक टावर का निर्माण कार्य अभी भी जारी है. इस दावे पर कि -‘क्लॉक टावर ने उद्घाटन के 24 घंटे के भीतर काम करना बंद कर दिया’- बिहार शरीफ के म्यूनिसिपल कमिश्नर ने दीपक कुमार मिश्रा ने बताया- ये ‘अफवाह’ ‘झूठी’ है. दीपक कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा,
क्लॉक टॉवर का अभी तक उद्घाटन नहीं हुआ है. क्योंकि प्रोजेक्ट अभी चल रहा है. प्रगति यात्रा के दौरान, घड़ी को कुछ समय के लिए चालू किया गया था. लेकिन कुछ दिनों बाद, अज्ञात व्यक्तियों ने केबल चुरा ली. जिससे ये बंद हो गई. इसे फिर से लगाने का काम किया जाना है.
दीपक कुमार ने आगे बताया,
ये अंतिम डिजाइन नहीं है. टावर 20 लाख रुपये की लागत से बनाया गया था. न कि 40 लाख रुपये की लागत से, जैसा कि दावा किया जा रहा है. क्लॉक टावर व्यापक नाला रोड प्रोजेक्ट का एक घटक है, जो मछली मंडी इलाक़े को मुगल कुआं इलाक़े से जोड़ेगा.
म्यूनिसिपल कमिश्नर ने दीपक कुमार मिश्रा ने बताया,
ये प्रोजेक्ट तीन साल पहले अतिक्रमण हटाने के साथ शुरू हुआ. हमने शुरू में इसका उद्घाटन मार्च में करने की योजना बनाई थी. लेकिन अतिक्रमण हटाने में देरी के कारण समय सीमा मई के अंत तक खिसक गई. मछली मंडी की तरफ़ का काम लगभग पूरा हो चुका है. जबकि कोर्ट में लंबित मामलों के कारण मुगल कुआं की तरफ़ कुछ काम बाक़ी है.
अधिकारियों का कहना है कि क्लॉक टावर का निर्माण भी इसके साथ ही पूरा हो जाएगा.
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