बेंगलुरु के एक रेस्तरां में वैलेट सेवा (पार्किंग) देने वाले कुछ लड़कों ने रील बनाने के चक्कर में एक महिला की मर्सिडीज़ बेंज़ कार ठोक दी. घटना के बाद कस्टमर ने खुद सोशल मीडिया पोस्ट लिखकर जानकारी दी. उन्होंने बताया उनकी कार महज 5 महीने पुराने थी, जिसकी कीमत 1.4 करोड़ थी. उनका कहना है कि घटना के बाद रेस्तरां के मालिक ने उनकी कोई मदद नहीं की. घटना दो महीने पुरानी है. जब कस्टमर की पोस्ट वायरल हुई, तब पुलिस ने FIR दर्ज कर कार्रवाई शुरू की.
मर्सडीज लेकर रेस्तरां पहुंची थीं, पार्किंग के लड़कों ने रील बनाने के चक्कर में ठोक दी, पता है कितना नुकसान हुआ?
रेस्तरां के कर्मचारियों ने महिला के पास आकर कहा- “कार में ड्राइवर से थोड़ी सी खरोच लग गई है.”

इंडिया टुडे से जुड़े सगाय राज की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना बेंगलुरु के मराठल्ली इलाके की है. 26 फरवरी को बेंगलुरु की दिव्या छाबड़ा अपने परिवार के साथ ‘द बिग बारबेक्यू’ लंच करने के लिए आई थीं. रेस्तरां पहुंचकर उन्होंने अपनी मर्सिडीज बेंच वैलेट पार्किंग को दी.
दिव्या ने अपनी पोस्ट में बताया, क्योंकि कार महंगी थी, इसलिये उन्होंने वैलेट से दोबारा पूछा कि क्या वो कार को सुरक्षित पार्क कर देेंगे. इस पर वैलेट में मौजूद लोगों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वो कार को सावधानीपूर्वक पार्क कर देंगे.
दिव्या ने बताया कि इसके करीब 35-45 मिनट के बाद, रेस्तरां के कर्मचारी ने दिव्या से बात की. उसने पूछा, “क्या मर्सिडीज आपकी है?” और फिर बड़ी सहजता से उसने कहा, “ड्राइवर से थोड़ी सी खरोच लग गई है.”
लेकिन जब दिव्या ने कार की फोटो देखी तो वो हैरान रह गईं. उनकी कार बेसमेंट की दीवार में इतनी जोर से टकराई थी कि पूरी दीवार ही कार पर गिर गई थी. दिव्या ने बताया कि जब हमें इसकी जानकारी मिली, तब तक न केवल ड्राइवर बल्कि पूरी वैलेट टीम वहां से भाग चुकी थी.
सगाय राज की रिपोर्ट के मुताबिक, जब CCTV फुटेज सामने आये तो पता चला कि तीन वैलेट ड्राइवरों ने बारी-बारी से कार चलाई, और बेसमेंट में रील बनाने के समय अब्दुल्ला लश्कर के हाथों ये हादसा हुआ. जांच में उसके पास से फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस मिला. अन्य वैलेट के पास लाइसेंस नहीं था. तीनों में से केवल एक के पास वैलिड लाइसेंस था. जानकारी के मुताबिक, अब्दुल्ला लस्कर का ड्राइविंग लाइसेंस असम RTO ने फर्जी बताया.
दिव्या ने शिकायत की कि उनके नुकसान के बाद रेस्तरां स्टाफ ने कोई मदद नहीं की. दिव्या ने बताया कि स्टाफ ने दुर्घटनास्थल से ईंटें और मलबा हटा दिया. इसके अलावा उन्होंने कथित रूप से थर्ड-पार्टी वैलेट एजेंसी का फर्जी कांट्रैक्ट दिखाया ताकि पुलिस कार्रवाई से बचा जा सके. दिव्या ने अपनी पोस्ट में एक ऑडियो रिकॉर्डिंग का जिक्र किया जिसमें इस फर्जी कांट्रैक्ट को घटना के बाद तैयार करने की बात की जा रही है.
दिव्या ने बताया कि रेस्तरां के मालिक ने सहयोग करने की जगह, FIR को रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका डाली है. दिव्या ने बताया कि कार की मरम्मत में उन्हें लगभग 20 लाख रुपये का खर्च आया. दिव्या ने कहा,
“यह सिर्फ एक कार की बात नहीं है. यह उस सिस्टम की बात है जो करोड़ों की गाड़ियों को ऐसे लोगों के हवाले कर देता है जिनके पास ट्रेनिंग नहीं है, लाइसेंस नहीं है, और जब कुछ गलत हो जाए, तो सिस्टम पीड़ित को चुप कराने की कोशिश करता है, न कि गलती सुधारने की.”
दिव्या के सोशल मीडिया पर घटना से जुड़े कुछ वीडियो शेयर किये है जिसमें उनकी क्षतिग्रस्त कार और रेस्तरां की गिरी हुई दीवार दिख रही है.
जब सोशल मीडिया पर दिव्या की पोस्ट वायरल हुई तो पुलिस से भी संज्ञान लिया. मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन ने BNS की धारा के तहत (FIR No. 175/2025) और HAL एयरपोर्ट ट्रैफिक पुलिस (FIR No. 36/2025) में मामला दर्ज किया है.
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